अलवर. प्रवासी श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के निर्देश पर अलवर और आसपास के जिलों से 1000 बसें यूपी के लिए रवाना की गई थी. लेकिन यूपी सरकार की तरफ से बसों को प्रवेश नहीं दिया गया है. 3 दिनों से बसें यूपी बॉर्डर पर खड़ी हुई है. इस मामले पर राजनीति शुरू हो चुकी है. कांग्रेस और भाजपा की तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रहे हैं.
जानकारी के अनुसार भाजपा कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस की ओर से भरतपुर एसपी को लिखित शिकायत दी गई है. इस शिकायत पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है तो जल्द ही एफआईआर दर्ज हो सकती है.
यूपी सरकार ने कांग्रेस की ओर से दी गई लिस्ट को जारी करते हुए कहा, कि जिन बसों को भेजा गया है, उन पर ऑटो और बाइक के नंबर डाले हुए हैं. जबकि कांग्रेस के नेताओं ने कहा, कि भाजपा और यूपी सरकार राजनीति कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि जो बसें ठीक है उन बसों को प्रवेश क्यों नहीं दिया जा रहा है. ट्रांसपोर्टरों की तरफ से वाहनों की सूची उपलब्ध कराई गई थी, उसमें कुछ गड़बड़ी हो सकती है.
यूपी सरकार की जांच पड़ताल के दौरान 700 से अधिक बसें पूरी तरीके से ठीक है, सरकार उनको प्रवेश दे. इस सब के बीच यूपी सरकार कांग्रेसियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है. तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने इस पूरे मामले में भरतपुर एसपी को एक लिखित शिकायत दी है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान ने बताया, कि प्रियंका गांधी के कहने पर 1000 बसों को यूपी भेजा गया था. लेकिन यूपी सरकार ने बसों को प्रवेश नहीं दिया. इस पर बसें वापस लौट कर आ गई थी. लेकिन अगले दिन कांग्रेसियों के पास उत्तर प्रदेश सरकार की एक चिट्ठी आई, जिसमें बस भेजने की बात कही थी. जुबेर खान ने बताया कि उसके बाद अगले दिन फिर से बसों को उत्तर प्रदेश भेजा गया, लेकिन फिर से उनको प्रवेश नहीं दिया गया.
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जुबेर खान ने बताया कि रात भर बसें उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर खड़ी रही. इस बीच आगरा मथुरा के पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कांग्रेस नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया. इस प्रक्रिया के दौरान कांग्रेसियों को खासी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा और इसमें नुकसान और खर्चा भी हुआ. इस परेशानी के बाद कांग्रेस की तरफ से इस मामले में एक लिखित शिकायत भरतपुर पुलिस अधीक्षक को दी गई है.
भरतपुर एसपी ने कहा, कि शिकायत के आधार पर इस मामले की जांच पड़ताल शुरू हो चुकी है. जुबेर खान ने कहा कि कांग्रेस इस मामले पर कोई राजनीति नहीं कर रही है. अगर कांग्रेस राजनीति करती तो बसों पर कांग्रेस के झंडे लगे होते और कांग्रेस के नेताओं के पोस्टर बस पर होते. लेकिन इस घड़ी में श्रमिकों को राहत पहुंचाने की आवश्यकता है.