अलवर. जिले के शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर पर किसान नए कृषि कानून को लेकर धरना दे रहे हैं. शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों को बुधवार को 100 दिन हो गए हैं. किसान तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. अब किसानों ने 26 मार्च को देशव्यापी बंद का आह्वान किया है. इसके साथ ही 28 मार्च को होली के मौके पर किसान नए कृषि कानून की प्रतियां जलाएंगे. वहीं दूसरी ओर सरकार कानून में संशोधन करने पर अड़ी है. 100 दिन से किसान सर्दी, गर्मी, बारिश-तूफान का सामना करते हुए धरना दे रहे हैं. किसानों के टेंट उड़ गए, बिस्तर गीले हो गए, ठंड से हड्डियां अकड़ गईं लेकिन हिम्मत नहीं टूटी और अब फिर नए उत्साह के साथ वे एकजुट हो रहे हैं.
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जयपुर में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए किसान-महापंचायत का आयोजन किया गया. बुधवार को शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के 100 दिन पूरे होने पर "धन्यवाद ज्ञापन दिवस" मनाया गया. इसके बाद 26 मार्च के भारत बंद के लिए तैयारियां की जा रही हैं. पूरे देश में बाजार पूरी तरह से बंद रहेंगे. बंद को सफल बनाने के लिए किसान नेता गांव-गांव जाकर किसानों से संपर्क कर रहे हैं. 28 मार्च को तीनों किसान-विरोधी कानूनों की होली जलाई जाएगी.
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर 23 मार्च से यह कार्यक्रम शुरू हुए हैं. शहीदे आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस मनाया गया. राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से युवा किसान साथी इस कार्यक्रम में भारी संख्या में सम्मिलित हुए. शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए किसान-महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के अगुआ नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव, का.अमराराम, राजा राम मील आदि सहित अन्य साथियों ने शिरकत की.
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शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के धरने के 100 दिन पूरे होने पर 24 मार्च को "धन्यवाद ज्ञापन दिवस" के रूप में मनाया गया और बॉर्डर के मोर्चे पर आंदोलन के सहयोगी और सहभागी भी रहे. आसपास के सभी स्थानीय रहवासियों, ग्रामीण-किसानों, पेट्रोल पम्पों के मालिक-कर्मचारियों, बुद्धिजीवियों एवं व्यापारियों आदि ने जनता के सभी हिस्सों को उनके अमूल्य योगदान के लिए संयुक्त किसान मोर्चा और देश के तमाम किसानों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया.
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 26 मार्च को होने वाले भारत-बंद के लिए तैयारियां जोरशोर से चल रही हैं. राज्य के सभी हिस्सों में बंद को लेकर मीटिंग, कन्वेंशन और जनसम्पर्क अभियान चलाकर तैयारियां की जा रही हैं. आंदोलन के अगले कदम के रूप में 28 मार्च को होलिका-दहन पर तीनों किसान-विरोधी कानूनों की होली जलाकर भाजपा-आरएसएस की मोदी सरकार को चेतावनी दी जाएगी.
भारत बंद पर रुकेगा देश, बंद होंगे हाईवे
किसानों की तरफ से 26 मार्च को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसके तहत किसान नेता राजस्थान सहित देश के विभिन्न राज्यों में पंचायत कर रहे हैं. लोगों को किसान आंदोलन से जोड़ने का काम कर रही हैं. साथ में सरकार की किसान विरोधी नीतियों के बारे में लोगों को जानकारी दी जा रही है. इस दौरान जयपुर दिल्ली नेशनल हाईवे जयपुर आगरा नेशनल हाईवे हरियाणा पंजाब सहित देश के विभिन्न राज्यों से गुजरने वाले नेशनल व स्टेट हाईवे को बंद किया जाएगा. सभी मंडी और बाजार को बंद कराया जाएगा. इसके लिए किसानों की तरफ से खास तैयारी की गई है. अलग-अलग समितियां बनाई गई हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में किसानों व लोगों के संपर्क में रहेंगे.
कई बार किसानों का स्थानीय लोगों से हुआ तकरार
राजस्थान, हरियाणा सीमा पर बैठे किसानों का कई बार स्थानीय लोगों से व्यापार को लेकर टकराव हुआ. क्योंकि हरियाणा सीमा के आसपास करीब डेढ़ सौ पेट्रोल पंप है. जयपुर दिल्ली हाईवे बंद होने के कारण सभी का व्यापार समाप्त हो चुका है. स्थानीय लोगों की मांग पर हाईवे की सर्विस लेन खोली गई है. ऐसे में आसपास क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आने जाने में परेशानी होती है. नीमराणा, बहरोड, शाहजहांपुर, भिवाड़ी बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है. यहां हजारों की संख्या में औद्योगिक इकाइयां हैं. ऐसे में ट्रकों के आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
बारिश, ओलावृष्टि में भी डटे रहे किसान
100 दिन धरने के दौरान किसानों को सर्दी ने खासा परेशान किया. शाजापुर के आसपास क्षेत्र में तापमान -2 डिग्री तक पहुंच गया था. टेंट और किसानों के गद्दे ओस की बूंदों से गीले हो जाते थे. किसानों के रहने के लिए वाटर प्रूफ टेंट लगाए गए. गद्दे की व्यापक व्यवस्था की गई. खाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए. अलाव के सहारे किसानों को कई रातें गुजारनी पड़ीं. उसके बाद बारिश, ओलावृष्टि, तूफान में किसानों के टेंट टूट गए, कपड़े गीले हो गए, बिस्तर खराब हो गए, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी. किसानों पर पत्थरबाजी व हमले हुए. कई एफआईआर दर्ज हुई व आरोप लगे, लेकिन किसान पीछे नहीं हटे.
देश के विभिन्न हिस्सों से अलवर आए किसान
26 जनवरी पर किसान लाल किले पर पहुंचे. इस दौरान जमकर हिंसा हुई. किसानों पर पथराव और लाठीचार्ज किया गया. इसमें किसान की मौत हुई. हालांकि शाहजहांपुर में किसानों की एक्टर रैली शांतिपूर्ण रही. कई तरह के दौर आए देश के अलग-अलग हिस्सों से लगातार किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर पहुंच रहे हैं. केरल, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक सहित देश के विभिन्न राज्यों के शहरों से हजारों की संख्या में किसान शाहजहांपुर में खेड़ा बॉर्डर पहुंच रहे हैं.