अलवर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का मामला सामने आने के बाद (ACB Big Action) अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने परिवादी मुकेश के पति सतीश कुमार को पिछले 17 दिन से थाने में अवैध रूप से हिरासत में बिठाए जाने पर बुधवार को थाना अधिकारी रविंद्र कविया व उसके रीडर देवी सिंह को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही मामले की जांच एएसपी मुख्यालय सरिता सिंह को दी गई है.
तेजस्विनी गौतम ने बताया कि एसीबी की कार्रवाई के बाद मामले की जांच करवाई गई. इसमें मामला सही (Bansur SHO Suspended) पाया गया. थानाधिकारी के निर्देश पर यह पूरा खेल हुआ. थानाधिकारी व उसके रीडर के खिलाफ अलग से जांच कराई जाएगी, जबकि ऐसी भी दोनों आरोपियों के खिलाफ अलग जांच कर रही है.
एसपी ने कहा कि गड़बड़ी करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, फिर चाहे वो कोई भी हो. पहले भी रिश्वत लेने, पैसे लेकर बदमाशों को छोड़ने, अवैध खनन करवाने सहित कई तरह की शिकायत मिलने पर पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. आगे भी जो गलती करेगा उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि विभागीय तौर पर भी पुलिस की तरफ से जांच कराई जाती है. पुलिसकर्मियों की समय-समय पर मोटिवेशनल क्लास व सेमिनार का आयोजन भी कराया जा रहा है, जिससे पुलिसकर्मियों को बेहतर काम करने की ट्रेनिंग दी जा सके.
हेड कांस्टेबल को न्यायालय में किया जाएगा पेश : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने मंगलवार शाम बानसूर थाने के हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार जाट को थाना अधिकारी रविंद्र कविया के नाम पर 1 लाख 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल से लंबी पूछताछ की. इस दौरान कई अहम जानकारी मिली. हेड कांस्टेबल को बुधवार को एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा.
यह है पूरा मामला : अलवर के हरसौली की रहने वाली मुकेश देवी ने 1 अगस्त को एसीबी को शिकायत दी कि 16 जुलाई से उसके पति को बानसूर थाना पुलिस ने अवैध तरह से अपनी हिरासत में ले रखा है. उसको छोड़ने की एवज में बानसूर पुलिस ने 2 लाख रुपये की डिमांड कर रही है. एसीबी की टीम ने शिकायत का सत्यापन करवाया. इस दौरान थाने के हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार ने परिवादी को छोड़ने की एवज में डेढ़ लाख रुपए रिश्वत की डिमांड की. लेकिन मुकेश देवी के पास केवल एक लाख 40 हजार रुपये इकट्ठे हो पाए.
मंगलवार को मुकेश देवी रिश्वत की राशि लेकर बानसूर थाने पहुंची. वहां उसने हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार को रिश्वत की राशि दी. शिकायतकर्ता के इशारे पर एसीबी की टीम ने हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार को हिरासत में ले लिया. यह देखकर थाने में हड़कंप मच गया. इस दौरान थाने के स्टाफ ने ट्रैप की कार्रवाई की सूचना थाना इंचार्ज को दी. जिसके बाद उसका फोन बंद हो गया. एसीबी के अधिकारियों ने कई बार (Alwar ACB Action on Bansur SHO) उसको फोन करके थाने पर बुलाने का प्रयास किया, लेकिन उसका फोन नहीं लगा.
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एसीबी के डिप्टी एसपी महेंद्र मीणा के नेतृत्व में यह पूरी कार्रवाई हुई. एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया कि हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार ने थाना इंचार्ज के लिए रिश्वत की राशि ली थी. थाना इंचार्ज के इशारे पर परिवादी को 16 जुलाई से थाने में बिठाए रखा. एसीबी की टीम जब (ACB Action in Alwar) थाने पहुंची तो परिवादी थाने में ही बैठा हुआ था. मामले में जांच की जा रही है. गिरफ्तार हेड कांस्टेबल से भी पूछताछ की जा रही है. हेड कांस्टेबल को बुधवार को एसीबी विशेष न्यायालय में पेश किया जाएगा, साथ ही इस मामले में फरार थाना इंचार्ज की गिरफ्तारी के लिए भी टीमें लगी हुई हैं.