अलवर. एक साल बाद अलवर नगर परिषद में बजट सत्र की बैठक हुई. बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के पार्षदों ने नगर परिषद सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए. दूसरी तरफ नगर परिषद सभापति ने पार्षदों पर कई गंभीर आरोप लगाए. सत्ता पक्ष के पार्षदों ने भी सभापति को घेरने का प्रयास किया.
पार्षदों ने सभापति पर आरोप लगाते हुए पेनड्राइव सदन के सामने पेश करने की बात कही. वहीं पार्षदों ने कहा 2 माह बाद पार्षदों की बैठक होना आवश्यक है. लेकिन अलवर नगर परिषद में पार्षदों की बैठक नहीं हो रही हैं. वार्डों में काम नहीं हो रहे हैं. लोग परेशान हैं. हंगामे के दौरान अलवर शहर के विकास के लिए 102 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई.
अलवर नगर परिषद में लंबे समय से पार्षदों की बैठक नहीं हुई. कोरोना काल के चलते 1 साल तक पार्षद परेशान रहे. वार्डों में कामकाज नहीं हुए. पार्षदों की तरफ से अधिकारियों पर लापरवाही बरतने, सभापति पर भ्रष्टाचार करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए गए. इस दौरान सत्ता में विपक्ष के पार्षद एक साथ खड़े हुए भी नजर आए. वहीं दूसरी ओर पार्षदों ने भी कई बार विरोध प्रदर्शन किया और पुतला दहन किया.
उन्होंने कहा कि उनकी पेन ड्राइव में सभापति के खिलाफ कई राज्य हैं. ये पेनड्राइव चलने के बाद सभी के चेहरे से नकाब हट जाएंगे. कांग्रेस के पार्षद विक्रम यादव ने सभापति के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराने की चेतावनी दे डाली.
पार्षदों ने कहा कि अलवर शहर में खुलेआम अवैध निर्माण हो रहा है. इस दौरान सभापति ने कहा कि अगर कोई एक भी भ्रष्टाचार का आरोप साबित कर दे तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे. पार्षद अजय मेंठी ने कामों में लापरवाही की बात कही. सभापति को पार्षदों ने गिरते हुए कहा कि सभापति तानाशाह की तरह काम करना चाहती हैं और अपनी मनमर्जी चला रही हैं.
सभापति बीना गुप्ता ने कहा कि कांग्रेसी पार्षद बैठक नही होने देना चाहते हैं. इस दौरान कांग्रेस के नेता नरेंद्र मीणा ने कहा किन पार्षदों के बदौलत ही आप सभापति बने हैं. इसके अलावा पार्षद देवेंद्र कोर ने सभापति को घेरा व कहा कि अजय मेठी सही कह रहे हैं. सभापति ने बकवास नहीं करने की बात गलत बोली है यहां कोई बकवास करने नहीं आया है.
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नगर परिषद में सबसे वरिष्ठ पार्षद अजय पुनिया ने अवैध निर्माण पर नगर परिषद कर्मचारियों को घेराव है. उन पर आरोप लगाए उन्होंने कहा कि कर्मचारी आयुक्त और सभापति मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. नगर परिषद के कर्मचारी काम नहीं करते बीते दिनों नगर परिषद के कर्मचारियों की ओर से दिए गए धरने के विरोध में भी जांच कराने की बात कही गई. इसके अलावा सिंगल फेस बोरिंग के नाम पर 3 फेस का पैसा उठाने कागजों में सड़क नाली बनवाने रोड लाइट व सफाई के ठेके में मिलीभगत होना सफाई के ठेकों की एनआईटी में स्वच्छ भारत का पैसा लगना बार-बार सफाई कर्मियों को इधर से उधर कर पैसे का खेल खेलना ऑटो टिपर की सर्विस बाहर से करवाने में गड़बड़ी सफाई कर्मी भर्ती में गड़बड़ी इसके अलावा भी नगर परिषद की ओर से वार्ड में किए जाने वाले कार्यों व अन्य मुद्दों को लेकर पार्षदों ने बोर्ड की बैठक में जमकर हंगामा किया. इस दौरान शहर के विकास के लिए 102 करोड़ का बजट विकृत किया.