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293 jawans joined Rajasthan Police: 293 जवान हुए पुलिस बेड़े में शामिल, 12 जिलों में मिलेगी नौकरी - 293 jawans joined the police

अलवर पुलिस ट्रेनिंग ग्राउंड पर सोमवार को आरक्षी बैच संख्या 6 का दीक्षांत समारोह आयोजित किया (293 jawans joined Rajasthan Police) गया. कार्यक्रम में 293 जवानों को 270 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद पुलिस बेड़े में शामिल किया गया.

293 jawans joined the police
293 जवान हुए पुलिस बेड़े में शामिल
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Published : May 30, 2022, 1:18 PM IST

अलवर. जिले के पुलिस ट्रेनिंग ग्राउंड पर आज यानी सोमवार को आरक्षी बैच संख्या 6 का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में 293 जवानों को 270 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद पुलिस बेड़े में शामिल किया (293 jawans joined Rajasthan Police) गया. कार्यक्रम में अतिरिक्त महानिदेशक बीजू जार्ज जोसेफ मुख्य आतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

पुलिसकर्मियों को 270 दिनों की ट्रेनिंग में हथियार चलाने से लेकर किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है. दीक्षांत समारोह के बाद एक साल तक पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन थाने और अन्य जगहों पर ट्रेनिंग के दौरान तैनात किया जाएगा. साथ ही पुलिस की वर्किंग की जानकारी दी जाएगी. इस बैच से भिवाड़ी, दौसा, अलवर, करौली, सवाई माधोपुर, उदयपुर, धौलपुर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और भरतपुर जिले को पुलिसकर्मी दिए जाएंगे. दीक्षांत समारोह के दौरान ट्रेनिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित कर मेडल दिए गए.

293 जवान हुए पुलिस बेड़े में शामिल

पढ़ें. Rekha Sharma in Rajsamand: महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा- राजस्थान पुलिस महिला अपराधों के मामले में गंभीर नहीं

ऑनलाइन अपराध एक बड़ी चुनौती: कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त महानिदेशक बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि इस बैच में 47 एक्स सर्विसमैन भी शामिल है. पुलिसकर्मियों ने परेड ग्राउंड को तैयार किया है. साथ ही इसमें 20 हॉर्स राइडर को भी ट्रेनिंग दी गई है. अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा कि समय के साथ अब ट्रेनिंग के तरीकों में भी बदलाव होने लगा है. आज पुलिसकर्मी के सामने ऑनलाइन अपराध एक बड़ी चुनौती है. इसलिए ट्रेनिंग के दौरान ऑनलाइन क्राइम से निपटने के लिए विशेष शेषन रखे जाते हैं. पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन अपराध और अपराधियों से निपटने के (Convocation of Constable Batch Number 6) लिए ट्रेंड किया जाता है.

आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग: महानिदेशक बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. ताकि किसी भी तरीके की विशेष परिस्थिति आए तो वे तैयार रहें. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान अलवर में मौजूद आइटीबीपी डॉग स्क्वायड सहित अन्य ट्रेनिंग सेंटरों में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था. जहां उन्होंने आधुनिक ट्रेनिंग ली है. उन्होंने कहा कि एक साल अलग-अलग जगहों पर काम करने के बाद इनको पुलिस परिवार में शामिल किया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान ली गई ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों के आजीवन काम आती है.

अलवर. जिले के पुलिस ट्रेनिंग ग्राउंड पर आज यानी सोमवार को आरक्षी बैच संख्या 6 का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में 293 जवानों को 270 दिनों की कड़ी ट्रेनिंग के बाद पुलिस बेड़े में शामिल किया (293 jawans joined Rajasthan Police) गया. कार्यक्रम में अतिरिक्त महानिदेशक बीजू जार्ज जोसेफ मुख्य आतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

पुलिसकर्मियों को 270 दिनों की ट्रेनिंग में हथियार चलाने से लेकर किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार किया जाता है. दीक्षांत समारोह के बाद एक साल तक पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन थाने और अन्य जगहों पर ट्रेनिंग के दौरान तैनात किया जाएगा. साथ ही पुलिस की वर्किंग की जानकारी दी जाएगी. इस बैच से भिवाड़ी, दौसा, अलवर, करौली, सवाई माधोपुर, उदयपुर, धौलपुर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, हनुमानगढ़, झुंझुनू और भरतपुर जिले को पुलिसकर्मी दिए जाएंगे. दीक्षांत समारोह के दौरान ट्रेनिंग में बेहतर प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को सम्मानित कर मेडल दिए गए.

293 जवान हुए पुलिस बेड़े में शामिल

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ऑनलाइन अपराध एक बड़ी चुनौती: कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त महानिदेशक बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि इस बैच में 47 एक्स सर्विसमैन भी शामिल है. पुलिसकर्मियों ने परेड ग्राउंड को तैयार किया है. साथ ही इसमें 20 हॉर्स राइडर को भी ट्रेनिंग दी गई है. अतिरिक्त महानिदेशक ने कहा कि समय के साथ अब ट्रेनिंग के तरीकों में भी बदलाव होने लगा है. आज पुलिसकर्मी के सामने ऑनलाइन अपराध एक बड़ी चुनौती है. इसलिए ट्रेनिंग के दौरान ऑनलाइन क्राइम से निपटने के लिए विशेष शेषन रखे जाते हैं. पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन अपराध और अपराधियों से निपटने के (Convocation of Constable Batch Number 6) लिए ट्रेंड किया जाता है.

आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग: महानिदेशक बीजू जॉर्ज जोसफ ने कहा कि पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है. ताकि किसी भी तरीके की विशेष परिस्थिति आए तो वे तैयार रहें. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग के दौरान अलवर में मौजूद आइटीबीपी डॉग स्क्वायड सहित अन्य ट्रेनिंग सेंटरों में भी ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था. जहां उन्होंने आधुनिक ट्रेनिंग ली है. उन्होंने कहा कि एक साल अलग-अलग जगहों पर काम करने के बाद इनको पुलिस परिवार में शामिल किया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान ली गई ट्रेनिंग पुलिसकर्मियों के आजीवन काम आती है.

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