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विदेशी महिला ने फेसबुक पर दोस्ती कर रिटायर्ड प्रिंसिपल से ठगी 71 लाख

अलवर के एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल के साथ ठगी का मामला सामने आया है. खास बात ये है कि ठगी की वारदात एक विदेशी महिला द्वारा फेसबुक पर संपर्क साधकर की गई है. बताया जा रहा है कि पीड़ित ने इस ठगी से अपनी जिंदगी भर की कमाई को गंवा दिया है.

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Published : Aug 10, 2019, 11:06 PM IST

71 lakh fraud on Facebook, फेसबुक पर 71 लाख की ठगी

अलवर. जिले के एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल के साथ ठगी का मामला सामने आया है. शातिर ठग ने शख्स से उसकी जिंदगी भर की कमाई छीन ली है. दरअसल, मामला 72 साल के रिटायर्ड प्रिंसिपल सत्यव्रत शर्मा के साथ 71 लाख रुपए की ठगी का है. खास बात ये है कि ठगी की वारदात एक विदेशी महिला द्वारा फेसबुक पर संपर्क साधकर की गई है.

फेसबुक पर दोस्ती कर रिटायर्ड प्रिंसिपल से ठगे 71 लाख रुपए

जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सत्यव्रत शर्मा उम्र 72 साल निवासी 170 स्कीम नंबर 8 के द्वारा शहर के अरावली विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. जिसमें, उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2019 को उसकी जान-पहचान लुविश टरायो से फेसबुक पर हुई. फेसबुक के बाद व्हाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान हुआ और दोनों की लगातार बात होती रही.

इस दौरान प्रधानाचार्य के सामने यह बात आई कि साल 2007 में प्रिंसिपल पद के दौरान सत्यव्रत शर्मा की बाड़मेर में पोस्टिंग हुई थी.उस समय उनकी मुलाकात दुबई के निवासी राशिद नाम के एक व्यक्ति से हुई थी. लेकिन, उसके बाद राशिद से उनका कभी संपर्क नहीं हो पाया. वहीं बातचीत के दौरान महिला ने पीड़ित को बताया कि बाड़मेर में जो उनका राशिद नाम का दोस्त बना था, उसे त्रिपोली लीबिया की राजधानी में किसी आतंकवादी ने गोली मार दी. जिससे उसकी मौत हो गई.

महिला ने बताया कि उस राशिद नाम के व्यक्ति ने पीड़ित को अपना वारिस घोषित किया था और उसके खाते में 14 . 4 मिलियन राशि जमा है. जो भारतीय मुद्रा के अनुसार करीब एक अरब 2 करोड़ 3 लाख होते हैं. महिला ने कहा कि यह राशि आपको मिल सकती है, इसलिए आपको वकील से बातचीत करनी होगी.

यह भी पढ़ें : मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में किया भारी बारिश का अलर्ट जारी

उसके बाद महिला ने पीड़ित का मोहम्मद अब्दुल्ला करीम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क कराया, जो पेशे से वकील था और दुबई का ही रहने वाला था. वकील के माध्यम से पीड़ित को मेल आते रहे और फोन पर बातचीत होती रही. जिसके बाद वकील ने पीड़ित से अपनी फीस के रूप में 1 लाख 80 हजार खुद के खाते में डलवाने के लिए कहा.

इसके बाद प्रिंसिपल ने अपने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से उसके खाते में पैसे डलवा दिए. इस्लामिक बैंक ऑफ दुबई से भी एक मेल आया. जिसमें भी इसी चीज का हवाला था और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में पीड़ित को अपना वारिस मान लेने की बात लिखी गई थी. पीड़ित ने बताया कि इस तरह उसने विभिन्न किश्तों के रूप में खाताधारियों के अकाउंट में 68 लाख 55 हजार की राशि जमा करवा दी. पीड़ित ने बताया कि कुल मिलाकर उससे धोखाधड़ी से करीब 71 लाख रुपये हड़प लिए गए हैं.

