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स्पेशल रिपोर्ट : नाले के पानी के बीच अलवर में पढ़ाई करने को मजबूर हैं बच्चे - dirty water in Alwar government school

सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर सरकार हर माह लाखों-करोड़ों रुपए खर्च करती है. बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है. इतना ही नहीं सरकार राजस्थान को संपूर्ण शिक्षित राज्यों में शामिल करने का सपना भी देख रही है, लेकिन सरकारी स्कूल के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने 'स्कूलों का सरकारी हाल' नाम की एक मुहिम चलाई है. जिसके चलते ईटीवी भारत हर जिले में जाकर सरकारी स्कूलों के हालातों का जायजा ले रही है.

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अलवर के सरकारी स्कूल में बच्चे गंदे पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर
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Published : Dec 22, 2019, 2:34 PM IST

अलवर. जयपुर के बाद अलवर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है. जहां लाखों की संख्या में सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते हैं. सरकार इन बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है, लेकिन अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.

अलवर के सरकारी स्कूल में बच्चे गंदे पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर

अलवर के राजा के नाम पर सबसे पुराना सरकारी स्कूल प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय इन दिनों बदहाली की स्थिति में है और यहां के बच्चे नाली के पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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स्कूल भवन के बाहर जमा पानी

आपको बता दें कि स्कूल के खेल ग्राउंड में नाली का पानी जमा रहता है और आए दिन स्कूल की कक्षाओं में भी नाली का पानी भर जाता है. ऐसे में मजबूरी में बच्चों को बाहर खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती है. बदबू के कारण बुरा हाल रहता है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

पानी से खेल ग्राउंड हुआ खराब

खेल ग्राउंड में पानी जमा होने से खेल ग्राउंड भी खराब हो चुका है. जबकि यह मैदान हॉकी, फुटबॉल सहित कई खेलों का ग्राउंड है. यहां कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं.

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खेल ग्राउंड में फैला गंदा पानी

स्कूल प्रबंधन इस समस्या से जिला कलेक्टर, मंत्री, विभाग के अधिकारी सहित अन्य संबंधित सभी लोगों को अवगत करा चुका है. लेकिन अब तक सभी प्रयास बेकार साबित हुए हैं.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने देखे स्कूल के हाल

मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली स्कूल में पहुंचे और यहां के हालात देखें. हालात खराब देख श्रम मंत्री ने तुरंत नगर परिषद, यूआईटी सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया और तुरंत समस्या का समाधान करने की बात कही.

यह भी पढ़ें : रहस्य: इस मंदिर में सांप के काटे लोग बिना इलाज के हो जाते हैं ठीक, देखें ये खास रिपोर्ट

नहीं हुआ सुधार

उसके बाद भी अब तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है. प्रतिदिन स्कूल में नाले का पानी जमा होता है तो वहीं स्कूल के आधे हिस्सा में भी पानी भर चुका है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में बड़ा हादसा भी हो सकता है. क्योंकि, लगातार पानी जमा रहने के कारण स्कूल का भवन गिर भी सकता है.

जर्जर हालत में भवन

बता दें कि यह स्कूल अलवर के सबसे पुराने और बड़े स्कूलों में शामिल है. इसका भवन भी सालों पुराना हैं. जिसके हालात इन दिनों जर्जर बने हुए हैं. ऐसे में लगातार स्कूल भवन में जमा होता नाले के पानी ने किसी हादसे को लेकर भी स्कूल प्रबंधन व शिक्षा विभाग की चिंताए बढ़ा दी है.

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कक्षाओं में जाता गंदा पानी

अलवर. जयपुर के बाद अलवर राजस्थान का सबसे बड़ा जिला है. जहां लाखों की संख्या में सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते हैं. सरकार इन बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है, लेकिन अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले साबित होते नजर आते हैं.

अलवर के सरकारी स्कूल में बच्चे गंदे पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर

अलवर के राजा के नाम पर सबसे पुराना सरकारी स्कूल प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय इन दिनों बदहाली की स्थिति में है और यहां के बच्चे नाली के पानी के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

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स्कूल भवन के बाहर जमा पानी

आपको बता दें कि स्कूल के खेल ग्राउंड में नाली का पानी जमा रहता है और आए दिन स्कूल की कक्षाओं में भी नाली का पानी भर जाता है. ऐसे में मजबूरी में बच्चों को बाहर खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती है. बदबू के कारण बुरा हाल रहता है और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है.

पानी से खेल ग्राउंड हुआ खराब

खेल ग्राउंड में पानी जमा होने से खेल ग्राउंड भी खराब हो चुका है. जबकि यह मैदान हॉकी, फुटबॉल सहित कई खेलों का ग्राउंड है. यहां कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं भी हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं.

