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अलवर: फर्जी अधिकारी गिरफ्तार, नौकरी लगाने के नाम पर युवाओं से करता था ठगी

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Published : May 21, 2020, 10:24 AM IST

अलवर में पुलिस ने एक फर्जी पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार किया है. ये पुलिस अधिकारी बनकर युवाओं को नौकरी लगाने के बहाने ठगने का काम करता था. इस दौरान आरोपी के पास से एएसपी की वर्दी, फर्जी मोहर और फर्जी आईडी बरामद की गई है. पुलिस ने कहा कि आरोपी के खिलाफ राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न थानों में कई मामले भी दर्ज हैं.

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अलवर में फर्जी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार

अलवर. जिले में पुलिस ने पुलिस अधिकारी बनकर युवाओं को नौकरी लगाने के बहाने ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इस दौरान आरोपी के पास से एएसपी की वर्दी, फर्जी मोहर और फर्जी आईडी बरामद की गई हैं. पुलिस ने कहा कि इसके खिलाफ राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं. बताया जा रहा है कि एक युवक से नौकरी लगाने की एवज में इन्होंने तीन लाख रुपए लिए थे.

अलवर में फर्जी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार

अलवर के मुंडावर क्षेत्र के पीपली गांव के रहने वाले दिनेश पुत्र रघुवीर सिंह प्रजापत से पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती कराने के लिए तीन लाख रुपए में सौदा हुआ था. इस पर ठग ने पांच हजार रुपए लिए और एक फर्जी आईडी पुलिस अधीक्षक बीकानेर की मोहर लगाकर दी और पुलिस कांस्टेबल की भर्ती का सम्मान दिलाया. दिनेश को इस दौरान ठग के ऊपर शक हुआ. इस पर उसने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने जांच पड़ताल के दौरान रणधीर उर्फ बन्नी सिंह उर्फ जगबीर सिंह पुत्र उम्मेद सिंह को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी जिले का रहने वाला है, जबकि अभी यह सोडावास थाना क्षेत्र के आधार का रोड पर रहता था. इसने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर दिनेश को ठगा था. कोतवाली थाना पुलिस ने रणधीर को पुलिस लाइन अलवर के पास से एक टेलर की दुकान से गिरफ्तार किया है. इसके पास पुलिस का फर्जी आईडी, पुलिस अधीक्षक बीकानेर की मोहर बरामद हुई है. इसके खिलाफ हरियाणा के रेवाड़ी अलवर के बहरोड़, मंडावर मालाखेड़ा अलवर सहित कई थानों में मामले दर्ज हैं. बता दें कि अलवर में यह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है.

यह भी पढ़ें- गर्भवती ने किया सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय, हुक्मरानों का दावा- राजस्थान में कोई भी मजदूर पैदल नहीं चल रहा

पुलिस ने कहा कि युवाओं को नौकरी लगाने का झांसा देकर ठग और उसके बाद फर्जी दस्तावेज बनाकर उनसे पैसे ऐंठता था. पुलिस ठग से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि कई मामलों का खुलासा हो सकता है. इसके पास मिले दस्तावेज और रिकॉर्ड के अनुसार यह लंबे समय से इस काम में लगा हुआ था. पुलिस दस्तावेजों के आधार पर मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी है. पुलिस ने कहा कि इसके खिलाफ पुराने दर्ज मामलों का भी पता लगाया जा रहा है.

अलवर. जिले में पुलिस ने पुलिस अधिकारी बनकर युवाओं को नौकरी लगाने के बहाने ठगने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इस दौरान आरोपी के पास से एएसपी की वर्दी, फर्जी मोहर और फर्जी आईडी बरामद की गई हैं. पुलिस ने कहा कि इसके खिलाफ राजस्थान और हरियाणा के विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं. बताया जा रहा है कि एक युवक से नौकरी लगाने की एवज में इन्होंने तीन लाख रुपए लिए थे.

अलवर में फर्जी पुलिस अधिकारी गिरफ्तार

अलवर के मुंडावर क्षेत्र के पीपली गांव के रहने वाले दिनेश पुत्र रघुवीर सिंह प्रजापत से पुलिस कांस्टेबल के पद पर भर्ती कराने के लिए तीन लाख रुपए में सौदा हुआ था. इस पर ठग ने पांच हजार रुपए लिए और एक फर्जी आईडी पुलिस अधीक्षक बीकानेर की मोहर लगाकर दी और पुलिस कांस्टेबल की भर्ती का सम्मान दिलाया. दिनेश को इस दौरान ठग के ऊपर शक हुआ. इस पर उसने मामले की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने जांच पड़ताल के दौरान रणधीर उर्फ बन्नी सिंह उर्फ जगबीर सिंह पुत्र उम्मेद सिंह को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने बताया कि हरियाणा के रेवाड़ी जिले का रहने वाला है, जबकि अभी यह सोडावास थाना क्षेत्र के आधार का रोड पर रहता था. इसने फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर दिनेश को ठगा था. कोतवाली थाना पुलिस ने रणधीर को पुलिस लाइन अलवर के पास से एक टेलर की दुकान से गिरफ्तार किया है. इसके पास पुलिस का फर्जी आईडी, पुलिस अधीक्षक बीकानेर की मोहर बरामद हुई है. इसके खिलाफ हरियाणा के रेवाड़ी अलवर के बहरोड़, मंडावर मालाखेड़ा अलवर सहित कई थानों में मामले दर्ज हैं. बता दें कि अलवर में यह पहले भी गिरफ्तार हो चुका है.

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पुलिस ने कहा कि युवाओं को नौकरी लगाने का झांसा देकर ठग और उसके बाद फर्जी दस्तावेज बनाकर उनसे पैसे ऐंठता था. पुलिस ठग से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने कहा कि कई मामलों का खुलासा हो सकता है. इसके पास मिले दस्तावेज और रिकॉर्ड के अनुसार यह लंबे समय से इस काम में लगा हुआ था. पुलिस दस्तावेजों के आधार पर मामले की जांच पड़ताल करने में जुटी है. पुलिस ने कहा कि इसके खिलाफ पुराने दर्ज मामलों का भी पता लगाया जा रहा है.

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