भिवाड़ी (अलवर). जिले के भिवाड़ी सहित दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और एसीएस पवन गोयल के साथ अन्य सदस्य गुरुवार को भिवाड़ी पहुंचे .
राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष ने भिवाड़ी उत्पादक संघ (BMA) सभागार में उद्योगपतियों और प्रदूषण मंडल के अधिकारियों की बैठक ली. इस दौरान बैठक में जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह सहित स्थानीय रीको और अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे.
राजस्थान प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की स्टडी के अनुसार भिवाड़ी में 47 फीसदी प्रदूषण कॉन्ट्रिब्यूशन रोड डस्ट का है. साथ ही 30 फीसदी कंट्रीब्यूशन इंडस्ट्रीज का है.
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बता दें कि भिवाड़ी देश के 5 प्रदूषित शहरों में शामिल है. जिस कारण 300 से अधिक इकाईयां बंद पड़ी हैं और क्रेशर व स्टोन से जुड़ी इकाईयां भी बंद हो गई है. जिससे लोगों में नाराजगी है. फैक्ट्रियों से प्रदूषण थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसकी वजह से राजस्थान प्रदूषण मंडल के अधिकारियों की ओर से मीटिंग में प्रदूषण से कैसे निजात मिल सके इस पर मंथन किया गया.
बालोतरा उपखंड अधिकारी ने गांधीपुरा क्षेत्र में मशीनरी हटाने को लेकर 23 इकाई मालिको कों दी हिदायत
एनजीटी में 23 सितंबर को हुई सुनवाई के बाद जारी आदेश में नॉन कन्फॉर्मिंग क्षेत्र में स्थित गांधीपुरा की 23 इकाइयों को हटाने के आदेश दिए गए थे. जिला कलेक्टर को एनजीटी से मिली फटकार के बाद प्रशासन हरकत में आया. उसके बाद गांधीपुरा क्षेत्र की 23 इकाइयों को तुरंत प्रभाव से हटाने के साथ जमीन के समतलीकरण करण के निर्देश दिए गए थे.
जिसको लेकर उपखण्ड अधिकारी रोहित कुमार व नगर परिषद आयुक्त रामकिशोर ने गांधीपुरा की सभी इकाइयों का मौका मुआयना किया. जहां कई इकाइयों में मशीनरी हटवाने का कार्य जारी पाया गया. साथ ही इकाई मालिक उपखण्ड अधिकारी से गुहार लगाते नजर आए.
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बता दें कि रीको द्वारा एनजीटी में पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर गांधीपुरा की 23 इकाइयों को नॉन कन्फर्मिंग क्षेत्र में बताया गया था. उसके बाद एनजीटी ने एक आदेश जारी कर गांधीपुरा की 23 इकाइयों में कामकाज को बंद करने के साथ मशीनरी को हटाने व जमीन के समतलीकरण की बात कही थी.
गांधीपुरा की 23 इकाइयों से निकलने वाला प्रदूषित पानी सीईटीपी बिठुजा में जाता था. जब से एनजीटी के आदेश जारी हुए हैं, उसके बाद से यहां की इकाइयों का काम काज बंद नजर आया. आदेश के बाद उद्यमियों ने स्वयं मशीनरी हटाने का कार्य शुरू कर दिया. वहीं कुछ इकाइयों में मशीनरी व अन्य सामान नहीं हटाने को लेकर प्रशासन की ओर से हिदायत दी गई.