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अलवर: दिवाली पर बाजारों में बिक रहे मिट्टी के ऊंट और शेर - दिवाली पर अलवर में सजे बाजार

दिवाली के मौके पर अलवर के बाजारों में ऊंट और शेर बिक रहे हैं. सुनने में थोड़ा अजीब है, लेकिन यह हकीकत है. दिवाली के दिन लक्ष्मी गणेशजी की पूर्ति के साथ ऊंट, शेर, गुजरी, महल सहित कई अन्य तरह की मिट्टी से बनी चीजों को भी पूजन में रखा जाता है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग लक्ष्मीजी के पूजन का सामान खरीदने के लिए बाजार में पहुंच रहे हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं.

बाजारों में बिक रहे ऊंट और शेर, diwali market decoration in alwar
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Published : Oct 24, 2019, 9:34 AM IST

अलवर. दिवाली का त्यौहार खुशियों और जश्न का त्यौहार है. रावण का वध करके भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे और जश्न मनाया था. उसके बाद से लगातार दिवाली उसी ढंग से मनाई जा रही है. ऐसे में दिवाली के दिन लोग विधि विधान से लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते हैं. इस दौरान मिट्टी के हाट, मंगल कलश, शेर, ऊंट, महल सहित कई तरह की मूर्तियों को भी पूजन में रखा जाता है. पूजन के दौरान इन मूर्तियों में खील और अन्य पूजन की सामग्री रखी जाती है.

अलवर में दिवाली पर बाजारों में बिक रहे मिट्टी के ऊंट और शेर

पढ़े: राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 156 RAS के हुए तबादले

अलवर के बाजार पूजन सामग्री और अन्य सजावटी सामान से पट चुके हैं. सड़क के दोनों तरफ हजारों दुकानें लगी हुई है, तो वहीं घंटाघर पर दुकान लगाने वाले अजय प्रजापत नाम के दुकानदार ने बताया कि दिवाली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है. इसलिए लोग पूजन सामग्री में इन वस्तुओं को काम में लेते हैं. वहीं बाजारों में दिवाली की रौनक दिखने लगी है. उन्होंने सामानों के भाव बताते हुए कहा कि कीमत में लगातार कमी होने के कारण इन सामान में कुछ नहीं बचता है.

मंदी की मार झेल रहे सर्राफा बाजार को धनतेरस से है खासी उम्मीदें

अलवर. दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस मनाई जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा होती है. इस दिन लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करते हैं तो वहीं चांदी और स्टील के बर्तन की खरीदारी का खास महत्व है, इसलिए बड़ी संख्या में चांदी के स्टील के सामान की डिमांड बढ़ जाती है. चांदी को सबसे शुभ धातु माना जाता है. इसलिए चांदी का विशेष महत्व है. चांदी के बर्तन और लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति दिवाली के मौके पर खास तौर पर खरीदी जाती है. लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे बाजार को इस दिवाली से खासी उम्मीदें हैं. वहीं व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के चलते बाजार बढ़ा है.

धनतेरस पर बाजार को खासी उम्मीदें

लोग खरीदारी करने के लिए अब दुकानों पर आने लगे हैं. ज्वैलर मुरारी लाल सोनी ने बताया कि लंबे समय से बाजार में मंदी का माहौल बना हुआ था. लेकिन अब दिवाली के चलते लोग खरीदारी के लिए दुकानों में आने लगे हैं. ऐसे में आने वाले समय में व्यापारियों को खासी उम्मीदें हैं. वहीं उन्होंने कहा कि दिवाली के दिन चांदी का खास महत्व होता है. धनतेरस के दिन लोग चांदी के बर्तन लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति और अन्य सामान खरीदते हैं. वहीं दिवाली के दिन उनका पूजन किया जाता है. इसे बड़ा ही शुभ माना गया है.

अलवर. दिवाली का त्यौहार खुशियों और जश्न का त्यौहार है. रावण का वध करके भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे और जश्न मनाया था. उसके बाद से लगातार दिवाली उसी ढंग से मनाई जा रही है. ऐसे में दिवाली के दिन लोग विधि विधान से लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते हैं. इस दौरान मिट्टी के हाट, मंगल कलश, शेर, ऊंट, महल सहित कई तरह की मूर्तियों को भी पूजन में रखा जाता है. पूजन के दौरान इन मूर्तियों में खील और अन्य पूजन की सामग्री रखी जाती है.

