अलवर. जिले में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इस बीच बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी गलघोंटू (Diphtheria) का भी कहर शुरू हो गया है. अलवर के किशनगढ़बास क्षेत्र के नाहरपुर गांव में 13 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित बताए जा रहे हैं. नाहरपुर गांव में 31 जुलाई को एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है, उस बच्चे में गलघोंटू बीमारी जैसे लक्षण थे.
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में गलघोंटू जैसे लक्षण मिले हैं. इनमें से गंभीर रूप से बीमार 6 बच्चों के सैंपल लेकर जांच के लिए चंडीगढ़ पीजीआई भेजे गए हैं. वहीं, 4 बच्चों को इलाज के लिए अलवर के गीतानंद शिशु अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है. इसके अलावा रामगढ़ के गोटापट्टी गांव में भी गलघोंटू के लक्षण मिले हैं, उस गांव के बच्चे का जयपुर में इलाज चल रहा है.
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हालात को देखते हुए जिला कलेक्टर आनंदी ने अलवर, किशनगढ़बास और रामगढ़ क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी करते हुए तीनों विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही टीकाकरण से वंचित बच्चों के टीके लगाने के लिए भी कहा गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी लगातार बच्चों के इलाज में लगे हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम नाहरपुर गांव में लगातार सर्वे कर रही है. अब तक 1500 घरों का सर्वे किया गया है.
बता दें कि गलघोंटू बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी है. इसमें मृत्यु दर अधिक रहती है. अलवर में पहले भी बच्चे गलगोटू की चपेट में आ चुके हैं. इसलिए प्रशासन ने मामले की गंभीरता लेते हुए जिले में अलर्ट जारी किया है. वहीं, अलवर में कोरोना संक्रमण भी लगातार बढ़ रहा है. ऐसे में गलघोंटू ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी है.