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पिता को न्याय दिलवाने के लिए 3 साल की बेटी बैठी धरने पर, परिवार हो रहा परेशान, प्रशासन कर रहा लापरवाही

एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने से हुई इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत के मामले में न्याय के लिए राहुल शर्मा की 3 साल की बच्ची ने परिवार के लोगों के साथ धरना दिया. राहुल शर्मा की मौत पर परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई थी. इस घटना को 22 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

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Published : Jun 11, 2021, 8:01 PM IST

Rahul Sharma family Protest, Rahul Sharma death case
3 साल की बच्ची पिता को न्याय दिलवाने के लिए धरने पर बैठी

अलवर. आसानी से न्याय नहीं मिलता, इसके लिए लोगों को क्या क्या नहीं करना पड़ रहा है, शुक्रवार को अलवर में इसका एक उदाहरण को देखने को मिला. जहां अपने पिता को न्याय दिलवाने के लिए एक 3 साल की बच्ची ने धरना दिया. उसके साथ परिवार के अन्य सदस्य थे, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इस पूरे मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जांच पड़ताल पूरी होने के बाद भी अभी तक इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत के मामले में प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

3 साल की बच्ची पिता को न्याय दिलवाने के लिए धरने पर बैठी

अलवर से जयपुर जाते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत हो गई थी. इस घटना को 22 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. परिजनों ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई. उस पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है. परेशान परिजनों ने अलवर के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. इस धरने के दौरान सभी की निगाहें 3 साल की बच्ची पर टिकी रही. हाथ में पिता की फोटो लेकर बच्ची धरने पर बैठी हुई थी.

परिजनों ने कहा कि उनकी 3 साल की बेटी रोज वीडियो कॉलिंग कर पूछती है कि कब आएंगे पापा. उस मासूम को तो यह भी नहीं पता कि मौत क्या होती है और उसके पिता अब कभी लौट कर उसके पास नहीं आएंगे. कभी मम्मी से तो कभी दादा-दादी से पूछती रहती है, कब आएंगे पापा. बच्ची की यह हालत देख परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.

पढ़ें- मौत के बाद रेफर : पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल पर गंभीर आरोप...मृत लड़की को रेफर किया, वसूले साढ़े 4 लाख

अलवर शहर निवासी इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत तो 22 मई को ही हो चुकी है. वो कोरोना संक्रमित हुए थे. उनका पहले निजी अस्पताल में इलाज चला. वहां से जयपुर रेफर किया गया. निजी अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों ने जिला अस्पताल से एंबुलेंस ली, लेकिन एंबुलेंस में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होने के कारण राहुल की दौसा के पास मौत हो गई थी.

परिजनों ने सरकारी सिस्टम की बड़ी खामी बताते हुए कहा कि उनके बेटे की मौत नहीं हत्या हुई है. 12 दिन बाद परिजनों ने एनईबी थाने में एफआईआर दर्ज कराई. प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए, लेकिन जांच पूरी होने के बाद भी अभी तक किसी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में परेशान परिजनों ने शुक्रवार को अलवर के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. इस धरने में राहुल की 3 साल की बच्ची भी शामिल हुई.

राहुल के पिता का कहना है कि हम सिर्फ यह चाहते हैं कि राहुल की मौत के जिम्मेदार को सजा मिले, ताकि राहुल की तरह किसी और की जान नहीं जाए. परिजनों ने बताया कि जिला प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है. जांच पूरी हो गई, लेकिन जब तक जिम्मेदारों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक राहुल को न्याय नहीं मिल सकता. राहुल के पिता ने बताया कि इस संबंध में अपनी समस्या लेकर जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक मंत्री विधायक सभी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई उनकी समस्या नहीं सुन रहा है. उन्होंने कहा कि जांच के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे इस तरह की घटना किसी और के साथ ना हो सके.

अलवर. आसानी से न्याय नहीं मिलता, इसके लिए लोगों को क्या क्या नहीं करना पड़ रहा है, शुक्रवार को अलवर में इसका एक उदाहरण को देखने को मिला. जहां अपने पिता को न्याय दिलवाने के लिए एक 3 साल की बच्ची ने धरना दिया. उसके साथ परिवार के अन्य सदस्य थे, लेकिन प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. इस पूरे मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जांच पड़ताल पूरी होने के बाद भी अभी तक इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत के मामले में प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है.

3 साल की बच्ची पिता को न्याय दिलवाने के लिए धरने पर बैठी

अलवर से जयपुर जाते समय एंबुलेंस में ऑक्सीजन खत्म होने के कारण इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत हो गई थी. इस घटना को 22 दिन बीत चुके हैं, लेकिन प्रशासन की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. परिजनों ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई. उस पर भी कोई कदम नहीं उठाया गया है. परेशान परिजनों ने अलवर के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. इस धरने के दौरान सभी की निगाहें 3 साल की बच्ची पर टिकी रही. हाथ में पिता की फोटो लेकर बच्ची धरने पर बैठी हुई थी.

परिजनों ने कहा कि उनकी 3 साल की बेटी रोज वीडियो कॉलिंग कर पूछती है कि कब आएंगे पापा. उस मासूम को तो यह भी नहीं पता कि मौत क्या होती है और उसके पिता अब कभी लौट कर उसके पास नहीं आएंगे. कभी मम्मी से तो कभी दादा-दादी से पूछती रहती है, कब आएंगे पापा. बच्ची की यह हालत देख परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है.

पढ़ें- मौत के बाद रेफर : पिलानी के कल्पवृक्ष अस्पताल पर गंभीर आरोप...मृत लड़की को रेफर किया, वसूले साढ़े 4 लाख

अलवर शहर निवासी इंजीनियर राहुल शर्मा की मौत तो 22 मई को ही हो चुकी है. वो कोरोना संक्रमित हुए थे. उनका पहले निजी अस्पताल में इलाज चला. वहां से जयपुर रेफर किया गया. निजी अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध नहीं होने के कारण परिजनों ने जिला अस्पताल से एंबुलेंस ली, लेकिन एंबुलेंस में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं होने के कारण राहुल की दौसा के पास मौत हो गई थी.

परिजनों ने सरकारी सिस्टम की बड़ी खामी बताते हुए कहा कि उनके बेटे की मौत नहीं हत्या हुई है. 12 दिन बाद परिजनों ने एनईबी थाने में एफआईआर दर्ज कराई. प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए, लेकिन जांच पूरी होने के बाद भी अभी तक किसी के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया है. ऐसे में परेशान परिजनों ने शुक्रवार को अलवर के शहीद स्मारक पर सांकेतिक धरना दिया. इस धरने में राहुल की 3 साल की बच्ची भी शामिल हुई.

राहुल के पिता का कहना है कि हम सिर्फ यह चाहते हैं कि राहुल की मौत के जिम्मेदार को सजा मिले, ताकि राहुल की तरह किसी और की जान नहीं जाए. परिजनों ने बताया कि जिला प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है. जांच पूरी हो गई, लेकिन जब तक जिम्मेदारों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक राहुल को न्याय नहीं मिल सकता. राहुल के पिता ने बताया कि इस संबंध में अपनी समस्या लेकर जिला कलेक्टर पुलिस अधीक्षक मंत्री विधायक सभी से मिल चुके हैं, लेकिन कोई उनकी समस्या नहीं सुन रहा है. उन्होंने कहा कि जांच के आधार पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे इस तरह की घटना किसी और के साथ ना हो सके.

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