अलवर. देश में नासिक के बाद अलवर प्याज की दूसरी सबसे बड़ी मंडी है. लेकिन, बारिश के चलते इस बार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश सहित देश के प्रमुख राज्यों की प्याज खराब हो चुकी है. ऐसे में पूरे देश की निगाहें अलवर की प्याज पर टिकी हुई हैं. प्याज के दाम 70 से 80 रुपये प्रति किलो चल रहे हैं. इसका सीधा फायदा किसान को मिल रहा है. मंडी में प्याज 50 रुपये से अधिक भाव में बिक रही है.
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17 राज्यों के व्यापारी प्याज खरीदने के लिए अलवर पहुंच चुके हैं. अलवर मंडी में प्याज की बंपर आवक हो रही है. प्रतिदिन 50 हजार से अधिक प्याज के कट्टे बिकने के लिए मंडी में पहुंच रहे हैं। रात को ही प्याज के आने का सिलसिला शुरू हो जाता है. दूर-दराज के गांव से लोग ट्रैक्टर ट्रक में प्याज रखकर मंडी लाते हैं और उसके बाद सुबह अपनी बारी आने पर प्याज भेजते हैं. माना भी जा रहा है कि प्याज की आवक काफी समय तक मंडी में बनी रहेगी.
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व्यापारियों की मानें तो इस बार प्याज की आवक जनवरी माह तक रहेगी, क्योंकि किसानों ने देरी तक प्याज की बुवाई की थी. गौरतलब है कि अलवर की प्याज स्वाद में स्वादिष्ट होती है. इसलिए लोग इस प्याज को पसंद करते हैं. लेकिन, इस प्याज में नमी होती है. ऐसे में प्याज खराब होने की संभावनाएं ज्यादा रहती है.
वहीं, मंडी में पहुंच रहे व्यापारियों के मुताबिक किसान को प्याज के बेहतर दाम मिल रहे हैं. इसलिए बड़ी संख्या में किसान प्याज लेकर मंडी पहुंच रहे हैं. हालांकि, मंडी में किसानों के लिए कोई सुविधा नहीं है, रात भर किसान सड़क पर परेशान होता है. मंडी में कैंटीन और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है.