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पीए मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर राजस्थान सुस्त, हरियाणा में दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का काम हुआ शुरू, अलवर में किसानों को अब तक नहीं मिला मुआवजा

दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का कार्य हरियाणा में तेजी से चल रहा है, लेकिन राजस्थान में पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए अलवर में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी नहीं हुई. साथ ही किसान लगातार हरियाणा की तर्ज पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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Published : Oct 8, 2019, 9:44 AM IST

अलवर. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है. यह प्रोजेक्ट मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से सीधे मुंबई और गुजरात के शहरों में आवागमन सुगम हो जाएगा. हरियाणा में इसका कार्य प्रारंभ हो चुका है. लेकिन राजस्थान में इस कार्य की कछुआ चाल देखी जा रही है. आलम यह है कि अभी तक अलवर में हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है.

अलवर के किसानों को अभी तक नहीं मिला मुआवजा

इस एक्सप्रेस-वे में अलवर जिले की 3 तहसीलों के 52 गांव की 68 किलोमीटर की जमीन पर निर्माण कार्य होना है. दिल्ली से अलवर होते कई फेस में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसके तहत रामगढ़, लक्ष्मणगढ़ और रेणी क्षेत्र के किसानों को मुआवजा दिया जाना है. रामगढ़ में 8 गांव के लोगों को 56.16 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका है. इसी तरह से लक्ष्मणगढ़ के 24 गांव में 126.32 करोड़, रेणी के 20 गांव में 48.1 करोड़ राशि दी जा चुकी है. जबकि अब तक रामगढ़ में मात्र 5.47, लक्ष्मणगढ़ में 64.43 करोड़, रेणी तहसील में 2.78 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. इस हिसाब से करीब 80 करोड़ रुपए अब तक मुआवजा किसानों को मिल चुका है. वहीं मुआवजे को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनको हरियाणा की तर्ज पर जमीन का मुआवजा दिया जाए.

पढ़ें: भरतपुर : गार्ड की पिटाई कर बाल संप्रेषण गृह से भागे 18 बाल अपचारी, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप

अलवर जिले में एक्सप्रेस-वे लिए दो अलग-अलग कंपनियों से अनुबंध किया गया है. दोनों ही एजेंसी को करार से 30 दिन में 90 प्रतिशत जमीन का भौतिक कब्जा करना था. लेकिन उसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. जमीन की समस्याओं का निस्तारण करने का काम तेजी से चल रहा है.

एक्सप्रेस-वे पर एक नजर

  • यह रोड दिल्ली से वड़ोदरा तक 900 किलोमीटर लंबी होगी.
  • इसे मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जाएगा.
  • इसकी शुरुआत दिल्ली-अलवर रोड पर दुनेरा गांव से होगी.
  • हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 80 किलोमीटर की होगी.
  • हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से राजस्थान के अलवर जिले में यह एक्सप्रेस-वे प्रवेश करेगा.
  • यहां इसकी लंबाई करीब 80 किलोमीटर होगी.
  • अलवर से भरतपुर की सीमा में 3 किलोमीटर होते हुए दौसा जिले में जाएगा. यहां इनकी लंबाई 100 किलोमीटर की होगी.
  • राजस्थान के अलवर, भरतपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, कोटा, मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दमोह, गोधरा होते हुए बड़ोदरा तक जाएगा. वडोदरा से मुंबई जाने वाले हाईवे को इससे जोड़ा जाएगा.

अलवर. दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे का काम तेजी से चल रहा है. यह प्रोजेक्ट मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है. इस एक्सप्रेस-वे के बनने के बाद दिल्ली से सीधे मुंबई और गुजरात के शहरों में आवागमन सुगम हो जाएगा. हरियाणा में इसका कार्य प्रारंभ हो चुका है. लेकिन राजस्थान में इस कार्य की कछुआ चाल देखी जा रही है. आलम यह है कि अभी तक अलवर में हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है.

अलवर के किसानों को अभी तक नहीं मिला मुआवजा

इस एक्सप्रेस-वे में अलवर जिले की 3 तहसीलों के 52 गांव की 68 किलोमीटर की जमीन पर निर्माण कार्य होना है. दिल्ली से अलवर होते कई फेस में इस एक्सप्रेस-वे का निर्माण होगा. इसके तहत रामगढ़, लक्ष्मणगढ़ और रेणी क्षेत्र के किसानों को मुआवजा दिया जाना है. रामगढ़ में 8 गांव के लोगों को 56.16 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका है. इसी तरह से लक्ष्मणगढ़ के 24 गांव में 126.32 करोड़, रेणी के 20 गांव में 48.1 करोड़ राशि दी जा चुकी है. जबकि अब तक रामगढ़ में मात्र 5.47, लक्ष्मणगढ़ में 64.43 करोड़, रेणी तहसील में 2.78 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं. इस हिसाब से करीब 80 करोड़ रुपए अब तक मुआवजा किसानों को मिल चुका है. वहीं मुआवजे को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उनको हरियाणा की तर्ज पर जमीन का मुआवजा दिया जाए.