अलवर में दिवाली पर बाजारों में बिक रहे मिट्टी के ऊंट और शेर

पढ़े: राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल, 156 RAS के हुए तबादले

अलवर के बाजार पूजन सामग्री और अन्य सजावटी सामान से पट चुके हैं. सड़क के दोनों तरफ हजारों दुकानें लगी हुई है, तो वहीं घंटाघर पर दुकान लगाने वाले अजय प्रजापत नाम के दुकानदार ने बताया कि दिवाली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है. इसलिए लोग पूजन सामग्री में इन वस्तुओं को काम में लेते हैं. वहीं बाजारों में दिवाली की रौनक दिखने लगी है. उन्होंने सामानों के भाव बताते हुए कहा कि कीमत में लगातार कमी होने के कारण इन सामान में कुछ नहीं बचता है.

मंदी की मार झेल रहे सर्राफा बाजार को धनतेरस से है खासी उम्मीदें

अलवर. दिवाली से 2 दिन पहले धनतेरस मनाई जाती है. धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरी की पूजा होती है. इस दिन लोग बड़ी संख्या में खरीदारी करते हैं तो वहीं चांदी और स्टील के बर्तन की खरीदारी का खास महत्व है, इसलिए बड़ी संख्या में चांदी के स्टील के सामान की डिमांड बढ़ जाती है. चांदी को सबसे शुभ धातु माना जाता है. इसलिए चांदी का विशेष महत्व है. चांदी के बर्तन और लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति दिवाली के मौके पर खास तौर पर खरीदी जाती है. लंबे समय से मंदी की मार झेल रहे बाजार को इस दिवाली से खासी उम्मीदें हैं. वहीं व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के चलते बाजार बढ़ा है.

धनतेरस पर बाजार को खासी उम्मीदें

लोग खरीदारी करने के लिए अब दुकानों पर आने लगे हैं. ज्वैलर मुरारी लाल सोनी ने बताया कि लंबे समय से बाजार में मंदी का माहौल बना हुआ था. लेकिन अब दिवाली के चलते लोग खरीदारी के लिए दुकानों में आने लगे हैं. ऐसे में आने वाले समय में व्यापारियों को खासी उम्मीदें हैं. वहीं उन्होंने कहा कि दिवाली के दिन चांदी का खास महत्व होता है. धनतेरस के दिन लोग चांदी के बर्तन लक्ष्मी गणेश जी की मूर्ति और अन्य सामान खरीदते हैं. वहीं दिवाली के दिन उनका पूजन किया जाता है. इसे बड़ा ही शुभ माना गया है.

Intro:अलवर
दिवाली के मौके पर अलवर के बाजारों में ऊंट व शेर बिक रहे हैं। सुनने में यह बड़ा अजीब है, लेकिन यह हकीकत है। दिवाली के दिन लक्ष्मी गणेशजी की पूर्ति के साथ ऊंट, शेर, गुजरी, महल सहित कई अन्य तरह की चीजों को पूजन में रखा जाता है। ऐसे में बड़ी संख्या में लोग लक्ष्मी जी के पूजन का सामान खरीदने के लिए बाजार में पहुंच रहे हैं व जमकर खरीददारी कर रहे हैं।


Body:दिवाली का त्यौहार खुशियों व जश्न मनाने का त्यौहार है। रावण का वध करके भगवान राम जब अयोध्या लौटे थे। तो अयोध्या वासियों ने घी के दीपक जलाए थे व जश्न मनाया था। उसके बाद से लगातार दिवाली उसी ढंग से मनाई जा रही है। ऐसे में दिवाली के दिन लोग विधि विधान से लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करते हैं। इस दौरान मिट्टी के हार्ट, मंगल कलश, शेर, ऊंट, महल, गुजरी सहित कई तरह की मूर्तियों को भी पूजन में रखा जाता है। पूजन के दौरान इन मूर्तियों में खील व अन्य पूजन की सामग्री रखी जाती है। दुकानदार में लोगों की माने तो भगवान राम के जश्न में सभी शामिल हुए थे व भगवान राम जुलूस के रूप में अयोध्या लौटे थे। उनके जुलूस में हाथी घोड़े शेर सभी शामिल थे। इसीलिए हर साल दिवाली के मौके पर इन मूर्तियों को भी रखा जाता है।


Conclusion:अलवर के बाजार पूजन सामग्री व अन्य सजावटी सामान से पट चुके हैं। सड़क के दोनों तरफ हजारों दुकानें लगी हुई है। तो वहीं घंटाघर पर दुकान लगाने वाले अजय प्रजापत नाम के दुकानदार ने बताया की दिवाली का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है। इसलिए लोग पूजन सामग्री में इन वस्तुओं को काम में लेते हैं। तो वही बाजारों में दिवाली की रौनक पड़ने लगी है। उन्होंने सामानों के भाव बताते हुए कहा की कीमत में लगातार कमी होने के कारण इन सामान में कुछ नहीं बचता है।

बाइट- अजय प्रजापत, दुकानदार
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