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पीड़ित ने बताया कि मामला यहीं नहीं थमा. उसके बाद भी उसे लगातार फोन आ रहे हैं लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा है. पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन पहले लंदन के नंबर से एक मर्शी स्मिथ नाम की औरत का मैसेज आया. उसने कहा कि वह भारत घूमना चाहती है और उसे टिकट भी मिला गया है. उसने पीड़ित से कहा कि वह उसके खाते में 85 हजार जमा करा दे और जयपुर आते ही वह उसको पैसे लौटा देगी. पीड़ित ने कहा कि इस तरह कई चरणों में काफी पैसा वह उनके खातों में जमा करवाते रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. और इन खाता नंबरों के माध्यम से अब उनकी तलाश की जा रही है.

अलवर. जिले के एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल के साथ ठगी का मामला सामने आया है. शातिर ठग ने शख्स से उसकी जिंदगी भर की कमाई छीन ली है. दरअसल, मामला 72 साल के रिटायर्ड प्रिंसिपल सत्यव्रत शर्मा के साथ 71 लाख रुपए की ठगी का है. खास बात ये है कि ठगी की वारदात एक विदेशी महिला द्वारा फेसबुक पर संपर्क साधकर की गई है.

फेसबुक पर दोस्ती कर रिटायर्ड प्रिंसिपल से ठगे 71 लाख रुपए

जानकारी के अनुसार सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सत्यव्रत शर्मा उम्र 72 साल निवासी 170 स्कीम नंबर 8 के द्वारा शहर के अरावली विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई. जिसमें, उन्होंने बताया कि 25 जुलाई 2019 को उसकी जान-पहचान लुविश टरायो से फेसबुक पर हुई. फेसबुक के बाद व्हाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान हुआ और दोनों की लगातार बात होती रही.

इस दौरान प्रधानाचार्य के सामने यह बात आई कि साल 2007 में प्रिंसिपल पद के दौरान सत्यव्रत शर्मा की बाड़मेर में पोस्टिंग हुई थी.उस समय उनकी मुलाकात दुबई के निवासी राशिद नाम के एक व्यक्ति से हुई थी. लेकिन, उसके बाद राशिद से उनका कभी संपर्क नहीं हो पाया. वहीं बातचीत के दौरान महिला ने पीड़ित को बताया कि बाड़मेर में जो उनका राशिद नाम का दोस्त बना था, उसे त्रिपोली लीबिया की राजधानी में किसी आतंकवादी ने गोली मार दी. जिससे उसकी मौत हो गई.

महिला ने बताया कि उस राशिद नाम के व्यक्ति ने पीड़ित को अपना वारिस घोषित किया था और उसके खाते में 14 . 4 मिलियन राशि जमा है. जो भारतीय मुद्रा के अनुसार करीब एक अरब 2 करोड़ 3 लाख होते हैं. महिला ने कहा कि यह राशि आपको मिल सकती है, इसलिए आपको वकील से बातचीत करनी होगी.

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उसके बाद महिला ने पीड़ित का मोहम्मद अब्दुल्ला करीम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क कराया, जो पेशे से वकील था और दुबई का ही रहने वाला था. वकील के माध्यम से पीड़ित को मेल आते रहे और फोन पर बातचीत होती रही. जिसके बाद वकील ने पीड़ित से अपनी फीस के रूप में 1 लाख 80 हजार खुद के खाते में डलवाने के लिए कहा.

इसके बाद प्रिंसिपल ने अपने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से उसके खाते में पैसे डलवा दिए. इस्लामिक बैंक ऑफ दुबई से भी एक मेल आया. जिसमें भी इसी चीज का हवाला था और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में पीड़ित को अपना वारिस मान लेने की बात लिखी गई थी. पीड़ित ने बताया कि इस तरह उसने विभिन्न किश्तों के रूप में खाताधारियों के अकाउंट में 68 लाख 55 हजार की राशि जमा करवा दी. पीड़ित ने बताया कि कुल मिलाकर उससे धोखाधड़ी से करीब 71 लाख रुपये हड़प लिए गए हैं.

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पीड़ित ने बताया कि मामला यहीं नहीं थमा. उसके बाद भी उसे लगातार फोन आ रहे हैं लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा है. पीड़ित ने बताया कि कुछ दिन पहले लंदन के नंबर से एक मर्शी स्मिथ नाम की औरत का मैसेज आया. उसने कहा कि वह भारत घूमना चाहती है और उसे टिकट भी मिला गया है. उसने पीड़ित से कहा कि वह उसके खाते में 85 हजार जमा करा दे और जयपुर आते ही वह उसको पैसे लौटा देगी. पीड़ित ने कहा कि इस तरह कई चरणों में काफी पैसा वह उनके खातों में जमा करवाते रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. और इन खाता नंबरों के माध्यम से अब उनकी तलाश की जा रही है.

