अलवर. अलवर विमंदित बालिका प्रकरण इस समय चल रहे ज्वलंत मुद्दों में से एक है. मामले में देश भर से राजनेताओं की ओर से लगातार बयानबाजी हो रही है. पुलिस पर लगातार सरकार का दबाव भी है जिस कारण अधिकारी भी बयान बदलते नजर आ रहे हैं. इस मामले में 8 दिन बाद बुधवार को जयपुर से एफएसएल टीम अलवर (FSL team reached Alwar again) पहुंची और अरावली विहार थाने में लोक परिवहन बस की जांच-पड़ताल की. पुलिस के अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ (FSL team reached for investigation) की.
विमंदित बालिका के साथ हुई घटना राजनीतिक रूप ले चुकी है. भाजपा इस घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रही है. सामाजिक संस्था, एनजीओ और युवा पीड़िता को न्याय दिलवाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. अलवर पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले रेप और फिर गैंगरेप होने की बात कही थी. एसपी ने बयान भी जारी किया. इसके बाद यह मामला पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया और जमकर बयानबाजी हुई.
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भाजपा ने प्रदेश सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कई गंभीर आरोप लगाए. सरकार का दबाव बढ़ा तो पुलिस ने इस मामले को हादसे का रूप दे दिया. घटना के 3 दिन बाद जयपुर के जेके लोन अस्पताल के डॉक्टरों की एक मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने इस पूरे मामले को हादसा बताया. एसपी ने कहा कि रेप और गैंगरेप की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस के इस बयान के बाद सामाजिक संस्था और भाजपा ने जमकर सरकार पर हमला बोला. प्रकरण में सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगे.
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सामाजिक संस्थाओं ने कहा कि सरकार के इशारे पर पुलिस काम कर रही है. यह सिलसिला यहीं नहीं थमा. मंगलवार रात को खाना सप्लाई करने वाले कुछ युवकों को पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस सूत्रों ने बताया कि हिट एंड रन का मामला भी हो सकता है. यह मामला मीडिया में भी आया. आज जयपुर से एफएसएल टीम (Jaipur FSL Team Reached Alwar) अलवर पहुंची. एफएसएल टीम ने एक लोक परिवहन बस की जांच की. अलवर के अरावली विहार थाने में हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ की गई. FSL Team ने कई अन्य तथ्य भी चेक किए.
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इस मामले में सीन क्रिएशन की भी बात सामने आ रही थी, लेकिन पुलिस के अधिकारी मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है. कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की जा रही है. इस पूरे मामले की पड़ताल के लिए 6 से ज्यादा टीमें लगी हुईं हैं. शुरुआत में सीसीटीवी कैमरों की मदद से पुलिस जांच कर रही थी.
हालांकि जांच का आधार अभी पुलिस के पास सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग और साइंटिफिक रिसर्च ही है. अब तक इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत लिया है. इसमें टेंपो चालक, खाना सप्लाई करने वाले युवा, बस चालक सहित अन्य लोग शामिल हैं. घटनास्थल के आसपास से कैमरे में कैद हुए वाहनों के चालकों से भी पुलिस ने पूछताछ की है. सूत्रों की माने तो किसी भी समय इस मामले का खुलासा हो सकता है. पुलिस पर काफी दबाव है इसलिए अफसर पूरी सावधानी बरतते हुए छानबीन कर रहे हैं.
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सामाजिक संस्थाएं लगा रहीं हैं आरोप
अलवर में लगातार सामाजिक संस्थाएं पुलिस पर सरकार के इशारे पर काम करने के गंभीर आरोप लगा रहीं हैं. संस्थाओं ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले को नया रूप दे रही है. यह हादसा नहीं है. पीड़िता के साथ गलत हुआ है. पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा है. अलवर के शहीद स्मारक पर सैकड़ों युवा धरना दे रहे हैं. भाजपा और एबीवीपी सड़कों पर मंडल स्तर तक प्रदर्शन कर रही है. सिख समाज की तरफ से भी अलग-अलग संस्थाएं विरोध जता रही हैं. दिल्ली से सिख समाज की टीम भी अलवर पहुंची. उन्होंने विरोध दर्ज कराते हुए पीड़िता को न्याय की गुहार लगाई.