ETV Bharat / city

अलवर: संभागीय आयुक्त के निर्देश पर भंडार की पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई, दुकान संचालकों में मचा हड़कंप - पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई

संभागीय आयुक्त के निर्देश पर प्रशासन की ओर से सभी भंडार की दुकानों की जांच पड़ताल की जा रही है. इसकी जानकारी मिलते ही दुकान संचालकों में हड़कंप मच गया है. वहीं गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर भंडार की पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई की गई है. पेंशनर के नाम पर दवा बेचान में फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर सरकार को करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत मिल रही थी.

Alwar news, Action on shops of pensioner
संभागीय आयुक्त के निर्देश पर भंडार की पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई
author img

By

Published : Mar 3, 2021, 7:24 AM IST

अलवर. भंडार की पेंशनर दुकानों पर लंबे समय से गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी. आए दिन दुकान पर लगे फार्मासिस्ट द्वारा गलत तरह से डायरी पर दवाई लिखवाने और मनमानी कंपनियों की दवाई बेचने सहित कई गंभीर आरोप लग रहे थे. इस मामले में संभागीय आयुक्त के निर्देश पर प्रशासन की तरफ से सभी भंडार की दुकानों की जांच पड़ताल शुरू की जा रही है. इसकी जानकारी मिलते ही दुकान संचालकों में हड़कंप मच गया. कुछ संचालक अपनी दुकान बंद करके चले गए, तो कुछ व्यवस्था ठीक करने में जुटे हुए हैं. इसी दौरान प्रशासनिक टीम ने काला कुआं स्थित पेंशनर दुकान पर स्टॉक की जांच पड़ताल की व्यवस्था भी चैक की.

संभागीय आयुक्त के निर्देश पर भंडार की पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई

पेंशनर के नाम पर दवा बेचान में फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर सरकार को करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत मिल रही थी. पेंशनर की दवाओं में घालमेल की शिकायत के बाद अलवर शहर में काला कुआं सैटेलाइट अस्पताल में संचालित दवा भंडार की दुकान को दूसरी बार सील किया गया. सहकारी उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक लोकेन्द्र सिंह ने दुकान पर पहुंचकर पहले रिकॉर्ड का मिलान किया. दवाओं का रिकॉर्ड ज्यादा होने के कारण रिकॉर्ड मिलान का काम पूरा नहीं हो सका, जिसके कारण दुकान को वापस सील किया गया. दवा उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि स्टॉक का मिलान किया जा रहा है. स्टॉक अधिक होने के कारण समय लग रहा है. इस कारण दुकान को वापस सील किया गया है. दोबारा स्टॉक मिलान की जांच को आगे बढ़ाया जाएगा. उसके बाद ही जांच के बारे में बताना सही होगा.

जयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त डॉ. सुमित शर्मा को पेंशनर के नाम पर दवा बेचान और फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर सरकार को करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत की गई थी. इसके बाद संभागीय आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए. कुछ दिन पहले ही काला कुआं सैटेलाइट हॉस्पिटल में स्थित दवा भंडार की दुकान को सील किया था. उसके बाद से लगातार मामले की जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें- भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पास...गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां

सरकार के आदेश के मुताबिक सभी भंडार की दुकानों पर जनेरिक दवाओं को ही बेचा जाएगा. इसके बावजूद भी यहां दूसरी दवाओं को बेचा जा रहा है. शिकायत के बाद जांच की गई. जांच में स्टॉक में अनियमितता मिली. लाखों रुपए का स्टॉक ज्यादा मिला. क्षमता से अधिक स्टॉक मिलने की जांच जारी है. भंडार की दुकानों में कई बार लाखों करोड़ों की गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं. दुकानों का भुगतान रोक दिया गया, लेकिन पेंशनरों की मांग पर हर बार फिर से दुकानों को शुरू किया गया. इस बार दुकानों को बंद करने की जगह उनकी जांच की जा रही है और सख्ती की गई है. देखना होगा इसका कितना असर देखने को मिलता है.

अलवर. भंडार की पेंशनर दुकानों पर लंबे समय से गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही थी. आए दिन दुकान पर लगे फार्मासिस्ट द्वारा गलत तरह से डायरी पर दवाई लिखवाने और मनमानी कंपनियों की दवाई बेचने सहित कई गंभीर आरोप लग रहे थे. इस मामले में संभागीय आयुक्त के निर्देश पर प्रशासन की तरफ से सभी भंडार की दुकानों की जांच पड़ताल शुरू की जा रही है. इसकी जानकारी मिलते ही दुकान संचालकों में हड़कंप मच गया. कुछ संचालक अपनी दुकान बंद करके चले गए, तो कुछ व्यवस्था ठीक करने में जुटे हुए हैं. इसी दौरान प्रशासनिक टीम ने काला कुआं स्थित पेंशनर दुकान पर स्टॉक की जांच पड़ताल की व्यवस्था भी चैक की.

संभागीय आयुक्त के निर्देश पर भंडार की पेंशनर दुकानों पर कार्रवाई

पेंशनर के नाम पर दवा बेचान में फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर सरकार को करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत मिल रही थी. पेंशनर की दवाओं में घालमेल की शिकायत के बाद अलवर शहर में काला कुआं सैटेलाइट अस्पताल में संचालित दवा भंडार की दुकान को दूसरी बार सील किया गया. सहकारी उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक लोकेन्द्र सिंह ने दुकान पर पहुंचकर पहले रिकॉर्ड का मिलान किया. दवाओं का रिकॉर्ड ज्यादा होने के कारण रिकॉर्ड मिलान का काम पूरा नहीं हो सका, जिसके कारण दुकान को वापस सील किया गया. दवा उपभोक्ता भंडार के महाप्रबंधक लोकेन्द्र सिंह ने बताया कि स्टॉक का मिलान किया जा रहा है. स्टॉक अधिक होने के कारण समय लग रहा है. इस कारण दुकान को वापस सील किया गया है. दोबारा स्टॉक मिलान की जांच को आगे बढ़ाया जाएगा. उसके बाद ही जांच के बारे में बताना सही होगा.

जयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त डॉ. सुमित शर्मा को पेंशनर के नाम पर दवा बेचान और फर्जी रिकॉर्ड तैयार कर सरकार को करोड़ों रुपए की गड़बड़ी करने की शिकायत की गई थी. इसके बाद संभागीय आयुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए. कुछ दिन पहले ही काला कुआं सैटेलाइट हॉस्पिटल में स्थित दवा भंडार की दुकान को सील किया था. उसके बाद से लगातार मामले की जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें- भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव पास...गिनाईं मोदी सरकार की उपलब्धियां

सरकार के आदेश के मुताबिक सभी भंडार की दुकानों पर जनेरिक दवाओं को ही बेचा जाएगा. इसके बावजूद भी यहां दूसरी दवाओं को बेचा जा रहा है. शिकायत के बाद जांच की गई. जांच में स्टॉक में अनियमितता मिली. लाखों रुपए का स्टॉक ज्यादा मिला. क्षमता से अधिक स्टॉक मिलने की जांच जारी है. भंडार की दुकानों में कई बार लाखों करोड़ों की गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं. दुकानों का भुगतान रोक दिया गया, लेकिन पेंशनरों की मांग पर हर बार फिर से दुकानों को शुरू किया गया. इस बार दुकानों को बंद करने की जगह उनकी जांच की जा रही है और सख्ती की गई है. देखना होगा इसका कितना असर देखने को मिलता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.