अलवर. अलवर में उपसभापति पद के लिए चल रहा विवाद बुधवार को शांत हो गया. नगर परिषद कमिश्नर ने स्वायत्त शासन विभाग के आदेशों का हवाला देते हुए उपसभापति के पद पर घनश्याम गुर्जर को कार्यभार सौंपा है.
नगर परिषद कार्यकारी आयुक्त फतेह सिंह मीणा ने स्वायत शासन विभाग से गुर्जर के दिसंबर माह में हुए निलंबन को लेकर वर्तमान में स्टे मिलने के बाद मार्गदर्शन मांगा था. इस पर स्वायत शासन विभाग ने 24 फरवरी को ही गुर्जर को वापस नियुक्त करने के आदेश जारी किए (order of giving charge to Ghanshayam Gurjar) थे. लेकिन नगर परिषद के अधिकारियों ने उस आदेश को दबाए रखा. कांग्रेस के सभापति व उपसभापति का कार्यकाल पूरा होने के बाद गुर्जर अपने समर्थकों के साथ नगर परिषद पहुंचे व उपसभापति की कुर्सी पर बैठ गए थे. उसके बाद से लगातार इस मामले पर भाजपा की तरफ से राजनीति शुरू हुई.
बता दें कि सरकार ने उपसभापति घनश्याम गुर्जर पर चुनाव के दौरान गलत सूचना देने का आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था. जिसके बाद गुर्जर न्यायालय में गए. न्यायालय ने उनके पद पर नियुक्त करने के आदेश दिए. लेकिन नगर परिषद के अधिकारी स्वायत शासन विभाग के आदेशों का इंतजार कर रहे थे.
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नेता प्रतिपक्ष सतीश यादव ने कहा कि सभापति का पद खाली है. ऐसे में उपसभापति को सभापति का चार्ज दिया जाता है. नियमों के अनुसार उपसभापति ही सभापति का दावेदार होता है. सभापति का पद खाली होने के कारण शहर में विकास कार्य रुके हुए हैं व अलवर की जनता काफी परेशान है.