अजमेर. प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में यूनिफार्म बदलने की कवायद के बीच पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. देवनानी ने कहा कि महज 3 साल में सरकारी विद्यालयों की यूनिफॉर्म बदलने का सरकार द्वारा तुगलकी फरमान जारी किया गया है.
देवनानी ने कहा कि आलाकमान को खुश करने के लिए कांग्रेस सरकार 3 साल में ही स्कूल ड्रेस बदलने का व्यावहारिक कदम उठाने जा रही है. जिससे कोरोना संक्रमण काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से प्रदेश के 77 लाख अभिभावकों पर सीधे-सीधे गैरजरूरी खर्च बढ़ेगा.
पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री का कहना है कि सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का हौसला अफजाई करने के लिए 3 साल पहले ही यूनिफॉर्म बदली गई थी, ताकि इससे बच्चों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हो. इस निर्णय से सरकारी और प्राइवेट स्कूलों का अंतर भी खत्म होने लगा था, लेकिन 3 साल के अंदर ही दूसरी बार यूनिफॉर्म में बदलाव करना, वो भी कोविड के समय. सरकार का यह निर्णय गलत है.
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देवनानी ने कहा कि प्रदेश की जनता दिन-ब-दिन भयानक रूप लेते कोरोना संक्रमण और आर्थिक तंगी से पहले ही संघर्ष कर रही है. जबकि गहलोत सरकार रोकथाम के कारगर उपाय करने के बजाय भाजपा शासन की योजनाओं और काम में बदलने में अपना वक्त जाया कर रही है. कांग्रेस सरकार सभी पाठ्यक्रमों से महापुरुषों और वीरों के पाठ हटाने की राजनीति कर रही है तो कभी योजनाओं और पुरस्कारों के नाम बदले जा रहे हैं.