तिजारा (अलवर). प्रदेश में सोमवार को बसपा के 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए. बता दें कि गहलोत ने मास्टर स्ट्रोक मारते हुए बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कर लिया है. साथ ही बड़े-बड़े सियासतदानों को पस्त करते हुए विपक्ष को एक करारी पटखनी दी है.
अलवर में बसपा के तिजारा विधानसभा क्षेत्र से संदीप यादव और किशनगढ़बास विधानसभा से दीप खैरिया कद्दावर नेता माने जाते हैं. जिन्होंने दूसरी पार्टियों के चेहरे के रूप में अपने व्यक्तित्व को चमकाया और गत विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिलने पर बागी तेवर अपनाते हुए बसपा का दामन थाम लिया. यही नहीं विधानसभा चुनाव 2018 में अपने राजनीतिक जोड़-तोड़ और सियासी गणित को साधते हुए फतेह हासिल की.
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तिजारा विधानसभा से संदीप यादव ने कांग्रेस के ही पूर्व चिकित्सा मंत्री इमामुद्दीन अहमद दुरु मियां को करीब साढ़े चार हजार वोटों से करारी शिकस्त दी. जिसमें तीसरे नंबर पर भाजपा के संदीप दायमा को करीब 18 हजार वोटों से परास्त किया. बहरहाल, अभी सभी 6 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. जिसके बाद विधायकों ने तर्क देते हुए कहा है कि उन्होंने राजस्थान और अपने क्षेत्र विशेष में विकास के पहिए को निरंतर सुचारू रखने के लिए कांग्रेस का हाथ थामा है. साथ ही कहा कि भाजपा की नीतियों को रोककर रखने के लिए यह कदम उठाया है और प्रगतिशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ मजबूत किए हैं. अब देखना होगा कि आखिर बसपा के इन सभी विधायकों का यह कदम कितना विकास कर पाता है. लेकिन सोमवार आधी रात को जो यह बड़ी खबर राजनीतिक गलियारों से निकलकर आई है. वह मंगलवार को पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है.
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संदीप यादव इससे पूर्व में भाजपा के कई अहम पदों पर काबिज रह चुके हैं. संदीप यादव भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के अलवर जिला अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं राजस्थान युवा बोर्ड के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि बसपा के सभी विधायकों द्वारा किसी बड़े पद को पाने के लिए भी यह दाव खेला गया हो सकता है.