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Delhi Mumbai Expressway : पूर्वांचल एक्सप्रेस वे और जेवर एयरपोर्ट के बाद देश को मिलेगा एक और सुपर एक्सप्रेस वे - Delhi Mumbai National Corridor

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे (Purvanchal Express Way) और जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर सकते हैं. एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य करने वाली एजेंसियों को मार्च 2022 तक काम पूरा करने के आदेश दिए गए हैं.

Delhi Mumbai Expressway
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Published : Dec 4, 2021, 7:45 PM IST

Updated : Dec 4, 2021, 10:49 PM IST

अलवर. भारत के नए एक्सप्रेस वे देश की गति को तेजी से बढ़ा रहे हैं. दिल्ली से मुंबई को जोड़ने वाला नया हाइवे दिल्ली वड़ोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे की सौगात जल्द ही देश को मिल सकती है. इसे तैयार कर रही कंपनी को मार्च 2022 तक का टारगेट दिया गया है. भारत में सड़क परिवहन (road transport in india) की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम होगा.

दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे अलवर (Delhi Mumbai Expressway will pass through Alwar) से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेस वे का हाईटेंशन विद्युत लाइन और रेलवे ओवर ब्रिज को छोड़कर ज्यादातर काम पूरा हो चुका है या तेजी से चल रहा है. इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने से उत्तर भारत सीधे तौर पर गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़ सकेगा. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब को महाराष्ट्र से जोड़ने वाला ये सबसे छोटा सड़क मार्ग होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट के बाद देश के लिये यह बड़ी सौगात होगी.

देश को मिलेगा एक और सुपर एक्सप्रेस वे

मार्च 2022 तक काम पूरा करने का टारगेट

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. वहां काम करने वाले इंजीनियर कांट्रेक्टर्स को मार्च 2022 तक काम पूरा करने के दिशा निर्देश मिले हैं. साफ है कि मार्च के बाद साल 2022 में एक्सप्रेस वे शुरू हो सकता है. केंद्र सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट के बाद दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Vadodara Mumbai Expressway ) को शुरू करने की तैयारी कर रही है. अलवर में एक्सप्रेस वे पर चढ़ने उतरने की दो जगह व्यवस्था की गई है. अलवर-भरतपुर मार्ग पर बड़ौदामेव के पास एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने और उतरने की व्यवस्था रहेगी. यहां टोल बनाए गए हैं. इसके अलावा अलवर के रेणी के पास भी एक्सप्रेस वे की एक लाइन को उतारा गया है. यहां भी टोल की व्यवस्था की गई है.

24 घंटे का सफर 13 घंटे में

एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. करीब 1,261 किमी का यह प्रोजेक्ट करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसमें 497 किमी के हिस्से पर काम जारी है. आठ लेन के इस एक्सप्रेस वे पर सभी आधुनिक सुविधाएं हैं. इसके शुरू होने का बाद शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी 24 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा.

पढ़ें- Delhi-Mumbai Expressway पकडे़गा राजस्थान की भी राह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़ेंगे अलवर के तार!

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे 2023-24 तक बनकर तैयार होना था. अब इसका उद्घाटन साल 2022 में होने की संभावना है. यह प्रोजेक्ट खासा अहम है. दिल्ली मुंबई नेशनल कॉरिडोर (Delhi Mumbai National Corridor) के साथ स्वर्णिम चजुर्भुज का NH-48 पर भारी बोझ हो गया है. छह लेन का यह कॉरिडोर देश के रोड नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस पर औसत ट्रैफिक करीब 80,000 पैसेंजर कार यूनिट (PCUs) है. एक आकलन के अनुसार यह जल्द ही बढ़कर, 100,000 PCUs हो जाएगा.

इन राज्यों के शहरों से होकर गुजर रहा है एक्सप्रेस वे

यह एक्सप्रेस वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से अलवर, जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद और वडोदरा की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी. दूरी और समय कम होने से इसका आर्थिक फायदा होगा.

पर्यावरण को होगा फायदा, पेट्रोल डीजल की होगी बचत

एक्सप्रेस वे से दूरी कम होने से लॉजिस्टिक लागत कॉरिडोर पर करीब 8-9% कम होगी और इससे लाइफटाइम करीब 1,00,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. दूरी, समय और तेल की खपत कम होगी. एक्सप्रेस वे से करीब 32 करोड़ लीटर तेल की सालाना बचत होने की उम्मीद है. वहीं, प्रति लीटर 2.68 किलो का CO2 उत्सर्जन मानकर चलें तो हर साल 85.7 करोड़ किलो CO2 उत्सर्जन कम होगा. हाइवे एरिया में प्रति एकड़ 80 पेड़ों के हिसाब से करीब 4 लाख पेड़ों की जरूरत होगी.

भारत का हाईटेक एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे सभी हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. इस पर सफर करने वाले लोगों पर हाई रेगुलेशन कैमरों से नजर रखी जाएगी. ओवर स्पीड चलने वाले वाहनों का अपने आप चालान होगा. हाईवे पर चलने वाले लोगों को यातायात नियमों का पालन करना होगा. एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह फूड कोर्ट, शौचालय, लोगों के रुकने के लिए रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा साइन बोर्ड, वाईफाई व अन्य स्मार्ट ड्राइविंग की आधुनिक सुविधाएं इस एक्सप्रेस वे पर मिलेंगी.

