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अलवर: देश भर में मनाया जा रहा बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक दशहरा...

अलवर में बुराई और अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर में पुरुषार्थी समिति की ओर से दशहरा पर्व पर जेल का चौराहे स्थित दशहरा मैदान में 62 फुट के रावण और 50-50 फिट के कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा.

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Published : Oct 8, 2019, 6:23 PM IST

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अलवर. जिले में बुराई और अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर में पुरुषार्थी समिति की ओर से दशहरा पर्व पर जेल का चौराहे स्थित दशहरा मैदान में 62 फुट के रावण और 50-50 फिट के कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा.

अलवर में अच्छाई और बुराई का पर्व दशहारा धूमधाम से मनाया जा रहा

इसके लिए समिति की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है. रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के रंग-बिरंगे कागजों से पुतले तैयार किए जा रहे हैं. दशहरा मैदान में दशहरा पर्व की तैयारियां जोरों से चल रही है. क्रेन से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को खड़ा किया जा रहा है. जिले में इस बार रावण दहन से पूर्व निकाली जाने वाली शोभायात्रा का मुस्लिम समाज की ओर से भी स्वागत किया जाएगा. बता दें कि जिला में पहली बार मुस्लिम समाज दशहरा पर्व में शरीक हो रहा है. साथ ही रावण दहन के लिए इको फ्रेंडली सामान तैयार किया गया है.

यह भी पढ़ें- चूरू में शराबी युवक ने नशे में काटी हाथों की नस

दशहरा पर्व पर रावण का पुतला 62 फीट, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 50-50 फुट के तैयार किए गए हैं. इन पुतलों को डीग के कारीगरों की ओर से तैयार किया गया है. रावण को बनाने में 6 कारीगर लगे हुए हैं. यह कारीगर 15 दिन पहले आकर तैयारियों में लग जाते हैं और यहीं विजयदशमी से 2 दिन पूर्व रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाकर तैयार करते हैं.

इस बार रावण के मुंह से फूलों की बारिश होगी. यह भी एक विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा. दशहरा समारोह में मेरठ से आए आतिशबाजी विशेष तौर पर प्रदर्शन करेंगे. रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाने के लिए करीब 2 लाख खर्च किए जा रहे हैं. इस बार मोहल्लों के बच्चे भी डीग से आए कारीगरों से रावण बनवा रहे हैं. जिसमें कारीगर 8 हजार रुपए में मोहल्ले वालों को रावण बना देते हैं.

अलवर. जिले में बुराई और अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. शहर में पुरुषार्थी समिति की ओर से दशहरा पर्व पर जेल का चौराहे स्थित दशहरा मैदान में 62 फुट के रावण और 50-50 फिट के कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा.

अलवर में अच्छाई और बुराई का पर्व दशहारा धूमधाम से मनाया जा रहा

इसके लिए समिति की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है. रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के रंग-बिरंगे कागजों से पुतले तैयार किए जा रहे हैं. दशहरा मैदान में दशहरा पर्व की तैयारियां जोरों से चल रही है. क्रेन से रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को खड़ा किया जा रहा है. जिले में इस बार रावण दहन से पूर्व निकाली जाने वाली शोभायात्रा का मुस्लिम समाज की ओर से भी स्वागत किया जाएगा. बता दें कि जिला में पहली बार मुस्लिम समाज दशहरा पर्व में शरीक हो रहा है. साथ ही रावण दहन के लिए इको फ्रेंडली सामान तैयार किया गया है.

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दशहरा पर्व पर रावण का पुतला 62 फीट, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले 50-50 फुट के तैयार किए गए हैं. इन पुतलों को डीग के कारीगरों की ओर से तैयार किया गया है. रावण को बनाने में 6 कारीगर लगे हुए हैं. यह कारीगर 15 दिन पहले आकर तैयारियों में लग जाते हैं और यहीं विजयदशमी से 2 दिन पूर्व रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाकर तैयार करते हैं.

इस बार रावण के मुंह से फूलों की बारिश होगी. यह भी एक विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा. दशहरा समारोह में मेरठ से आए आतिशबाजी विशेष तौर पर प्रदर्शन करेंगे. रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाने के लिए करीब 2 लाख खर्च किए जा रहे हैं. इस बार मोहल्लों के बच्चे भी डीग से आए कारीगरों से रावण बनवा रहे हैं. जिसमें कारीगर 8 हजार रुपए में मोहल्ले वालों को रावण बना देते हैं.

Intro:अलवर में आज बुराई और अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। अलवर शहर में पुरुषार्थी समिति की और से दशहरा पर्व पर जेल का चौराहे स्थित दशहरा मैदान में 62 फुट के रावण और 50-50 फिट की कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया जाएगा।


Body:इसके लिए समिति की ओर से विशेष तैयारियां की जा रही है। रावण, कुंभकरण, मेघनाथ के रंग-बिरंगे कागजों से पुतले तैयार किए जा रहे हैं। दशहरा मैदान में दशहरा पर्व की तैयारियां जोरों पर चल रही है। क्रेन से रावण और कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों को खड़ा किया जा रहा है। अलवर में इस बार रावण दहन से पूर्व निकाली जाने वाली शोभायात्रा का मुस्लिम समाज के द्वारा भी स्वागत किया जाएगा। और अलवर में पहली बार मुस्लिम समाज दशहरा पर्व में शरीक हो रहा है। रावण दहन में इको फ्रेंडली सामान तैयार किया गया है।


दशहरा पर्व पर रावण का पुतला 62 फीट कुंभकरण, मेघनाथ के पुतले 50-50 फुट के तैयार किए गए हैं। इन पुतलो को बाहर डीग के कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। रावण को बनाने में 6 कारीगर लगे हुए हैं। यह कारीगर 15 दिन पहले आकर तैयारियों में लग जाते हैं। और यही यह कारीगर विजयदशमी से 2 दिन पूर्व रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाकर तैयार कर देते हैं। और विजयदशमी की सुबह दशहरा मैदान में तीनों पुतलो को पहुंचा देते हैं। इस बार रावण के मुंह से फूलों की बारिश होगी। यह भी एक विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। दशहरा समारोह में मेरठ से आए आतिशबाजी विशेष आतिशी द्वारा प्रदर्शन करेंगे। रावण, मेघनाथ, कुंभकरण बनाने के लिए करीब 2 लाख खर्च किए जा रहे हैं। इस बार मोहल्लों के बच्चे भी डीग से आए कारीगरों से रावण बनवा रहे हैं। जिसमें कारीगर 8 हजार में मोहल्ले वालों को रावण बना कर दे रहे हैं।


Conclusion:बाईट- ओम प्रकाश उपाध्याय पुरुषार्थी समाज

बाईट- शेर मोहम्मद जिला मेव संरक्षक सदर
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