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अलवर में चिकित्सा विभाग की झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई

रामगढ़ कस्बे में अवैध रूप से इलाज कर रहे झोलाछापों के खिलाफ मेडिकल टीम ने गुरुवार को एक बार फिर कार्रवाई की है. कार्रवाई की सूचना पर मेडिकल स्टोर संचालक मौके से फरार हो गया.

राजस्थान न्यूज, अलवर न्यूज, alwar news, rajasthan news, रामगढ़ कस्बा
नीम हकीमों के खिलाफ डॉ. के.के.मीणा ने की बड़ी कार्रवाई
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Published : Mar 5, 2020, 4:01 AM IST

रामगढ़ (अलवर). जिले के कस्बे में अवैध रूप से ईलाज कर रहें झोलाछापों के खिलाफ मेडिकल टीम ने गुरुवार को एक बार फिर कार्रवाई की गई. डॉ. के.के.मीणा के नेतृत्व में रामगढ़ कस्बे के गोविंदगढ़ मोड़ पर स्थित ताराचंद सैनी निवासी अलावड़ा अवैध रूप से क्लीनिक में लैब संचालित करते हुए पाया गया है.

झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई

डॉ.के.के.मीणा के अनुसार, जिला कलेक्टर के आदेश पर चिकित्सा विभाग की टीम ने कार्रवाई की है. एक मेडिकल स्टोर के नाम से यहां संपूर्ण हॉस्पिटल संचालित होता हुआ पाया गया है. झोलाछाप चिकित्सक ताराचंद सैनी खुद अपनी बिल्डिंग में अवैध रूप से संचालित करते हुए पाए गए. साथ ही संचालक के पास अपना कोई लाइसेंस नहीं है.

बेसमेंट में पैथोलॉजी लैब संचालित है, इसमें सभी तरीके की मशीनें लगी हुई है. लैब संचालित होने के सबूत के तौर पर रसीद बुक मिली है जिसमें एक्स-रे करने से लेकर अन्य जांच की रसीदें डॉ. टीसी सैनी के नाम से कटी हुई है. इसके अलावा रोगियों को भर्ती करने के बेड भी इसमें अवैध रूप से हॉस्पिटल में लगे हुए पाए गए हैं. डॉ.के.के मीणा के अनुसार, अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित पैथोलॉजी लैब पर संचालक ताराचंद ने इन पर ताला लगा दिया है.

पढ़ें: जयपुर: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर मंडल के खिलाफ आयकर कर्मियों ने किया विरोध-प्रदर्शन

ताला खोलने से मना करने पर इस लैब को पुलिस द्वारा सील कर दिया गया है वहीं ताराचंद मौके से फरार हो गया. इसके अतिरिक्त कई मेडिकल औजार व मेडिसिन आदि की जब्ती मौके से की गई है. वहीं कस्बे के रेलवे फाटक के समीप ही एक और मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई की गई है. जहां मेडिकल स्टोर संचालक मौके से फरार हो गया. वहीं विभाग की टीम नौगावा कस्बे में भी पहुंची लेकिन वहां कोई कामयाबी नहीं मिली.

यह भी पढ़ें: परोपकार! भोपालगढ़ SDM की अनूठी पहल, बालिकाओं को बांटे 2500 ट्रैक सूट

खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के.के.मीणा सहित मेडिकल टीम में शामिल डॉक्टर ने बताया कि, विभाग के निर्देश पर हमारी टीम झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई तो करती है लेकिन कुछ कमियों के कारण सब कुछ देखने के बावजूद भी झोलाछाप चिकित्सक बच निकलने में कामयाब हो जाते है. ज्यादातर मामलों में झोलाछाप अपने क्लीनिक पर मान्यता प्राप्त डॉक्टरों द्वारा प्रैक्टिस करवाने के सबूत पेश कर बच निकल जाने में कामयाब हो जाते हैं. इसके कारण ही यह धंधा लगातार इनका चल रहा है.

रामगढ़ (अलवर). जिले के कस्बे में अवैध रूप से ईलाज कर रहें झोलाछापों के खिलाफ मेडिकल टीम ने गुरुवार को एक बार फिर कार्रवाई की गई. डॉ. के.के.मीणा के नेतृत्व में रामगढ़ कस्बे के गोविंदगढ़ मोड़ पर स्थित ताराचंद सैनी निवासी अलावड़ा अवैध रूप से क्लीनिक में लैब संचालित करते हुए पाया गया है.

झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई

डॉ.के.के.मीणा के अनुसार, जिला कलेक्टर के आदेश पर चिकित्सा विभाग की टीम ने कार्रवाई की है. एक मेडिकल स्टोर के नाम से यहां संपूर्ण हॉस्पिटल संचालित होता हुआ पाया गया है. झोलाछाप चिकित्सक ताराचंद सैनी खुद अपनी बिल्डिंग में अवैध रूप से संचालित करते हुए पाए गए. साथ ही संचालक के पास अपना कोई लाइसेंस नहीं है.

बेसमेंट में पैथोलॉजी लैब संचालित है, इसमें सभी तरीके की मशीनें लगी हुई है. लैब संचालित होने के सबूत के तौर पर रसीद बुक मिली है जिसमें एक्स-रे करने से लेकर अन्य जांच की रसीदें डॉ. टीसी सैनी के नाम से कटी हुई है. इसके अलावा रोगियों को भर्ती करने के बेड भी इसमें अवैध रूप से हॉस्पिटल में लगे हुए पाए गए हैं. डॉ.के.के मीणा के अनुसार, अवैध रूप से बेसमेंट में संचालित पैथोलॉजी लैब पर संचालक ताराचंद ने इन पर ताला लगा दिया है.

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ताला खोलने से मना करने पर इस लैब को पुलिस द्वारा सील कर दिया गया है वहीं ताराचंद मौके से फरार हो गया. इसके अतिरिक्त कई मेडिकल औजार व मेडिसिन आदि की जब्ती मौके से की गई है. वहीं कस्बे के रेलवे फाटक के समीप ही एक और मेडिकल स्टोर पर भी कार्रवाई की गई है. जहां मेडिकल स्टोर संचालक मौके से फरार हो गया. वहीं विभाग की टीम नौगावा कस्बे में भी पहुंची लेकिन वहां कोई कामयाबी नहीं मिली.

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खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर के.के.मीणा सहित मेडिकल टीम में शामिल डॉक्टर ने बताया कि, विभाग के निर्देश पर हमारी टीम झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई तो करती है लेकिन कुछ कमियों के कारण सब कुछ देखने के बावजूद भी झोलाछाप चिकित्सक बच निकलने में कामयाब हो जाते है. ज्यादातर मामलों में झोलाछाप अपने क्लीनिक पर मान्यता प्राप्त डॉक्टरों द्वारा प्रैक्टिस करवाने के सबूत पेश कर बच निकल जाने में कामयाब हो जाते हैं. इसके कारण ही यह धंधा लगातार इनका चल रहा है.

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