अलवर. जिले में दलित समाज के परिवार ने अनूठी शादी कर समाज के लोगों में मिशाल पेश की है. कारोली गांव निवासी अजय सिंह ने अपनी खुद की बारात दुल्हन के घर ले जाने के बजाय दुल्हन को बग्घी पर बैठकर अपने यहां बारात लेकर बुलाया. जिसका खुद दूल्हे और परिजनों ने स्वागत किया. बारात दुल्हन के तुलेड़ा गांव से उसके ससुराल कारोली गई. सोमवार को तुलेड़ा गांव की बबीता और कारोली गांव के अजय विवाह के बंधन में बंध गए. दोनों परिवारों की ओर से महिला समानता का संदेश देने के लिए यह पहल की गई.
घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली
सोमवार को हुई इस शादी में बकायदा बबीता की सुसराल के गांव में घुड़चढ़ी की तर्ज पर बग्घी में सवारी निकाली गई. इससे भी बढडकर इस पूरी शादी में ईको फ्रेंडली पर्यावरण का संदेश दिया गया. शादी में आए मेहमानों को पौधे दिए गए. दहेज के बहिष्कार वाली इस शादी में प्लास्टिक का भी उपयोग नहीं किया गया. डिस्पोजल की जगह खाने के लिए भी स्टील के बर्तन और प्लास्टिक के गिलास की जगह कुल्हड़ों का इस्तेमाल किया गया. शादी-विवाह में आमतौर पर प्लास्टिक के डिस्पोजल का उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा की गई पहल को ध्यान में रखते हुए दूल्हे और दुल्हन ने शादी में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं किया गया.
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गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया
इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए कपड़े पर निमंत्रण पत्र छपवाया और रिश्तेदारों को वितरण किया गया. डिजिटल इंडिया का उपयोग करते हुए रिश्तेदारों और मेहमानों को सोशल मीडिया के माध्यम से संदेश और कार्ड भेजे गए. विवाह में शामिल होने आए सभी मेहमानों को संविधान की पुस्तक और पौधे वितरित किए गए. यही नहीं गांव में युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए दूल्हे अजय के द्वारा गांव में निशुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय भी बनाया गया है.
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हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं अजय
दूल्हे अजय जाटव ने बताया कि वे विवाह के मौके पर गांव में एक नि:शुल्क सार्वजनिक पुस्तकालय की शुरुआत कर रहे हैं. अजय हैदराबाद में एक कंपनी में नौकरी करते हैं, उन्होंने बताया कि वो चाहते हैं कि गांव के बच्चे और लोग साक्षर बने, इसी उद्देश्य से वे यह पहल कर रहे हैं.
इस विवाह से गांव के लोगों में उत्साह
इस विवाह को लेकर ग्रामीणों और समाज के लोगों भारी उत्साह दिखाई दिया और सभी जाति और धर्म के लोग शादी में शामिल हुए. सामाजिक कुरितियों का सामना करते आए गांव के लोग इस सकारात्मक पहल को लेकर खुश दिखे. कारोली गांव के सरपंच राजेश शर्मा ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी की इस पहल को मैं सलाम करता हूं. मेवात क्षेत्र में कई कुरीतियां है, गांवों में ऐसी शुरुआत का स्वागत करते हैं. वहीं तुलेड़ा के उप सरपंच जगदीश का कहना है कि ऐसे फैसलों से समाज को आगे बढ़ने में सहायता मिलेगी.