अलवर. जयपुर के बाद अलवर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है. जहां लाखों की संख्या में सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते हैं. सरकार इन बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है, लेकिन अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.
अलवर के राजा के नाम पर सबसे पुराना सरकारी स्कूल प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय इन दिनों बदहाली की स्थिति में है और यहां के बच्चे नाली के पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
आपको बता दें कि स्कूल के खेल ग्राउंड में नाली का पानी जमा रहता है और आए दिन स्कूल की कक्षाओं में भी नाली का पानी भर जाता है. ऐसे में मजबूरी में बच्चों को बाहर खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती है. बदबू के कारण बुरा हाल रहता है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.
पानी से खेल ग्राउंड हुआ खराब
खेल ग्राउंड में पानी जमा होने से खेल ग्राउंड भी खराब हो चुका है. जबकि यह मैदान हॉकी, फुटबॉल सहित कई खेलों का ग्राउंड है. यहां कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं.
स्कूल प्रबंधन इस समस्या से जिला कलेक्टर, मंत्री, विभाग के अधिकारी सहित अन्य संबंधित सभी लोगों को अवगत करा चुका है. लेकिन अब तक सभी प्रयास बेकार साबित हुए हैं.
श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने देखे स्कूल के हाल
मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली स्कूल में पहुंचे और यहां के हालात देखें. हालात खराब देख श्रम मंत्री ने तुरंत नगर परिषद, यूआईटी सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया और तुरंत समस्या का समाधान करने की बात कही.
यह भी पढ़ें : रहस्य: इस मंदिर में सांप के काटे लोग बिना इलाज के हो जाते हैं ठीक, देखें ये खास रिपोर्ट
नहीं हुआ सुधार
उसके बाद भी अब तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है. प्रतिदिन स्कूल में नाले का पानी जमा होता है तो वहीं स्कूल के आधे हिस्सा में भी पानी भर चुका है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में बड़ा हादसा भी हो सकता है. क्योंकि, लगातार पानी जमा रहने के कारण स्कूल का भवन गिर भी सकता है.
जर्जर हालत में भवन
बता दें कि यह स्कूल अलवर के सबसे पुराने और बड़े स्कूलों में शामिल है. इसका भवन भी सालों पुराना हैं. जिसके हालात इन दिनों जर्जर बने हुए हैं. ऐसे में लगातार स्कूल भवन में जमा होता नाले के पानी ने किसी हादसे को लेकर भी स्कूल प्रबंधन व शिक्षा विभाग की चिंताए बढ़ा दी है.