अलवर. कोरोना वायरस में बचाव ही इलाज है. इसलिए कोरोना से बचने के लिए हर घंटे पानी से हाथ धोना, हाथों में सेनिटाइजर लगाना, मुंह पर मास्क पहनना सहित अन्य सावधानी बरतना आवश्यक है. जैसे ही देश में कोरोना का प्रभाव शुरू हुआ.
बाजार से मास्क और सेनिटाइजर गायब हो गए. बड़ी कंपनियां और दुकानदार मास्क और सेनिटाइजर की कालाबाजारी करने में लगे हुए हैं. दुकानदार लोगों से मनमाने पैसे वसूल रहे हैं, तो वहीं प्रशासन के तमाम दावों के बाद भी अलवर में यह खेल चल रहा है. जरूरतमंद लोगों को मास्क और सेनिटाइजर नहीं मिल रहे हैं. आमजन खासा परेशान है इन हालातों को देखते हुए अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदियों ने मास्क बनाना शुरू किया है.
अलवर केंद्रीय कारागार के अधीक्षक राजेंद्र सिंह ने बताया कि अलवर केंद्रीय कारागार में बंदी को मास्क और सेनिटाइजर की आवश्यकता है. बाजार में या तो मास्क गायब है, कुछ जगह पर मास्क मिल रहे हैं तो काफी महंगे दामों पर मिल रहे हैं.
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इसलिए अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदी मास्क बना रहे हैं. इसके लिए जयपुर के कारागार से कच्चा माल लिया गया है. अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदी स्टाफ और उनके परिजनों के लिए करीब ढाई हजार मास्क की आवश्यकता है. अलवर के अधिनस्थ आने वाले बहरोड़ और किशनगढ़ बास कारागृह में भी मास्क उपलब्ध कराए जाएंगे.
मास्क बनाने के काम में अलवर की केंद्रीय कारागार के 20 के बंदियों को लगाया गया है. जेल के अधिकारियों ने कहा कि अगर प्रशासन चाहेगा तो बंदी उनके लिए भी मास्क बना देंगे, लेकिन उसके लिए प्रशासन को कच्चा माल उपलब्ध कराना होगा.