Intro:अनवर के एक सेवानिवृत्त प्रिंसिपल ने दुबई के एक व्यक्ति द्वारा वारिश बनने पर उसके करीब एक अरब 2 करोड़ रुपये राशि मिलने की एवज में अपने 71 लाख रुपए गवा दिए। यहां सबसे बड़ी बात यह है कि जुलाई माह में यह प्रधानाचार्य एक विदेशी महिला से फेसबुक पर संपर्क में आए और उसके जाल में ऐसे फंसे हैं कि अपने जीवन की सारी गाड़ी कमाई मात्र 10 दिन में ही गवा दी।


Body:इस मामले की रिपोर्ट प्रधानाचार्य रहे सत्यव्रत शर्मा पुत्र स्वर्गीय काशी नाथ शर्मा उम्र 72 साल निवासी 170 स्कीम नंबर 8 ने शहर के अरावली विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 25 जुलाई 2019 को उसकी जान-पहचान लुविश टरायो से फेसबुक पर हुई। और फेसबुक के बाद व्हाट्सएप नंबर का आदान-प्रदान हुआ। लगातार बात होती रही इस दौरान यह बात सामने आई कि वर्ष 2007 में प्रिंसिपल पद के दौरान सत्यव्रत शर्मा की बाड़मेर में पोस्टिंग थी।

उस दौरान दुबई के निवासी राशिद का नाम आया था। और वह दवाई का कारखाना चलाता था। उसने बताया कि 2007 से लेकर 2019 तक राशिद नाम की व्यक्ति से उसका कोई संपर्क नहीं हुआ। महिला से बातचीत के दौरान उसने बताया कि आपका पार्टनर जो बाड़मेर में मिला था। उसे त्रिपोली लीबिया की राजधानी में किसी आतंकवादी ने गोली मार दी है। उस व्यक्ति ने आपको अपना वारिस घोषित किया था। और उसके खाते में बैलेंस 14 . 4 मिलियन राशि जमा है। वह आपको मिल सकते हैं। यह भारतीय मुद्रा के अनुसार करीब एक अरब 2 करोड 3 लाख होते हैं। आप वकील से बातचीत कर लो।

उस महिला ने मोहम्मद अब्दुल्ला करीम नाम के एक व्यक्ति से संपर्क कराया। और वकील भी दुबई का रहने वाला था। वकील के माध्यम से मेल आते रहे जाते रहे। और फोन पर बातचीत होती रही। वकील ने अपने बकाया फीस के रूप में 1 लाख 80 हजार खुद के खाते में डलवा लिए। प्रिंसिपल ने अपने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के खाते से आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में डलवा लिए। इस्लामिक बैंक ऑफ दुबई से भी एक मेल आया। जिसमें भी इसी चीज का हवाला था। और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग में सत्यवीर को अपना वारिस मान लेने की बात उस मेल में लिखी थी।


इस तरह विभिन्न किस्तों के रूप में खाता धारियों के अकाउंट में 68 लाख 55 हजार की राशि जमा करा दी। इन लोगों ने मेरे नाम से धोखाधड़ी से करीब 71 लाख हड़प लिए। अब भी उसके लगातार फोन आ रहे हैं। लेकिन वह फोन नहीं उठा रहे हैं। यहां सबसे मजेदार बात यह है कि लंदन के नंबर से एक मर्शी स्मिथ नाम की औरत का मैसेज आया। और उसने कहा कि मैं भारत घूमने चाहती हूं। टिकट प्राप्त कर लिया है। जिसकी फोटो कॉपी भी आपको भेज दी है। आप 85 हजार मेरे खाते में जमा करा दो। मैं जयपुर आते ही आपको पैसे मिल जाएंगे। इस तरह कई चरणों में काफी पैसा यह प्रिंसिपल उनके खातों में जमा कराते रहे। पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। और इन खाता नंबरों के माध्यम से अब उनकी तलाश की जा रही है।


Conclusion:बाईट- प्रमोद एएसआई सदर थाना अलवर
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