ETV Bharat / city

स्पेशल रिपोर्ट: अलवर में अनोखी शादी...बग्गी पर बैठकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन... प्लास्टिक बैन, गिफ्ट में दिए पौधे

अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की एक दलित दूल्हे और दुल्हन ने अपनी शादी में मिशाल पेश की है. शादी में दुल्हन खुद बग्घी में सवार होकर दूल्हे के गांव में पहुंची. जहां दूल्हे के परिवार ने दुल्हन का स्वागत किया गया. वहीं शादी में प्लास्टिक पूरी तरह से प्रतिबंधित था. यहीं नहीं पर्यावरण बचाने का संदेश देते हुए शादी में रिश्तेदारों को गिफ्ट में पौधे दिए.

alwar unique wedding, eco friendly marriage in alwar,
author img

By

Published : Oct 15, 2019, 8:09 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 1:24 PM IST

अलवर. जिले में दलित समाज के परिवार ने अनूठी शादी कर समाज के लोगों में मिशाल पेश की है. कारोली गांव निवासी अजय सिंह ने अपनी खुद की बारात दुल्हन के घर ले जाने के बजाय दुल्हन को बग्घी पर बैठकर अपने यहां बारात लेकर बुलाया. जिसका खुद दूल्हे और परिजनों ने स्वागत किया. बारात दुल्हन के तुलेड़ा गांव से उसके ससुराल कारोली गई. सोमवार को तुलेड़ा गांव की बबीता और कारोली गांव के अजय विवाह के बंधन में बंध गए. दोनों परिवारों की ओर से महिला समानता का संदेश देने के लिए यह पहल की गई.

अलवर में अनोखी शादी...बग्गी पर बैठकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: दो भाइयों की कहानी जान रो पड़ेंगे आप...जिनके कंधों पर थी परिवार की जिम्मेदारी वही हुए 'बेसहारा'

घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली
सोमवार को हुई इस शादी में बकायदा बबीता की सुसराल के गांव में घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली गई. इससे भी बढडकर इस पूरी शादी में ईको फ्रेंडली पर्यावरण का संदेश दिया गया. शादी में आए मेहमानों को पौधे दिए गए. दहेज के बहिष्कार वाली इस शादी में प्लास्टिक का भी उपयोग नहीं किया गया. डिस्पोजल की जगह खाने के लिए भी स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के गिलास की जगह कुल्हड़ों का इस्तेमाल किया गया. शादी-विवाह में आमतौर पर प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई पहल को ध्यान में रखते हुए दूल्हे और दुल्हन ने शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया.

alwar unique wedding, eco friendly marriage in alwar,
शादी में आने वाले रिश्तेदारों को पौधे किए गिफ्ट

गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया
इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े पर निमंत्रण पत्र छपवाया और रिश्तेदारों को वितरण किया गया. डिजिटल इंडिया का उपयोग करते हुए रिश्तेदारों और मेहमानों को सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश और कार्ड भेजे गए. विवाह में शामिल होने आए सभी मेहमानों को संविधान की पुस्तक और पौधे वितरित किए गए. यही नहीं गांव में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए दूल्हे अजय के द्वारा गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया गया है.

alwar unique wedding, eco friendly marriage in alwar,
शादी में प्लास्टिक पर प्रतिबंध

हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं अजय
दूल्हे अजय जाटव ने बताया कि वे विवाह के मौके पर गांव में एक नि:शुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत कर रहे हैं. अजय हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि गांव के बच्चे और लोग साक्षर बने, इसी उद्देश्य से वे यह पहल कर रहे हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: आयुष्मान भारत योजना परिवार के लिए बनी जीवनदायनी... पीएम मोदी से मिलकर निरंजन ने बताया कैसा रहा मुफ्त इलाज

इस विवाह से गांव के लोगों में उत्साह
इस विवाह को लेकर ग्रामीणों और समाज के लोगों भारी उत्साह दिखाई दिया और सभी जाति और धर्म के लोग शादी में शामिल हुए. सामाजिक कुरितियों का सामना करते आए गांव के लोग इस सकारात्मक पहल को लेकर खुश दिखे. कारोली गांव के सरपंच राजेश शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी की इस पहल को मैं सलाम करता हूं. मेवात क्षेत्र में कई कुरीतियां है, गांवों में ऐसी शुरुआत का स्वागत करते हैं. वहीं तुलेड़ा के उप सरपंच जगदीश का कहना है कि ऐसे फैसलों से समाज को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी.

