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अलवर के लाल को नम आंखों से दी अंतिम विदाई, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार...'शहीद शेर सिंह अमर रहें' का हुआ जयघोष

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Published : Jun 18, 2021, 8:42 PM IST

अलवर के खेड़ली कस्बे के समूची गांव निवासी सीआरपीएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर शेर सिंह जाटव का शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ. बड़े बेटे हितेश ने मुखाग्नि दी. अंतिम विदाई के दौरान 'शहीद शेर सिंह अमर रहें' के जयघोष से क्षेत्र गूंज उठा.

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शहीद को दी गई अंतिम विदाई

अलवर. जिले के खेड़ली कस्बे के समूची गांव निवासी सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर शेर सिंह जाटव (CRPF Sub Inspector) का शुक्रवार को पैतृक गांव में राजकीय सम्मान (State Honor) के साथ अंतिम संस्कार हुआ. इस मौके पर प्रदेश के श्रम मंत्री टीका राम जुली भी मौजूद रहे. उन्होंने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर आदरांजलि अर्पित की. उसके बाद शहीद की पत्नी को तिरंगा सौंपा गया. इस मौके पर आसपास के गांव के हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. इस दौरान 'शहीद शेर सिंह अमर रहें' का जयघोष से क्षेत्र गूंजता रहा.

पढ़ें: श्रीनगर में हृदय गति रुकने से राजस्थान के अलवर का लाल शेरसिंह शहीद

ह्रदय गति रुकने से शहीद शेर सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार देर रात खेड़ली पहुंचा था, जहां थाने में सम्मान के साथ रखवा दिया गया. सुबह काफी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे. इसके बाद पार्थिव शरीर को शहीद के पैतृक गांव समूची में ले जाया गया, जहां परिजनों का धैर्य जवाब दे गया और रोते बिलखते परिजनों को देख वहां मौजूद हर शख्स गमगीन हो गया. बाद में गार्ड ऑफ ऑनर और राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

शेर सिंह 1992 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे और उनका पिछले साल ही एसआई के पद पर प्रमोशन हुआ था. शहीद शेर सिंह जाटव 30 अप्रैल को गांव से ड्यूटी पर गए थे. 22 अप्रैल को बेटे की सगाई की थी और जुलाई में बेटे की शादी तय करने के लिए आने की बात कह रहे थे. लेकिन हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई. उनके दो लड़कों हितेश जाटव और राहुल जाटव में से बड़े बेटे हितेश ने मुखाग्नि दी. श्रम मंत्री टीकाराम जुली ने बताया कि जवान की मौत को अपूरणीय क्षति बताया.

अलवर. जिले के खेड़ली कस्बे के समूची गांव निवासी सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर शेर सिंह जाटव (CRPF Sub Inspector) का शुक्रवार को पैतृक गांव में राजकीय सम्मान (State Honor) के साथ अंतिम संस्कार हुआ. इस मौके पर प्रदेश के श्रम मंत्री टीका राम जुली भी मौजूद रहे. उन्होंने शहीद के पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर आदरांजलि अर्पित की. उसके बाद शहीद की पत्नी को तिरंगा सौंपा गया. इस मौके पर आसपास के गांव के हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे. इस दौरान 'शहीद शेर सिंह अमर रहें' का जयघोष से क्षेत्र गूंजता रहा.

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ह्रदय गति रुकने से शहीद शेर सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार देर रात खेड़ली पहुंचा था, जहां थाने में सम्मान के साथ रखवा दिया गया. सुबह काफी संख्या में लोग शहीद के अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे. इसके बाद पार्थिव शरीर को शहीद के पैतृक गांव समूची में ले जाया गया, जहां परिजनों का धैर्य जवाब दे गया और रोते बिलखते परिजनों को देख वहां मौजूद हर शख्स गमगीन हो गया. बाद में गार्ड ऑफ ऑनर और राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.

शेर सिंह 1992 में सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे और उनका पिछले साल ही एसआई के पद पर प्रमोशन हुआ था. शहीद शेर सिंह जाटव 30 अप्रैल को गांव से ड्यूटी पर गए थे. 22 अप्रैल को बेटे की सगाई की थी और जुलाई में बेटे की शादी तय करने के लिए आने की बात कह रहे थे. लेकिन हृदय गति रुकने से उनकी मौत हो गई. उनके दो लड़कों हितेश जाटव और राहुल जाटव में से बड़े बेटे हितेश ने मुखाग्नि दी. श्रम मंत्री टीकाराम जुली ने बताया कि जवान की मौत को अपूरणीय क्षति बताया.

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