अलवर. खनिज विभाग में कार्यरत वरिष्ठ सहायक कर्मचारी अजीत सिंह शेखावत को निलंबित किया गया है. अजीत सिंह के खिलाफ पट्टा धारियों से अवैध वसूली करने हथियार के बल पर लोगों को धमकाने, अपने अधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने सहित कई गंभीर आरोप थे. यह कर्मचारी 18 साल से अलवर में कार्यरत था, तो वहीं इसको राजनीतिक संरक्षण भी मिला हुआ था.
अलवर के खनिज अभियंता केसी गोयल ने एक आदेश निकालते हुए अपने कार्यालय में काम करने वाले वरिष्ठ सहायक कर्मचारी अजीत सिंह से जान का खतरा बताते हुए ऑफिस में प्रवेश पर रोक लगाई थी. उनका यह आदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ तो वहीं चर्चा का विषय बना रहा. अजीत सिंह पर पट्टा धारियों से अवैध वसूली करने, जबरन लोगों को धमका कर काम करवाने, अपने उच्च अधिकारियों को जान से मारने की धमकी देने का आरोप था.
पढ़ें- धौलपुर: कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री के बेटे के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट
कार्यालय में अन्य कर्मचारियों से मारपीट करने सहित कई गंभीर आरोप लगे हुए थे. कार्यालय में कार्यरत अन्य कर्मचारियों ने कहा कि वह हथियार लेकर आया था. इसके अलावा 18 साल से लगातार अलवर कार्यालय में कार्यरत था, जबकि कई बार उसे एपीओ व निलंबित करके अन्य जगह पर लगाया गया. लेकिन वापस राजनीतिक संरक्षण होने के कारण अलवर आ जाता था.
अलवर में कार्यरत अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों को तबादला कराने की धमकी देता था. ऑफिस में आए दिन अन्य कर्मचारियों से लड़ाई करता था. इसके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें आ चुकी हैं. वहीं पट्टा धारी पैसे मांगने जबरन परेशान करने सहित मनमानी करने के आरोप लगा चुके हैं, लेकिन आज तक इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई.
इस बीच अजीत सिंह अपनी मनमानी करता रहा मामले की गंभीरता को देखते हुए खनिज विभाग के उच्च अधिकारियों ने अजीत सिंह को निलंबित करते हुए उसका मुख्यालय उदयपुर किया है. इसके अलावा अजीत सिंह के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं. वसुंधरा सरकार के दौरान कई मंत्रियों से इसकी साठगांठ बताई जा रही है. मंत्रियों की आवभगत में भी कई बार इसे देखा गया है. ऐसे में अलवर का खनन विभाग एक बार फिर से पूरे प्रदेश में चर्चा में आया.