अलवर. जिले में दलित समाज के परिवार ने अनूठी शादी कर समाज के लोगों में मिशाल पेश की है. कारोली गांव निवासी अजय सिंह ने अपनी खुद की बारात दुल्हन के घर ले जाने के बजाय दुल्हन को बग्घी पर बैठकर अपने यहां बारात लेकर बुलाया. जिसका खुद दूल्हे और परिजनों ने स्वागत किया. बारात दुल्हन के तुलेड़ा गांव से उसके ससुराल कारोली गई. सोमवार को तुलेड़ा गांव की बबीता और कारोली गांव के अजय विवाह के बंधन में बंध गए. दोनों परिवारों की ओर से महिला समानता का संदेश देने के लिए यह पहल की गई.

अलवर में अनोखी शादी...बग्गी पर बैठकर दूल्हे के घर पहुंची दुल्हन

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: दो भाइयों की कहानी जान रो पड़ेंगे आप...जिनके कंधों पर थी परिवार की जिम्मेदारी वही हुए 'बेसहारा'

घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली
सोमवार को हुई इस शादी में बकायदा बबीता की सुसराल के गांव में घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली गई. इससे भी बढडकर इस पूरी शादी में ईको फ्रेंडली पर्यावरण का संदेश दिया गया. शादी में आए मेहमानों को पौधे दिए गए. दहेज के बहिष्कार वाली इस शादी में प्लास्टिक का भी उपयोग नहीं किया गया. डिस्पोजल की जगह खाने के लिए भी स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के गिलास की जगह कुल्हड़ों का इस्तेमाल किया गया. शादी-विवाह में आमतौर पर प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई पहल को ध्यान में रखते हुए दूल्हे और दुल्हन ने शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया.

alwar unique wedding, eco friendly marriage in alwar,
शादी में आने वाले रिश्तेदारों को पौधे किए गिफ्ट

गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया
इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े पर निमंत्रण पत्र छपवाया और रिश्तेदारों को वितरण किया गया. डिजिटल इंडिया का उपयोग करते हुए रिश्तेदारों और मेहमानों को सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश और कार्ड भेजे गए. विवाह में शामिल होने आए सभी मेहमानों को संविधान की पुस्तक और पौधे वितरित किए गए. यही नहीं गांव में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए दूल्हे अजय के द्वारा गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया गया है.

alwar unique wedding, eco friendly marriage in alwar,
शादी में प्लास्टिक पर प्रतिबंध

हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं अजय
दूल्हे अजय जाटव ने बताया कि वे विवाह के मौके पर गांव में एक नि:शुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत कर रहे हैं. अजय हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि गांव के बच्चे और लोग साक्षर बने, इसी उद्देश्य से वे यह पहल कर रहे हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: आयुष्मान भारत योजना परिवार के लिए बनी जीवनदायनी... पीएम मोदी से मिलकर निरंजन ने बताया कैसा रहा मुफ्त इलाज

इस विवाह से गांव के लोगों में उत्साह
इस विवाह को लेकर ग्रामीणों और समाज के लोगों भारी उत्साह दिखाई दिया और सभी जाति और धर्म के लोग शादी में शामिल हुए. सामाजिक कुरितियों का सामना करते आए गांव के लोग इस सकारात्मक पहल को लेकर खुश दिखे. कारोली गांव के सरपंच राजेश शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी की इस पहल को मैं सलाम करता हूं. मेवात क्षेत्र में कई कुरीतियां है, गांवों में ऐसी शुरुआत का स्वागत करते हैं. वहीं तुलेड़ा के उप सरपंच जगदीश का कहना है कि ऐसे फैसलों से समाज को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी.

