अलवर. अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के तहत ढाई सौ से 300 साल पुराने तीन मंदिरों को ध्वस्त किया (Bulldozer on 3 temples in Rajgarh Of Alwar) गया है. हिंदू संगठनों ने इसकी शिकायत पुलिस को दी है. इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. ध्वस्तीकरण ड्राइव में देवी देवताओं की मूर्तियां खण्डित होने से लोग नाराज और परेशान हैं. इसके विरोध में लामबंद हुए लोगों को पुलिस ने बलपूर्वक साइट से हटाया.
मंदिरों का ध्वस्तीकरण अभियान (Master Plan Bulldozer In Rajasthan) चर्चा का विषय बन गया है. 17 अप्रैल से लगातार इस तरह के मामले राजगढ़ में सामने आ रहे हैं. हिंदू संगठनों ने अपना विरोध प्रकट करते हुए राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा, एसडीएम केशव कुमार मीणा और नगर पालिका के ईओ बनवारी लाल मीणा पर साजिश का आरोप लगाया है. उनका मत है कि ऐसी ड्राइव दंगा भड़काने के लिए चलाई जा रही है. लोगों का कहना है कि उन्होंने राजगढ़ थाना पुलिस को लिखित शिकायत दी है लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस ने एफ आई आर दर्ज नहीं की है. राजनीतिक रसूख के चलते पुलिस पूरा मामला दबाने में लगी है.
विरोध में थाने पहुंचे हिंदू संगठन: इस पूरी कार्रवाई के विरोध में हिन्दू संगठनों ने थाने पहुंच कर रोष जाहिर किया. बढ़ते विवाद को देखते पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम को हस्तक्षेप करना पड़ा. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि वो असंतुष्टों से मिलकर उन्हें समझाने का प्रयास करेंगी. दूसरी तरफ राजगढ़ में लगातार हिंदू संगठनों के पहुंचने का सिलसिला जारी है.
'भाजपा पार्षदों की सहमति से टूटा मंदिर': राजगढ़ विधायक जोहरी लाल मीणा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में मीणा लोगों से कह रहे हैं कि आप लोगों ने भाजपा का बोर्ड बनवाया है इसलिए ये तोड़फोड़ हो रही है. मीणा कह रहे हैं जब पेड़ बबूल का बोया है तो उसमें आम कहां से आएंगे. उन्होंने इसमें स्पष्ट कहा है कि भाजपा के 34 पार्षदों ने अपनी तोड़फोड़ की सहमति दी है. कांग्रेस का केवल एक पार्षद है.
मीणा ने इसके लिए स्थानीय लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया है और कहा है ये आप लोगों के कर्मों का फल है. उन्होंने कहा कि मैंने आम जनता व आप लोगों से कांग्रेस का बोर्ड बनाने की मांग की थी लेकिन आप लोगों ने मेरी नहीं मानी इसलिए आज यह हालात हो रहे हैं. दरअसल, अलवर के राजगढ़ क्षेत्र में गौरव पथ निर्माण और मास्टर प्लान के नाम पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया चल रही है. इसके तहत ही लगभग 300 साल पुराने तीन मंदिरों, बड़ी संख्या में दुकानों और घरों को तोड़ने की कार्रवाई चल रही है.
उनके इस बयान को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इस पर मीणा ने अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा- मुझे कार्यक्रम में बुलाया गया था. वहां मैंने भाजपा का बोर्ड होने व बोर्ड के आदेश पर ये कार्रवाई होने की बात कही थी. मैं सभी भगवान व देवताओं को मानता हूं. मेरा पूर्व परिवार मंदिर जाता है और भगवान की पूजा करता है. मीणा के मुताबिक भाजपा का असल चेहरा दिखाने के लिए ही उन्होंने ये बाते कहीं. उनको लगता है कि भाजपा राम के नाम पर राजनीति कर रही है.