अलवर. अलवर के भिवाड़ी पर दुबई के भाई की नजर जम गई है. इसलिए दुबई में रहने वाले भाई के इशारे पर दिल्ली एनसीआर की सक्रिय गैंग का भिवाड़ी में नेटवर्क फैल रहा है. गैंग के सरगना फ्लाइट से तीन महीने के ट्यूरिस्ट वीजा पर दुबई जाते हैं, वहां से गैंग के गुर्गों से वारदात अंजाम दिलवाते हैं और वापस लौट आते हैं.
इससे उनके खिलाफ पुलिस के पास कोई सबूत नही होते हैं. दुबई में रहने वाला आका भाई से पंकज दुबई बोटिम तथा सिग्नल एप के माध्यम से गैंग लीडर अमित डागर के संपर्क में रहता है. जिससे वे पुलिस की निगरानी से बच जाते हैं. बोटिम और सिग्नल एप भारत में बहुत कम इस्तेमाल होते हैं. इनके बारे में जानकारी के लिए भिवाड़ी पुलिस ने अमेरिका तक इनके ऑफिस में संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी.
हाल ही में भिवाड़ी स्थित हरीश बेकरी पर हुई फायरिंग व रंगदारी के मामले में पुलिस ने तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया. जिनसे पूछताछ के बाद यह बड़ा खुलासा हुआ. सूत्रों ने बताया कि दुबई में बैठे भाई के इशारे पर दिल्ली व एनसीआर की गैंग भिवाड़ी में खुलेआम घटनाएं कर रहे हैं. हाल ही में गिरफ्तार हुए बदमाशों से पूछताछ के बाद कई चौंकाने वाले खुलास हुए हैं. सूत्रों की मानें तो दुबई में बैठे भाई जेल में बंद कई मोस्ट वांटेड बदमाशों के संपर्क में हैं. कई बड़ी जेल से खुलेआम अपराध का खेल चल रहा है. उनके इशारों पर बदमाश भिवाड़ी और आसपास के क्षेत्र में रंगदारी मांगने के लिए फायरिंग कर लूटपाट कर रहे हैं. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि गाजियाबाद-नोएडा-फरीदाबाद-पलवल-गुड़गांव-दिल्ली-मेरठ सहित उत्तर भारत के मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल बदमाशों का संपर्क भिवाड़ी से मिल रहा है.
नहीं रुका खेल तो बर्बाद हो जाएगी औद्योगिक नगरी
पुलिस ने जल्द ही इस नेटवर्क को नहीं रोका तो प्रदेश की औद्योगिक नगरी भिवाड़ी बर्बाद हो सकती है. एक बार अगर यहां बदमाशों का नेटवर्क फैल गया तो पुलिस को खासी परेशानी होगी. अभी बदमाश क्षेत्र में अपना नेटवर्क फैला रही हैं. ऐसे में शुरुआत के समय में इस नेटवर्क को तोड़ना आसान रहेगा. साथ ही रंगदारी पर लूटपाट से परेशान कारोबारी व उद्योगपति अपनी औद्योगिक इकाइयों को बंद करने लगेंगे. जिससे रोजगार समाप्त हो जाएंगे.
विशेष तरह के सॉफ्टवेयर लेते हैं यूज
पुलिस जांच पड़ताल में सामने आया है कि भिवाड़ी में रंगदारी का जो खेल चल रहा है, उसमें मोस्ट वांटेड बदमाश एक दूसरे के संपर्क में रहने के लिए एक विशेष तरह का सॉफ्टवेयर काम में लेते हैं. उस सॉफ्टवेयर को पुलिस ट्रैक नहीं कर पाती. साथ ही सॉफ्टवेयर कंपनी द्वारा भी पुलिस को जानकारी देने से मना किया है. जिसके चलते बदमाशों तक पहुंचने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
फायरिंग के मामले में बदमाशों तक कैसे पहुंची पुलिस
पुलिस ने बताया कि गैंग के एक बदमाश ने अपनी पत्नी को वाइस कॉल किया था. जिसको भिवाड़ी पुलिस की साइबर सेल ने ट्रेस कर लिया और उनका पीछा करते हुए हरिद्वार में 3 किलोमीटर के इलाके में डोर-टू-डोर सर्वे कर पार्क में बैठे दीपक अग्रवाल और अमन को गिरफ्तार कर लिया. इनसे पूछताछ के बाद तीसरे आरोपी मोहित गुर्जर को गिरफ्तार किया है.
भिवाड़ी में हुई बड़ी घटनाएं
15 फरवरी को भोंडसी जेल में बंद नरेंद्र गुर्जर उर्फ नब्बू के नाम पर अलवर बाईपास स्थित जोधपुर स्वीट्स पर फायरिंग की गई. बदमाशों ने पर्ची थमा कर 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी. 4 अप्रैल को घटाल स्थित मुन्ना कबाड़ी के गोदाम पर हवाई फायर कर 50 लाख रुपए की रंगदारी की पर्ची थमाई गई थी. 26 अगस्त को मुन्ना कबाड़ी के गोदाम पर 20 राउंड फायरिंग कर गार्ड को 5 करोड़ रुपए की रंगदारी देने के लिए पर्ची थमाई गई थी. 13 सितंबर को 5 बदमाशों ने हरीश बेकरी पर 30 राउंड फायरिंग करके एक करोड़ रुपए की रंगदारी की पर्ची दी थी. इस मामले का खुलासा पुलिस कर चुकी है.