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अलवरः छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के बाद भड़का गुस्सा, पीएम मोदी का फूंका पुतला - नागरिकता संशोधन के खिलाफ विरोध

अलवर में जेल चौराहे पर मंगलवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश व्यापी आह्वान पर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं पर पुलिस द्वारा कैंपस में घुसकर हमला और दमन करने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया.

Anger erupted after police action on students, alwar news, अलवर न्यूज
छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के बाद भड़का गुस्सा
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Published : Dec 17, 2019, 9:28 PM IST

अलवर. जिले में मंगलवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश व्यापी आह्वान पर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया. इस दौरान "शैक्षणिक संस्थानों में पुलिस दमन बंद करो" CCA वापस लो" NRC वापस लो" मोदी सरकार होश में आओ" के नारे लगाए गए.

छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के बाद भड़का गुस्सा

इस दौरान पंकज सांवरिया प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा जामिया, एमयू, और पूर्वोत्तर भारत के नागरिकों के द्वारा पुलिस दमन संविधान विरोधी है. देश की राजधानी नई दिल्ली में संविधान की सर्वोच्च संस्थाएं संसद सर्वोच्च न्यायालय हैं. वहां पर जेएनयू जामिया जैसी विश्वविद्यालय में उठने वाली प्रतिरोध की आवाज को केंद्र की मोदी सरकार पुलिस दमन से दबा देना चाहती है. सरकार विचार-विमर्श लोकतंत्र को अपनाने की बजाय टकराव पैदा कर रही है. आंदोलन के अंदर हिंसक और आपराधिक तत्वों को शामिल कर पहले हिंसा करवाती है. फिर इसी हिंसा के नाम पर जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस, रबर की गोलियों का प्रयोग करती है. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी के अंदर घुसकर छात्र-छात्राओं को पीटा गया है. यही रवैया जेएनयू के अंदर भी देखने को मिला था.

पढ़ेंः 20 दिसंबर को CAB के समर्थन में भाजपा करेगी प्रदर्शन, राजस्थान में संशोधन विधेयक लागू करवाने की रहेगी मांग

वहीं बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप डींगवाल ने कहा छात्रों पर दमन निंदनीय है. मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक देश का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा कर्फ्यू की चपेट में है. एक तरफ सरकार चुनावी सभाओं में पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति की अपील कर रही है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे छात्रों के लिए सरकार के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य प्रतिनिधियों के पास समय नहीं है. अलवर जिले का छात्र भी जामिया, एएमयू जेएनयू के छात्रों के साथ है.

चित्तौडग़ढ़ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

चित्तौडग़ढ़ जिले में अंजुमन मिल्लते इस्लामियां संस्थान ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर नागरिकता संशोधन बिल और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. बता दें कि लोगों ने गोल प्याऊ से कलक्ट्रेट चौराहे तक पैदल मार्च निकाला. बाद में यहां मानव श्रृंखला बना कर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा

चित्तौडग़ढ़ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

अलवर. जिले में मंगलवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश व्यापी आह्वान पर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध किया. इस दौरान "शैक्षणिक संस्थानों में पुलिस दमन बंद करो" CCA वापस लो" NRC वापस लो" मोदी सरकार होश में आओ" के नारे लगाए गए.

छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के बाद भड़का गुस्सा

इस दौरान पंकज सांवरिया प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा जामिया, एमयू, और पूर्वोत्तर भारत के नागरिकों के द्वारा पुलिस दमन संविधान विरोधी है. देश की राजधानी नई दिल्ली में संविधान की सर्वोच्च संस्थाएं संसद सर्वोच्च न्यायालय हैं. वहां पर जेएनयू जामिया जैसी विश्वविद्यालय में उठने वाली प्रतिरोध की आवाज को केंद्र की मोदी सरकार पुलिस दमन से दबा देना चाहती है. सरकार विचार-विमर्श लोकतंत्र को अपनाने की बजाय टकराव पैदा कर रही है. आंदोलन के अंदर हिंसक और आपराधिक तत्वों को शामिल कर पहले हिंसा करवाती है. फिर इसी हिंसा के नाम पर जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस, रबर की गोलियों का प्रयोग करती है. पुलिस द्वारा लाइब्रेरी के अंदर घुसकर छात्र-छात्राओं को पीटा गया है. यही रवैया जेएनयू के अंदर भी देखने को मिला था.