अलवर. भारत के नए एक्सप्रेस वे देश की गति को तेजी से बढ़ा रहे हैं. दिल्ली से मुंबई को जोड़ने वाला नया हाइवे दिल्ली वड़ोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे की सौगात जल्द ही देश को मिल सकती है. इसे तैयार कर रही कंपनी को मार्च 2022 तक का टारगेट दिया गया है. भारत में सड़क परिवहन (road transport in india) की दिशा में यह क्रांतिकारी कदम होगा.

दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे अलवर (Delhi Mumbai Expressway will pass through Alwar) से होकर गुजरेगा. इस एक्सप्रेस वे का हाईटेंशन विद्युत लाइन और रेलवे ओवर ब्रिज को छोड़कर ज्यादातर काम पूरा हो चुका है या तेजी से चल रहा है. इस एक्सप्रेस वे के शुरू होने से उत्तर भारत सीधे तौर पर गुजरात और महाराष्ट्र से जुड़ सकेगा. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब को महाराष्ट्र से जोड़ने वाला ये सबसे छोटा सड़क मार्ग होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और जेवर एयरपोर्ट के बाद देश के लिये यह बड़ी सौगात होगी.

देश को मिलेगा एक और सुपर एक्सप्रेस वे

मार्च 2022 तक काम पूरा करने का टारगेट

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. वहां काम करने वाले इंजीनियर कांट्रेक्टर्स को मार्च 2022 तक काम पूरा करने के दिशा निर्देश मिले हैं. साफ है कि मार्च के बाद साल 2022 में एक्सप्रेस वे शुरू हो सकता है. केंद्र सरकार पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, जेवर एयरपोर्ट के बाद दिल्ली वडोदरा मुंबई एक्सप्रेस वे (Delhi Vadodara Mumbai Expressway ) को शुरू करने की तैयारी कर रही है. अलवर में एक्सप्रेस वे पर चढ़ने उतरने की दो जगह व्यवस्था की गई है. अलवर-भरतपुर मार्ग पर बड़ौदामेव के पास एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने और उतरने की व्यवस्था रहेगी. यहां टोल बनाए गए हैं. इसके अलावा अलवर के रेणी के पास भी एक्सप्रेस वे की एक लाइन को उतारा गया है. यहां भी टोल की व्यवस्था की गई है.

24 घंटे का सफर 13 घंटे में

एक्सप्रेस वे का काम तेजी से चल रहा है. करीब 1,261 किमी का यह प्रोजेक्ट करीब 1 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इसमें 497 किमी के हिस्से पर काम जारी है. आठ लेन के इस एक्सप्रेस वे पर सभी आधुनिक सुविधाएं हैं. इसके शुरू होने का बाद शहरों के बीच की दूरी कम हो जाएगी और यात्रा का समय भी 24 घंटे से घटकर 13 घंटे रह जाएगा.

पढ़ें- Delhi-Mumbai Expressway पकडे़गा राजस्थान की भी राह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़ेंगे अलवर के तार!

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे 2023-24 तक बनकर तैयार होना था. अब इसका उद्घाटन साल 2022 में होने की संभावना है. यह प्रोजेक्ट खासा अहम है. दिल्ली मुंबई नेशनल कॉरिडोर (Delhi Mumbai National Corridor) के साथ स्वर्णिम चजुर्भुज का NH-48 पर भारी बोझ हो गया है. छह लेन का यह कॉरिडोर देश के रोड नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस पर औसत ट्रैफिक करीब 80,000 पैसेंजर कार यूनिट (PCUs) है. एक आकलन के अनुसार यह जल्द ही बढ़कर, 100,000 PCUs हो जाएगा.

इन राज्यों के शहरों से होकर गुजर रहा है एक्सप्रेस वे

यह एक्सप्रेस वे हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाले दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से अलवर, जयपुर, कोटा, चितौड़गढ़, इंदौर, उज्जैन, भोपाल, अहमदाबाद और वडोदरा की कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी. दूरी और समय कम होने से इसका आर्थिक फायदा होगा.

पर्यावरण को होगा फायदा, पेट्रोल डीजल की होगी बचत

एक्सप्रेस वे से दूरी कम होने से लॉजिस्टिक लागत कॉरिडोर पर करीब 8-9% कम होगी और इससे लाइफटाइम करीब 1,00,000 करोड़ रुपये की बचत होगी. दूरी, समय और तेल की खपत कम होगी. एक्सप्रेस वे से करीब 32 करोड़ लीटर तेल की सालाना बचत होने की उम्मीद है. वहीं, प्रति लीटर 2.68 किलो का CO2 उत्सर्जन मानकर चलें तो हर साल 85.7 करोड़ किलो CO2 उत्सर्जन कम होगा. हाइवे एरिया में प्रति एकड़ 80 पेड़ों के हिसाब से करीब 4 लाख पेड़ों की जरूरत होगी.

भारत का हाईटेक एक्सप्रेस वे

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे सभी हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा. इस पर सफर करने वाले लोगों पर हाई रेगुलेशन कैमरों से नजर रखी जाएगी. ओवर स्पीड चलने वाले वाहनों का अपने आप चालान होगा. हाईवे पर चलने वाले लोगों को यातायात नियमों का पालन करना होगा. एक्सप्रेस वे पर जगह-जगह फूड कोर्ट, शौचालय, लोगों के रुकने के लिए रेस्टोरेंट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा साइन बोर्ड, वाईफाई व अन्य स्मार्ट ड्राइविंग की आधुनिक सुविधाएं इस एक्सप्रेस वे पर मिलेंगी.

Last Updated : Dec 4, 2021, 10:49 PM IST
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