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पूर्व शिक्षा मंत्री का शिक्षा मंत्री पर निशाना, कहा- गलत ज्ञान परोसने की जगह बच्चों को असली इतिहास पढ़ाएं

10वीं और 12वीं के पाठ्यक्रम में महाराणा प्रताप को लेकर किए गए बदलाव से उठा विवाद गहराता जा रहा है. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने इस मामले में कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री डोटासरा पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना अपराध है. सरकार इस तरह का कार्य कर एक वर्ग का तुष्टिकरण कर रही है.

Vasudev Devnani accused congress, controversy over Maharana Pratap
महाराणा प्रताप विवाद पर वासुदेव देवनानी का बयान
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Published : Jun 28, 2020, 6:16 PM IST

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने एक बार फिर तथ्यों से छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक बार फिर 10वीं की सामाजिक विज्ञान और 12वीं की इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप की वीरता को मिटाने और अकबर की महानता को उजागर करने का प्रयास कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री की ओर से किया गया हैं.

महाराणा प्रताप विवाद पर वासुदेव देवनानी का बयान

देवनानी ने कहा इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना अपराध है. सरकार इस तरह का कार्य कर एक वर्ग का तुष्टिकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध को महिलाओं की मेहंदी से जोड़ना प्रताप की वीरता पर कुठाराघात है. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की ओर से इस तरह की हरकत को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने मंत्री डोटासरा पर बच्चों को गलत ज्ञान परोसने का आरोप लगाते हुए प्रताप की वीरता का असली ज्ञान छात्रों को पढ़ाए जाने की मांग की हैं.

पढ़ें- राजस्थान में फिर इतिहास पर रार, मेवाड़ और महाराणा प्रताप पर गरमाने लगी सियासत

'मेवाड़ के इतिहास को कलंकित करने का कार्य'

पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास को कलंकित करने का कार्य किया गया है. उस समय तथ्यों के आधार पर भाजपा शासन में पुस्तकें प्रकाशित की गई थी. देवनानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिसे लेकर सरकार ने समीक्षा समिति डॉ. बीएस शर्मा की अध्यक्षता में गठित की थी. जिस समिति ने बिना किसी तथ्यों के रिपोर्ट दी. जिससे एक वर्ग के तुष्टीकरण की गंध आती है. हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप ने स्पष्ट जीत हासिल की थी. प्रताप की वीरता को इतिहास ना बताकर अकबर महान के बारे में पढ़ाया जा रहा है.

पढ़ें- महाराणा प्रताप पाठ्यक्रम में अगर कोई छेड़छाड़ हुई है तो उसे जल्द ही सुधारा जाएगा : उच्च शिक्षा मंत्री

इतिहास में महाराणा प्रताप की जीत के प्रमाण के बाद भी हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप को हारा हुआ बताना उनके साथ अन्याय है. वहीं, महापुरुषों का भी अपमान किया जा रहा है. 12 वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक हल्दीघाटी युद्ध में 150 महिलाओं ने हाथ में हल्दी लगा रखी थी, वह युद्ध में सम्मिलित थी. इसलिए हल्दीघाटी नाम रखा गया, जो कि तथ्यहीन है. वहां की मिट्टी ही हल्दी रंग की है और हल्दीघाटी युद्ध से पहले ही उसका नाम हल्दीघाटी था. इस तरह के इतिहास से छेड़छाड़ और तथ्यों से छेड़छाड़ करना गलत है.

'वीरों का अपमान कांग्रेस की पहचान'

देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का यह हमेशा से इतिहास रहा है कि वह लगातार वीरों का अपमान करते रहते हैं. इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते रहते हैं. देवनानी ने कहा कि इसको लेकर मेवाड़ पूरा आंदोलित है. क्षत्रिय समाज के अलावा अन्य समाज भी आंदोलन कर रहा है. विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा. अगर लगातार इस तरह की छेड़छाड़ महापुरुषों के नामों के साथ की गई, तो आंदोलन किया जाएगा.

अजमेर. पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने एक बार फिर तथ्यों से छेड़खानी करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस सरकार और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर निशाना साधा हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक बार फिर 10वीं की सामाजिक विज्ञान और 12वीं की इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप की वीरता को मिटाने और अकबर की महानता को उजागर करने का प्रयास कांग्रेस सरकार और शिक्षा मंत्री की ओर से किया गया हैं.

महाराणा प्रताप विवाद पर वासुदेव देवनानी का बयान

देवनानी ने कहा इतिहास के साथ छेड़छाड़ करना अपराध है. सरकार इस तरह का कार्य कर एक वर्ग का तुष्टिकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि हल्दीघाटी के युद्ध को महिलाओं की मेहंदी से जोड़ना प्रताप की वीरता पर कुठाराघात है. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की ओर से इस तरह की हरकत को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने मंत्री डोटासरा पर बच्चों को गलत ज्ञान परोसने का आरोप लगाते हुए प्रताप की वीरता का असली ज्ञान छात्रों को पढ़ाए जाने की मांग की हैं.

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'मेवाड़ के इतिहास को कलंकित करने का कार्य'

पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने कहा कि महाराणा प्रताप और मेवाड़ के इतिहास को कलंकित करने का कार्य किया गया है. उस समय तथ्यों के आधार पर भाजपा शासन में पुस्तकें प्रकाशित की गई थी. देवनानी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिसे लेकर सरकार ने समीक्षा समिति डॉ. बीएस शर्मा की अध्यक्षता में गठित की थी. जिस समिति ने बिना किसी तथ्यों के रिपोर्ट दी. जिससे एक वर्ग के तुष्टीकरण की गंध आती है. हल्दीघाटी में महाराणा प्रताप ने स्पष्ट जीत हासिल की थी. प्रताप की वीरता को इतिहास ना बताकर अकबर महान के बारे में पढ़ाया जा रहा है.

पढ़ें- महाराणा प्रताप पाठ्यक्रम में अगर कोई छेड़छाड़ हुई है तो उसे जल्द ही सुधारा जाएगा : उच्च शिक्षा मंत्री

इतिहास में महाराणा प्रताप की जीत के प्रमाण के बाद भी हल्दीघाटी युद्ध में प्रताप को हारा हुआ बताना उनके साथ अन्याय है. वहीं, महापुरुषों का भी अपमान किया जा रहा है. 12 वीं कक्षा के इतिहास की पुस्तक हल्दीघाटी युद्ध में 150 महिलाओं ने हाथ में हल्दी लगा रखी थी, वह युद्ध में सम्मिलित थी. इसलिए हल्दीघाटी नाम रखा गया, जो कि तथ्यहीन है. वहां की मिट्टी ही हल्दी रंग की है और हल्दीघाटी युद्ध से पहले ही उसका नाम हल्दीघाटी था. इस तरह के इतिहास से छेड़छाड़ और तथ्यों से छेड़छाड़ करना गलत है.

'वीरों का अपमान कांग्रेस की पहचान'

देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का यह हमेशा से इतिहास रहा है कि वह लगातार वीरों का अपमान करते रहते हैं. इतिहास के साथ छेड़छाड़ करते रहते हैं. देवनानी ने कहा कि इसको लेकर मेवाड़ पूरा आंदोलित है. क्षत्रिय समाज के अलावा अन्य समाज भी आंदोलन कर रहा है. विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया जाएगा. अगर लगातार इस तरह की छेड़छाड़ महापुरुषों के नामों के साथ की गई, तो आंदोलन किया जाएगा.

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