पढ़ें: भरतपुर : गार्ड की पिटाई कर बाल संप्रेषण गृह से भागे 18 बाल अपचारी, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप

अलवर जिले में एक्सप्रेस-वे लिए दो अलग-अलग कंपनियों से अनुबंध किया गया है. दोनों ही एजेंसी को करार से 30 दिन में 90 प्रतिशत जमीन का भौतिक कब्जा करना था. लेकिन उसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है. जमीन की समस्याओं का निस्तारण करने का काम तेजी से चल रहा है.

एक्सप्रेस-वे पर एक नजर

  • यह रोड दिल्ली से वड़ोदरा तक 900 किलोमीटर लंबी होगी.
  • इसे मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जाएगा.
  • इसकी शुरुआत दिल्ली-अलवर रोड पर दुनेरा गांव से होगी.
  • हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 80 किलोमीटर की होगी.
  • हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से राजस्थान के अलवर जिले में यह एक्सप्रेस-वे प्रवेश करेगा.
  • यहां इसकी लंबाई करीब 80 किलोमीटर होगी.
  • अलवर से भरतपुर की सीमा में 3 किलोमीटर होते हुए दौसा जिले में जाएगा. यहां इनकी लंबाई 100 किलोमीटर की होगी.
  • राजस्थान के अलवर, भरतपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, कोटा, मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दमोह, गोधरा होते हुए बड़ोदरा तक जाएगा. वडोदरा से मुंबई जाने वाले हाईवे को इससे जोड़ा जाएगा.
Intro:अलवर।
दिल्ली-बड़ोदरा एक्सप्रेस हाईवे का काम तेजी से चल रहा है। यह प्रोजेक्ट मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद दिल्ली से सीधे मुंबई व गुजरात के शहरों में आना जाना आसान हो जाएगा। हरियाणा में इसका काम शुरू हो चुका है। लेकिन राजस्थान में इसका काम धीमी गति से चल रहा है। अभी तक अलवर में हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है।


Body:ईसाई वे में अलवर जिले की 3 तहसीलों के 52 गांव की 68 किलोमीटर की जमीन पर निर्माण कार्य होना है। दिल्ली से अलवर होते कई फेस में इस एक्सप्रेस वे का निर्माण होगा। इसके तहत रामगढ़ लक्ष्मणगढ़ और रेणी क्षेत्र के किसानों को मुआवजा दिया जाना है। रामगढ़ में 8 गांव के लोगों को 56.16 करोड़ मुआवजा दिया जा चुका है। इसी तरह से लक्ष्मणगढ़ के 24 गांव में 126. 32 करोड़, रेणी के 20 गांव में 48.1 करोड़ राशि दी जा चुकी है। जबकि अब तक रामगढ़ में मात्र 5. 47, लक्ष्मणगढ़ में 64.43 करोड़, रेणी तहसील में 2.78 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इस हिसाब से करीब 80 करोड़ रुपए अब तक मुआवजा किसानों को मिल चुका है। वही मुआवजे को लेकर किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि उनको हरियाणा की तर्ज पर जमीन का मुआवजा दिया जाए।


Conclusion:अलवर जिले में एक्सप्रेस वे लिए दो अलग-अलग कंपनियों से अनुबंध किया गया है। दोनों ही एजेंसी को करार से 30 दिन में 90 पीटीशत जमीन का भौतिक कब्जा करना था। लेकिन उसे अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। जमीन की समस्याओं का निस्तारण करने का काम तेजी से चल रहा है।

हाईवे पर एक नजर
हाईवे दिल्ली से बड़ोदरा तक 900 किलोमीटर लंबा होगा।
इसको मुंबई एक्सप्रेस हाईवे से जोड़ा जाएगा।
इसकी शुरुआत दिल्ली अलवर रोड पर दुनेरा गांव से होगी।
हाईवे की लंबाई हरियाणा के अंदर करीब 80 किलोमीटर की होगी।
हरियाणा के फिरोजपुर झिरका से राजस्थान के अलवर जिले में हाईवे प्रवेश करेगा।
यहां इसकी लंबाई करीब 80 किलोमीटर होगी।
अलवर से भरतपुर की सीमा में 3 किलोमीटर होते हुए दौसा जिले में जाएग। यहां इनकी लंबाई 100 किलोमीटर की होगी।
राजस्थान के अलवर भरतपुर दौसा टोंक, बूंदी कोटा मध्यप्रदेश में रतलाम, गुजरात में दमोह गोधरा होते हुए बड़ोदरा तक जाएगा। वडोदरा से मुंबई जाने वाले हाईवे को इससे जोड़ा जाएगा।
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