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खेल ग्राउंड में फैला गंदा पानी

स्कूल प्रबंधन इस समस्या से जिला कलेक्टर, मंत्री, विभाग के अधिकारी सहित अन्य संबंधित सभी लोगों को अवगत करा चुका है. लेकिन अब तक सभी प्रयास बेकार साबित हुए हैं.

श्रम मंत्री टीकाराम जूली ने देखे स्कूल के हाल

मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली स्कूल में पहुंचे और यहां के हालात देखें. हालात खराब देख श्रम मंत्री ने तुरंत नगर परिषद, यूआईटी सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया और तुरंत समस्या का समाधान करने की बात कही.

यह भी पढ़ें : रहस्य: इस मंदिर में सांप के काटे लोग बिना इलाज के हो जाते हैं ठीक, देखें ये खास रिपोर्ट

नहीं हुआ सुधार

उसके बाद भी अब तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है. प्रतिदिन स्कूल में नाले का पानी जमा होता है तो वहीं स्कूल के आधे हिस्सा में भी पानी भर चुका है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में बड़ा हादसा भी हो सकता है. क्योंकि, लगातार पानी जमा रहने के कारण स्कूल का भवन गिर भी सकता है.

जर्जर हालत में भवन

बता दें कि यह स्कूल अलवर के सबसे पुराने और बड़े स्कूलों में शामिल है. इसका भवन भी सालों पुराना हैं. जिसके हालात इन दिनों जर्जर बने हुए हैं. ऐसे में लगातार स्कूल भवन में जमा होता नाले के पानी ने किसी हादसे को लेकर भी स्कूल प्रबंधन व शिक्षा विभाग की चिंताए बढ़ा दी है.

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कक्षाओं में जाता गंदा पानी
Intro:अलवर
सरकारी स्कूल व स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर सरकार हर माह लाखों करोड़ों रुपए खर्च करती है। स्कूल के बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने के दावे किए जाते हैं। इतना ही नहीं सरकार राजस्थान को बेहतर शिक्षित राज्यों में शामिल करने का सपना देख रही है। लेकिन अलवर के सरकारी स्कूल में हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अलवर के सबसे पुराने व बड़े स्कूलों में शामिल प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय में इन दिनों नाले के पानी में बच्चों को पढ़ाई करने वाला ही है।


Body:अलवर राजस्थान का जयपुर के बाद दूसरा सबसे बड़ा जिला है। लाखों की संख्या में सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते हैं। सरकार इन बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का दावा करती है। लेकिन अलवर में सरकार के सभी दावे खोखले नजर आते हैं। अलवर के राजा के नाम पर सबसे पुराना सरकारी स्कूल प्रताप उच्च माध्यमिक विद्यालय इन दिनों बदहाली की स्थिति में चल रहा है। स्कूल के खेल ग्राउंड में नाली का पानी जमा रहता है व आए दिन स्कूल की कक्षाओं में भी नाली का पानी भर जाता है। ऐसे में मजबूरी में बच्चों को बाहर खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ती है। बदबू के कारण बुरा हाल रहता है व बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। खेल ग्राउंड में पानी जमा होने से खेल ग्राउंड भी खराब हो चुका है। जबकि स्कूल का खेल ग्राउंड हॉकी फुटबॉल सहित कई खेलों का ग्राउंड है। यहां कई राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं हो चुकी है व बड़ी संख्या में खिलाड़ी अभ्यास करते हैं। स्कूल प्रबंधन इस समस्या से जिला कलेक्टर, मंत्री, विभाग के अधिकारी सहित अन्य संबंधित सभी लोगों को अवगत करा चुका है। लेकिन अब तक सभी प्रयास बेकार साबित हुए हैं।


Conclusion:मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली स्कूल में पहुंचे व वहां के हालात देखें। हालात खराब देख श्रम मंत्री ने तुरंत नगर परिषद यूआईटी सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को बुलाया व तुरंत समस्या का समाधान करने की बात कही। उसके बाद भी अब तक हालातों में कोई सुधार नहीं हुआ है। प्रतिदिन स्कूल में नाले का पानी जमा होता है। तो वही स्कूल का आधा हिस्सा तो पानी में डूब चुका है। यही हालात रहे तो आने वाले समय में बड़ा हादसा भी हो सकता है। क्योंकि लगातार पानी जमा होने के कारण स्कूल का भवन गिर सकता है। सालों पुराना यह भवन पहले से जर्जर हालत में है। ऐसे में लगातार स्कूल भवन में जमा होता नाले का पानी बड़ी घटना को निमंत्रण दे रहा है।


बाइट-सुमन, स्कूल अध्यापिका
बाइट- राकेश शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी, अलवर
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