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पानी के लिए टूटा सब्र का बांध, महिलाओं ने 150 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ किया प्रदर्शन - साल भर पानी की समस्या

जिले में साल भर पानी की समस्या रहती है. बुध विहार व विजयनगर सहित आसपास की कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गुरुवार को इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया. बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और पुरुष क्षेत्र की पानी की टंकी पर चढ़ गए और जलदाय विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

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पानी के लिए टूटा सब्र का बांध...
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Published : Feb 25, 2021, 7:05 PM IST

अलवर. जिले में साल भर पानी की समस्या रहती है. बुध विहार व विजयनगर सहित आसपास की कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गुरुवार को इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया. बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और पुरुष क्षेत्र की पानी की टंकी पर चढ़ गए और जलदाय विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

पेयजल की समस्या को लेकर महिलाओं ने 150 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ किया प्रदर्शन...

बता दें कि अलवर शहर में प्रतिदिन 70 से 90 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है, लेकिन जलदाय विभाग केवल 35 से 40 मिनट ही पानी सप्लाई कर पाता है. ऐसे में साल भर लोगों को पानी के लिए प्रदर्शन करने पड़ते हैं. जलदाय विभाग के तमाम दावों के बाद भी सालों से हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. गर्मी की शुरुआत के साथ ही अलवर में पानी के लिए प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं. गुरुवार को पानी समस्या को लेकर कच्ची बस्ती की महिलाएं बच्चे हुए लोग 150 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर घंटों हंगामा करते रहे. मामले की जानकारी मिलने पर जलदाय विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. कई घंटों की मशक्कत के बाद लोगों व महिलाओं को नीचे उतारा गया.

पढ़ें: अजमेर: राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज भर्ती की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

महिलाओं ने बताया कि लाका बस्ती के अगल-बगल की धोबी गट्टा, विजय नगर, बुध विहार सहित सभी जगहों पर पानी की सप्लाई बराबर है, लेकिन लाका बस्ती में पानी नहीं आता है. मजबूरी में विकलांग व बुजुर्ग महिलाओं को भटकना पड़ता है. आए दिन पानी नहीं आने से परेशानी होती है. मजबूरी में पानी की टंकी पर चढ़ना पड़ा है. महिलाओं ने कहा कि उनकी बस्ती की अधिकतर महिलाएं मजदूरी करती हैं. सुबह-शाम कॉलोनियों के घरों में काम करती हैं. उनको पानी की एक बूंद भी नहीं मिलती है. मजबूरी में उनको आसपास के एरिया से पानी भरके लाना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि करीब दो साल से पानी की लाइन खुदी हुई है, जिसे चालू नहीं किया गया है. जबकि, आसपास की कालोनियों में बेहतर पानी सप्लाई किया जाता है.

ऐसे में साफ है कि अलवर में गरीबों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. चुनाव के समय नेता व अधिकारी आकर वोट डालने की अपील करते हैं, लेकिन आज जब लोगों को पानी की आवश्यकता है तो उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. दोपहर करीब सवा बजे ही महिलाएं पानी की टंकी पर चढ़ गई थीं. इसके बावजूद पुलिस करीब ढाई बजे बाद पहुंचीं. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को समझाने की काफी कोशिशें की. जलदाय विभाग से भी एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा. नई लाइन डालने का काम अधूरा है, जिसे पूरा होने के बाद समस्या खत्म हो सकेगी. अभी अस्थाई तौर पर सिंगल फेस बोरिंग खोद कर पानी की टंकी लगाई जाएगी, जिससे आसपास क्षेत्र के लोग पानी भर सकें.

अलवर. जिले में साल भर पानी की समस्या रहती है. बुध विहार व विजयनगर सहित आसपास की कच्ची बस्तियों में रहने वाले लोग सालों से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. गुरुवार को इन लोगों के सब्र का बांध टूट गया. बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे और पुरुष क्षेत्र की पानी की टंकी पर चढ़ गए और जलदाय विभाग के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

पेयजल की समस्या को लेकर महिलाओं ने 150 फीट ऊंची टंकी पर चढ़ किया प्रदर्शन...

बता दें कि अलवर शहर में प्रतिदिन 70 से 90 एमएलडी पानी की डिमांड रहती है, लेकिन जलदाय विभाग केवल 35 से 40 मिनट ही पानी सप्लाई कर पाता है. ऐसे में साल भर लोगों को पानी के लिए प्रदर्शन करने पड़ते हैं. जलदाय विभाग के तमाम दावों के बाद भी सालों से हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. गर्मी की शुरुआत के साथ ही अलवर में पानी के लिए प्रदर्शन शुरू हो चुके हैं. गुरुवार को पानी समस्या को लेकर कच्ची बस्ती की महिलाएं बच्चे हुए लोग 150 फुट ऊंची पानी की टंकी पर चढ़कर घंटों हंगामा करते रहे. मामले की जानकारी मिलने पर जलदाय विभाग और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. कई घंटों की मशक्कत के बाद लोगों व महिलाओं को नीचे उतारा गया.

पढ़ें: अजमेर: राजस्थान आयुर्वेद नर्सेज भर्ती की मांग को लेकर जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन

महिलाओं ने बताया कि लाका बस्ती के अगल-बगल की धोबी गट्टा, विजय नगर, बुध विहार सहित सभी जगहों पर पानी की सप्लाई बराबर है, लेकिन लाका बस्ती में पानी नहीं आता है. मजबूरी में विकलांग व बुजुर्ग महिलाओं को भटकना पड़ता है. आए दिन पानी नहीं आने से परेशानी होती है. मजबूरी में पानी की टंकी पर चढ़ना पड़ा है. महिलाओं ने कहा कि उनकी बस्ती की अधिकतर महिलाएं मजदूरी करती हैं. सुबह-शाम कॉलोनियों के घरों में काम करती हैं. उनको पानी की एक बूंद भी नहीं मिलती है. मजबूरी में उनको आसपास के एरिया से पानी भरके लाना पड़ता है. महिलाओं ने बताया कि करीब दो साल से पानी की लाइन खुदी हुई है, जिसे चालू नहीं किया गया है. जबकि, आसपास की कालोनियों में बेहतर पानी सप्लाई किया जाता है.

ऐसे में साफ है कि अलवर में गरीबों के साथ खिलवाड़ हो रहा है. चुनाव के समय नेता व अधिकारी आकर वोट डालने की अपील करते हैं, लेकिन आज जब लोगों को पानी की आवश्यकता है तो उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं है. दोपहर करीब सवा बजे ही महिलाएं पानी की टंकी पर चढ़ गई थीं. इसके बावजूद पुलिस करीब ढाई बजे बाद पहुंचीं. इसके बाद पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को समझाने की काफी कोशिशें की. जलदाय विभाग से भी एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि जल्द ही पानी की समस्या का समाधान किया जाएगा. नई लाइन डालने का काम अधूरा है, जिसे पूरा होने के बाद समस्या खत्म हो सकेगी. अभी अस्थाई तौर पर सिंगल फेस बोरिंग खोद कर पानी की टंकी लगाई जाएगी, जिससे आसपास क्षेत्र के लोग पानी भर सकें.

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