Intro:एंकर इंट्रो....अलवर जिले के ग्रामीण क्षेत्र की एक दलित दूल्हे ओर दुल्हन ने अपनी शादी में मिशाल पेश की है। शादी में दुल्हन खुद बग्घी में सवार होकर दूल्हे के गांव में शादी स्थल पर पहुँची जहाँ दुल्हन का स्वागत किया गया। शादी में प्लास्टिक पृरी तरह से प्रतिबंधित था और शादी में आये रिस्तेदारो को गिफ्ट में पौधे देकर पर्यवारण को बचाने का संदेश दिया गया।

Body:अलवर जिले में दलित समाज के परिवार ने अनूठी शादी कर समाज के लोगो मे मिशाल पेश की है। एकोर जहाँ दहेज की खातिर बेटियो की मौत में मुंह मे धकेल दिया जाता है। वही दूसरी ओर कारोली गांव निवासी अजय सिंह ने अपनी खुद की बारात दुल्हन के घर ले जाने के बजाय दुल्हन को बग्घी पर बैठकर अपने यहाँ गांव में बारात लेकर बुलाया और उसका खुद ओर उंसके परिजनों ने स्वागत किया।
सामाजिक परम्पराओं और रूढिय़ों का हो तो यह और भी मुश्किल हो जाता है। पर अब बदलाव की बयार नजर आ रही है। अलवर जिले के तूलेड़ा गांव की अनुसूचित जाति की बेटी ने शादी में अपने वर को गांव नहीं बुलाया। बारात दुल्हन के तुलेड़ा गांव से उसके ससुराल कारोली गई। सोमवार को तुलेड़ा गांव की बबीता और कारोली गांव के अजय विवाह के बंधन में बंध गए। दोनों परिवारों की ओर से महिला समानता का संदेश देने के लिए यह पहल की गई।
सोमवार को हुई इस शादी में बकायदा बबीता की सुसराल के गांव में घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली गई। इससे भी बढकऱ इस पूरी शादी में इको फ्रेंडली पर्यावरण का संदेश दिया गया। शादी में आए मेहमानों को पौधे दिए गए। दहेज के बहिष्कार वाली इस शादी में प्लास्टिक का भी उपयोग नहीं किया गया। डिस्पोजल की जगह खाने के लिए भी स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के गिलास की जगह कुल्हड़ों का इस्तेमाल किया गया। शादी-विवाह में आमतौर पर प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई पहल को ध्यान में रखते हुए दूल्हे ओर दुल्हन ने शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े पर निमंत्रण पत्र छपवाया ओर रिस्तेदारो को वितरण किया गया। डिजिटल इंडिया का उपयोग करते हुए रिश्तेदारों व मेहमानों को सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश ओर कार्ड भेजे गए । विवाह में शामिल होने आए सभी मेहमानों को संविधान की पुस्तक और पौधे वितरित किए गए। यही नही गांव में युवाओ को आगे बढ़ाने के लिए दूल्हे अजय के द्वारा गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया गया है। दूल्हे अजय जाटव ने बताया कि वे विवाह के मौके पर गांव में एक नि:शुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत कर रहे हैं। Conclusion:अजय हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि गांव के बच्चे और लोग साक्षर बने, इसी उद्देश्य से वे यह पहल कर रहे हैं।
इस विवाह को लेकर ग्रामीणों ओर समाज के लोगो भारी उत्साह दिखाई दिया और सभी जाति और धर्म के लोग शादी में शामिल हुए। सामाजिक कुरितियों का सामना करते आए गांव के लोग इस सकारात्मक पहल को लेकर खुश दिखे। कारोली गांव के सरपंच राजेश शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी की इस पहल को मैं सलाम करता हूं। मेवात क्षेत्र में कई कुरीतियां है, गांवों में ऐसी शुरुआत का स्वागत करते हैं। वहीं तुलेड़ा के उप सरपंच जगदीश का कहना है कि ऐसे फैसलों से समाज को आगे बढऩे में सहायता मिलेगी।
बाईट...अजय... दूल्हा
बाईट..राजेश शर्मा..सरपंच
बाईट...ग्रामीण ओर रिश्तेदार
बाईट..ग्रामीण
Last Updated : Oct 17, 2019, 1:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.