अलवर. देश के दूसरे प्रधानमंत्री और जय किसान जय जवान का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि सोमवार को अलवर में मनाई गई. जिला कांग्रेस की ओर से सुभाष चौक स्थित कार्यालय पर शास्त्री की जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें वक्ताओं ने शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला. इस मौके पर श्रम मंत्री टीकाराम जूली, जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा, नगर परिषद सभापति पीना गुप्ता सहित कांग्रेस के कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे.
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श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि किसानों के मसीहा पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री एक साधारण व्यक्तित्व थे, लेकिन देश के लिए बहुत काम करके गए हैं. उनके काम को भुलाया नहीं जा सकता है और वो भी उस दौर में जब देश के अंदर खाद्यान्न की बहुत ज्यादा कमी थी. उस वक्त अन्न की कमी से जूझ रहे देश को पटरी पर लाने के लिए शास्त्री जी ने एक समय भूखे रहने की अपील की थी, जिसे पूरे देश ने माना.
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि शास्त्री जी किसानों और मजदूर वर्ग के सच्चे हितैषी थे. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने और उन्होंने देश को जय जवान जय किसान का नारा दिया. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान देश की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने का काम किया. उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा आया, जब उनकी पत्नी की साड़ी पुरानी हो चुकी थी. लेकिन, उन्होंने फिर भी अपनी पत्नी को समझाया कि इसी से काम चला लीजिए. उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर 10 लाख रुपये का सूट पहनते हैं.
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महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने अलवर जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी संघ ने आंगनवाड़ी कार्मिकों की समस्याओं को लेकर सोमवार को अलवर जिला कलेक्टर को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन से पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के बाहर धरना दिया. इस दौरान आंगनवाड़ी कार्मिकों ने कहा कि हमारा पोषाहार का पैसा अटका हुआ है. उसको सरकार जल्द हमें दिलवाए. वहीं, राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी की जिला अध्यक्ष ललतेश शर्मा ने कहा कि सरकार के जन घोषणा-पत्र में किए गए वादों को निभाते हुए कार्यकर्ता, सहायिका, आशा सहयोगिनी, मिनी कार्यकर्ता और शिशु पालना गृह कार्यकर्ता को नियमित कर्मचारी बनाए जाए और पोषाहार का जो 2018-19 का पैसाअटका हुआ है, उसे हमें दिलवाया जाए. उन्होंने कहा कि अलवर की परियोजना उमरेड रामगढ़ तिजारा सहित सभी 17 परियोजनाओं का बकाया पैसा है. इसके अलावा कहीं-कहीं मानदेय 4-5 महीने का है. दलिया, खिचड़ी, मोबाइल इन सभी का पैसा बकाया है. जब हम मांग उठाते हैं तो कहते हैं बजट नहीं है. उन्होंने कहा कि उनका मानदेय सम्मानजनक किया जाए और उनकी न्यूनतम मजदूरी भी कम नहीं हो. सभी आंगनवाड़ी कार्मिकों के लिए पदोन्नति नियम बनाए जाए एवं नियमित सेवा में जाने के लिए सेवा का अवसर दिया जाए. इसके अलावा सामाजिक सुरक्षा हेतु पेंशन व्यवस्था की जाए आदि मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.