नसीराबाद (अजमेर). शहर के नसीराबाद में केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद की ओर से सिटी थाने के सामने स्थित महाराणा प्रताप के वंशज गाड़िया लोहारों के झुग्गी झोपड़ी के तोड़ने की कवायद करते हुए एक गाडिया लोहार की दीवार को तोड़ देने से गाड़िया लोहारों में आक्रोश व्याप्त हो गया.
जानकारी के अनुसार सिटी थाने के सामने काफी समय से गाडिया लोहार झुग्गी झोपड़ी में कच्ची दीवारें बनाकर निवास कर रहे हैं. गुरुवार को छावनी परिषद के कार्मिकों ने वहां पहुंचकर एक झुग्गी झोपड़ी के बाहर बनी दीवार को तोड़ दिया. गाड़िया लोहारों के परिवारों ने छावनी परिषद कर्मियों से काफी मन्नते की लेकिन कार्मिकों ने उनकी एक नहीं सुनी और 10 मिनट में तोड़फोड़ कर दी.
घटना की सूचना मिलते ही वार्ड नंबर 2 के पूर्व पार्षद रोहिताश शर्मा मौके पर पहुंचे और गाड़िया लोहारों की पीड़ा सुनकर उनके आंसू छलक उठे. रोहिताश शर्मा ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार कोरोना काल में आमजन को हर संभव मदद पहुंचा रही है. साथ ही हम लोग भी इन झुग्गी झोपड़ी में निवास करने वाले गरीब लोगों को कोरोना काल में रोजाना भोजन उपलब्ध करा रहे हैं.
छावनी परिषद अपनी संवेदनहीनता दिखाते हुए इनको बेघर करने की कार्रवाी कर रही है जो कि न्याय उचित नहीं है. जबकि कस्बे में कई मॉल में बहुमंजिला इमारतें अवैध रूप से बनी हैं उनके खिलाफ छावनी परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.
पढ़ें- राजस्थान : बॉर्डर पार से तस्करी पर BSF की बड़ी कार्रवाई, करोड़ों की 54 किलो हेरोइन पकड़ी
रोहिताक्ष शर्मा ने छावनी परिषद मुख्य अधिशासी अधिकारी से वार्ता कर झुग्गी झोपड़ी में निवास करने वाले गाड़िया लोहारों को बेघर नहीं करने की मांग की. गाड़िया लोहारों ने बताया कि करीब 20 साल से कच्ची दीवारें बनाकर झुग्गी झोपड़ी में यहां पर करीब 25 परिवार निवास कर रहे हैं.
गाडिया लोहार ने बताया कि एक कच्ची दीवार टूट गई थी, जिसकी स्वयं मरम्मत कर रहे थे. क्योंकि दीवार टूट जाने से बच्चों के चोटे आ गई थी. आज छावनी परिषद के कुछ कार्मिक आए और दीवार को तोड़फोड़ कर दी. हमनें काफी मन्नते की और हमारे छोटे बिलखते बच्चों को देखकर भी छावनी परिषद कार्मिकों का मन नहीं पसीजा.