अजमेर. 'सेवा परमो धर्म:' इस उद्देश्य के साथ राजीव गांधी की पुण्यतिथि से सेवा संकल्प के साथ शुरू हुई अजमेर में भजन गंज स्थित सोफिया स्कूल के समीप महात्मा गांधी रसोई लॉकडाउन में रोजगार खो चुके सैकड़ों लोगों के लिए भूख मिटाने का जरिया बन गई है.
क्षेत्र की पार्षद और कांग्रेस सेवादल के प्रदेश पदाधिकारी द्रोपदी देवी ने बताया कि कांग्रेस सेवा दल की ओर से श्रमिक और कच्ची बस्तियों में सेवा कार्य जारी थे. इस दौरान कोरोना महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन में गरीब वर्ग से जुड़े श्रमिक और ऐसे लोग जो हर रोज कमाते हैं और परिवार का पेट पालते हैं. उनका रोजगार छिनने से उनके हालात विकट हो गए हैं. परिवार के लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो गया.
हालांकि राजस्थान सरकार ने इंदिरा रसोई के माध्यम से भोजन निशुल्क किया हुआ है, लेकिन नगर निगम के शहरी सीमा में 11 इंदिरा रसोई हैं. वह भी काफी दूरी पर है. ऐसे में लोग सुबह शाम इंदिरा रसोई भोजन के लिए नहीं जा पाते हैं.
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इसके अलावा कांग्रेस सेवा दल की ओर से किसी से भी रसोई के लिए कुछ भी नहीं मांगा जाता है. पार्षद द्रोपदी देवी ने बताया कि अभी तक लोगों के सहयोग से महात्मा गांधी रसोई संचालित है. कांग्रेस सेवा दल से जुड़ी महिला कार्यकर्ता स्वयं भोजन बनाती है. शाम के वक्त भोजन तैयार होने पर विभिन्न क्षेत्रों से कार्यकर्ता रसोई स्थल पर पहुंचते हैं और क्षेत्र की आवश्यकतानुसार भोजन लेकर जाते हैं. जहां वह जरूरतमंद परिवारों को उनके घर जाकर भोजन वितरित करते हैं.
उन्होंने बताया कि सुबह का भोजन अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से वितरित किया जाता है. कांग्रेस सेवा दल की प्रदेश पदाधिकारी एवं पार्षद द्रोपदी देवी ने बताया कि उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि कोई भूखा ना रहे, बस उसी दिशा में महात्मा गांधी रसोई अपना कार्य कर रही है. ताकि किसी जरूरतमंद को भूखा ना सोना पड़े.