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अजमेर के शहीद बेटे को मरणोपरांत मिला सेना मेडल, मां ने कहा- दूसरे बेटे को भी फौज में भर्ती कराना चाहती हूं - Rajasthan News

अजमेर का बेटा हेमराज जाट दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ था. उसके मरणोपरांत उसे सेना मेडल वीरता पुरस्कार दिया गया. अलवर में हुए सेना के कार्यक्रम में यह मेडल लेने के लिए हेमराज की 70 वर्षीय मां पहुंची. इस दौरान हेमराज को याद करते हुए उनकी आंखें भर आई.

Investiture ceremony of the army in Alwar,  Rajasthan News
अजमेर के शहीद बेटे को मरणोपरांत मिला सेना मेडल
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Published : Feb 19, 2021, 10:47 PM IST

अलवर. अजमेर का बेटा हेमराज जाट दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ था. हेमराज ने दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. उसके मरणोपरांत सेना की तरफ से हेमराज को सेना मेडल वीरता पुरस्कार दिया गया. अलवर में हुए सेना के कार्यक्रम में यह मेडल लेने के लिए हेमराज की 70 वर्षीय मां पहुंची. इस दौरान हेमराज को याद करते हुए उनकी आंखें भर आई.

अजमेर के शहीद बेटे को मरणोपरांत मिला सेना मेडल

पढ़ें- सेवानिवृत्ति के बाद सैनिकों को मिलेगी बड़ी कंपनियों में नौकरी, राजस्थान में जल्द होगी 2 सेना रैली

उन्होंने कहा कि अभी मेरा दूसरा बेटा है, उसको भी फौज में भर्ती कर लो. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हेमराज की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है, वो तो एक था. एक सितंबर 2019 को ग्रेनेडियर हेमराज जाट नियंत्रण रेखा के इलाके में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ ड्यूटी कर रहा था. इसी दौरान अकारण ही शक्ति कंपनी की पोस्ट पर फायरिंग शुरू हो गई.

हेमराज ने मशीन गन से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर अपने पराक्रम का परिचय दिया. दुश्मन पर हेमराज भारी पड़े दुश्मन पर गोलीबारी करते समय एक स्प्रिंटर उनकी गर्दन पर आग लग गई. जिसके कारण हेमराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां हेमराज वीरगति को प्राप्त हुए. उनके इस साहस को देखते हुए सेना की तरफ से उनको सेना मेडल वीरता से सम्मानित किया गया.

अलवर के इटाराणा छावनी कैंट में दक्षिण पश्चिमी कमान का अलंकरण समारोह हुआ. इसमें लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने यह सम्मान दिया. हेमराज के परिवार की तरफ से उसकी 70 वर्षीय मां अवार्ड लेने के लिए स्टेज पर पहुंची. ईटीवी से बातचीत करते हुए हेमराज की मां ने कहा कि हेमराज की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता वो तो एक था.

पढ़ें- Exclusive: प्रदेश में एक बार फिर बदमाशों की धरपकड़ के लिए चलाया जाएगा टॉप-10 अभियान, निर्देश जारी

इतना ही नहीं सेना की तरफ से युवराज की मां का भी सम्मान किया गया. सेना के अधिकारियों ने उनके साथ फोटो खिंचाई और परिवार में भी कुछ वक्त बिताया. इस दौरान हेमराज की मां ने अपने दूसरे बेटे को भी भर्ती करने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनका दूसरा बेटा है वो भी सेना में भर्ती होना चाहता है. यह बात उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल के सामने भी रखी.

हेमराज को याद करते हुए उनकी आंखें भर आई. उन्होंने कहा कि उसका बेटा गांव में सबसे अलग था और सबसे मिलनसार था. उनके परिवार में अकेला वो था जो सेना में भर्ती हुआ. उसके जाने के बाद परिवार के हालात खबर हैं. घर में कमाने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं बचा है.

अलवर. अजमेर का बेटा हेमराज जाट दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुआ था. हेमराज ने दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया. उसके मरणोपरांत सेना की तरफ से हेमराज को सेना मेडल वीरता पुरस्कार दिया गया. अलवर में हुए सेना के कार्यक्रम में यह मेडल लेने के लिए हेमराज की 70 वर्षीय मां पहुंची. इस दौरान हेमराज को याद करते हुए उनकी आंखें भर आई.

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उन्होंने कहा कि अभी मेरा दूसरा बेटा है, उसको भी फौज में भर्ती कर लो. ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि हेमराज की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता है, वो तो एक था. एक सितंबर 2019 को ग्रेनेडियर हेमराज जाट नियंत्रण रेखा के इलाके में पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ ड्यूटी कर रहा था. इसी दौरान अकारण ही शक्ति कंपनी की पोस्ट पर फायरिंग शुरू हो गई.

हेमराज ने मशीन गन से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देकर अपने पराक्रम का परिचय दिया. दुश्मन पर हेमराज भारी पड़े दुश्मन पर गोलीबारी करते समय एक स्प्रिंटर उनकी गर्दन पर आग लग गई. जिसके कारण हेमराज को अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां हेमराज वीरगति को प्राप्त हुए. उनके इस साहस को देखते हुए सेना की तरफ से उनको सेना मेडल वीरता से सम्मानित किया गया.

अलवर के इटाराणा छावनी कैंट में दक्षिण पश्चिमी कमान का अलंकरण समारोह हुआ. इसमें लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर ने यह सम्मान दिया. हेमराज के परिवार की तरफ से उसकी 70 वर्षीय मां अवार्ड लेने के लिए स्टेज पर पहुंची. ईटीवी से बातचीत करते हुए हेमराज की मां ने कहा कि हेमराज की कमी कोई पूरी नहीं कर सकता वो तो एक था.

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इतना ही नहीं सेना की तरफ से युवराज की मां का भी सम्मान किया गया. सेना के अधिकारियों ने उनके साथ फोटो खिंचाई और परिवार में भी कुछ वक्त बिताया. इस दौरान हेमराज की मां ने अपने दूसरे बेटे को भी भर्ती करने की बात कही. उन्होंने कहा कि उनका दूसरा बेटा है वो भी सेना में भर्ती होना चाहता है. यह बात उन्होंने लेफ्टिनेंट कर्नल के सामने भी रखी.

हेमराज को याद करते हुए उनकी आंखें भर आई. उन्होंने कहा कि उसका बेटा गांव में सबसे अलग था और सबसे मिलनसार था. उनके परिवार में अकेला वो था जो सेना में भर्ती हुआ. उसके जाने के बाद परिवार के हालात खबर हैं. घर में कमाने वाला कोई भी व्यक्ति नहीं बचा है.

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