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वहीं बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप डींगवाल ने कहा छात्रों पर दमन निंदनीय है. मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक देश का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा कर्फ्यू की चपेट में है. एक तरफ सरकार चुनावी सभाओं में पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति की अपील कर रही है. वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे छात्रों के लिए सरकार के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और अन्य प्रतिनिधियों के पास समय नहीं है. अलवर जिले का छात्र भी जामिया, एएमयू जेएनयू के छात्रों के साथ है.

चित्तौडग़ढ़ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

चित्तौडग़ढ़ जिले में अंजुमन मिल्लते इस्लामियां संस्थान ने मंगलवार को जिला मुख्यालय पर नागरिकता संशोधन बिल और जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में हुई घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. बता दें कि लोगों ने गोल प्याऊ से कलक्ट्रेट चौराहे तक पैदल मार्च निकाला. बाद में यहां मानव श्रृंखला बना कर जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम से ज्ञापन सौंपा

चित्तौडग़ढ़ में नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
Intro:अलवर में जेल चौराहे पर मंगलवार को स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश व्यापी आह्वान पर नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं पर पुलिस द्वारा कैंपस में घुसकर हमला व दमन करने के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया गया।


Body:इस दौरान "शैक्षणिक संस्थानों में पुलिस दमन बंद करो" CCA वापस लो" NRC वापस लो" मोदी सरकार होश में आओ" के नारे लगाये गए। इस दौरान पंकज सांवरिया प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा जामिया, एमयू, व पूर्वोत्तर भारत के नागरिकों के द्वारा पुलिस दमन संविधान विरोधी है। देश की राजधानी नई दिल्ली में संविधान की सर्वोच्च संस्थाएं संसद सर्वोच्च न्यायालय हैं। वहां पर जेएनयू जामिया जैसी विश्वविद्यालय में उठने वाली प्रतिरोध की आवाज को केंद्र की मोदी सरकार पुलिस दमन से दबा देना चाहती है। सरकार विचार-विमर्श लोकतंत्र को अपनाने की बजाय टकराव पैदा कर रही है। आंदोलन के अंदर हिंसक व आपराधिक तत्वों को शामिल कर पहले हिंसा करवाती है। फिर इसी हिंसा के नाम पर जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस, रबर की गोलियों का प्रयोग करती है। पुलिस द्वारा लाइब्रेरी के अंदर घुसकर छात्र-छात्राओं को पीटा गया है। यही रवैया जेएनयू के अंदर भी देखने को मिला था। सरकार प्रतिरोध की आवाज को दमन के दम पर दबा देना चाहती है। जो लोकतंत्र की मूल भावनाओं के विपरीत है। पुलिस छात्रों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार कर रही है। जो टकराव को घटाने की बजाये बढ़ाने का काम करेगा।

वही बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष संदीप डींगवाल ने कहा छात्रों पर दमन निंदनीय है। मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण जम्मू कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक देश का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा कर्फ्यू की चपेट में है। एक तरफ सरकार चुनावी सभाओं में पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति की अपील कर रही है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में आंदोलन कर रहे छात्रों के लिए सरकार के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य प्रतिनिधियों के पास समय नहीं है। अलवर जिले का छात्र भी जामिया, एएमयू जेएनयू के छात्रों के साथ है। कला कॉलेज के छात्रों ने भी पिछले 5 वर्षों में पुलिस दमन सहा है। छात्रसंघ भी दमन सहते हुए कार्य कर रहा है।


Conclusion:बाईट- पंकज सांवरिया

बाईट- सुदीप डींगवाल छात्रसंघ अध्यक्ष बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय
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