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अजमेर: शादी में दिखा अनूठा नजारा, 32 लाख के दहेज को ठुकराते हुए बेटेवालों ने की मिसाल पेश - ajmer news

अजमेर में आयोजित हुई एक एसडीएम के बेटे की शादी में अनूठा नजारा सामने आया. जहां उन्होंने शादी में दहेज लेने से साफ इनकार कर दिया और मात्र शगुन के 101 रुपये लेकर शादी की रस्में अदा की.

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रावतभाटा के एसडीएम रामसुख गुर्जर ने पेश की मिसाल
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Published : Feb 9, 2020, 9:18 PM IST

अजमेर. शादी की रस्में की जा रही थी, जब दूल्हे के पिता ने उठकर भारी-भरकम दहेज को ना बोल दिया. ये नजारा किसी फिल्म का नहीं है बल्कि अजमेर में आयोजित हुई एक शादी का है. जहां दूल्हे ने शगुन के 101 रुपये लेकर शादी की रस्म को संपन्न कर दिया. अजमेर निवासी रामसुख गुर्जर रावतभाटा में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं और उनके बेटे मयंक की शादी झुंझुन की रहने वाली मुक्ता से तय हुई है. जिसकी आज तिलक की रस्म निभाई गई.

रावतभाटा के एसडीएम रामसुख गुर्जर ने पेश की मिसाल

तिलक की रस्म में वधु पक्ष की ओर से दहेज में 11 लाख कैश और 21 लाख रुपये कार के दिये गए. लेकिन, दूल्हे के पिता ने ये सभी लौटाते हुये शगुन के मात्र 101 रुपये की मांग की.

पढे़ं : Special : पूरी पंचायत को करेंगे कचरा मुक्त.....पदभार ग्रहण करने से पहले सरपंच का स्वच्छता संकल्प

रामसुख गुर्जर ने बताया कि उसके बेटे मयंक राज गुर्जर की शादी में तिलक के दौरान 11 लाख रुपए और एक कार सम्बधी द्वारा भेंट की गई. लेकिन, उन्होंने हाथ जोड़कर सारा दहेज वापस लौटा दिया. उन्होंने कहा कि दहेज रूपी दानव इन दिनों अधिक रूप से सक्रिय हैं. इन दानवों से व्यथित होकर ही कई बहन बेटियां अपनी जान देने को मजबूर हो रही हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे का दहेज लौटाने का निर्णय लिया.

पढ़ें- Exclusive : मिलिए उस राजनेता से जो शिक्षा पर सियासत नहीं, सुधार के लिए कर रहा मेहनत...

बता दें कि दूल्हे मयंक ने आरएएस की मुख्य परीक्षा दी है. मयंक राज इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी कर चुके है. जहां उन्होंने अपने पिता के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि सभी को इसी प्रण को लेना चाहिए और दहेज लेने से साफ तौर पर इंकार कर देना चाहिए. बहरहाल, उनका ये कदम प्रशंसा योग्य है और हर कोई उनके इस फैसले की खुले कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं.

अजमेर. शादी की रस्में की जा रही थी, जब दूल्हे के पिता ने उठकर भारी-भरकम दहेज को ना बोल दिया. ये नजारा किसी फिल्म का नहीं है बल्कि अजमेर में आयोजित हुई एक शादी का है. जहां दूल्हे ने शगुन के 101 रुपये लेकर शादी की रस्म को संपन्न कर दिया. अजमेर निवासी रामसुख गुर्जर रावतभाटा में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं और उनके बेटे मयंक की शादी झुंझुन की रहने वाली मुक्ता से तय हुई है. जिसकी आज तिलक की रस्म निभाई गई.

रावतभाटा के एसडीएम रामसुख गुर्जर ने पेश की मिसाल

तिलक की रस्म में वधु पक्ष की ओर से दहेज में 11 लाख कैश और 21 लाख रुपये कार के दिये गए. लेकिन, दूल्हे के पिता ने ये सभी लौटाते हुये शगुन के मात्र 101 रुपये की मांग की.

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रामसुख गुर्जर ने बताया कि उसके बेटे मयंक राज गुर्जर की शादी में तिलक के दौरान 11 लाख रुपए और एक कार सम्बधी द्वारा भेंट की गई. लेकिन, उन्होंने हाथ जोड़कर सारा दहेज वापस लौटा दिया. उन्होंने कहा कि दहेज रूपी दानव इन दिनों अधिक रूप से सक्रिय हैं. इन दानवों से व्यथित होकर ही कई बहन बेटियां अपनी जान देने को मजबूर हो रही हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे का दहेज लौटाने का निर्णय लिया.

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बता दें कि दूल्हे मयंक ने आरएएस की मुख्य परीक्षा दी है. मयंक राज इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी कर चुके है. जहां उन्होंने अपने पिता के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि सभी को इसी प्रण को लेना चाहिए और दहेज लेने से साफ तौर पर इंकार कर देना चाहिए. बहरहाल, उनका ये कदम प्रशंसा योग्य है और हर कोई उनके इस फैसले की खुले कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं.

Intro:अजमेर/ रावतभाटा के एसडीएम अधिकारी ने दहेज में दिए 11 लाख रुपए व कार के 21 लाख रुपए लौटाए, बता देना ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है जहां दहेज रूपी लोभी अब देश में हावी होने लगे हैं और दहेज के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करने का कार्य किया जा रहा है उसी में एक मिसाल पेश की है रावतभाटा के एसडीएम रामसुख गुर्जर ने जिन्होंने अपने पुत्र की शादी में दहेज में आई कार 11 लाख रुपए लौटा दिए




जहां एक और दहेज लोभी व्यक्ति विवाहिताओं की जान लेने पर तुले हुए हैं तो वहीं दूसरी और ऐसे व्यक्तियों को दहेज से बचने का संदेश भी दिया जा रहा है अजमेर में अपने बेटे की शादी कर रहे आरएस अधिकारी रामसुख गुर्जर ने दहेज रूपी 11 लाख रुपए और एक कार लेने से इनकार करते हुए केवल मात्र 101 का लिफाफा लिया है



चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा में एसडीएम के पद पर कार्यरत रामसुख गुर्जर ने जानकारी देते हुए बताया कि उसके बेटे मयंक राज गुर्जर की शादी में तिलक के दौरान 11 लाख रुपए और एक कार सम्बधी द्वारा भेंट की गई अधिकारी ने समाज के सामने हाथ जोड़कर वापस दहेज को संबधी को लौटा दिया और सम्मान के लिए केवल मात्र 101 का लिफाफा स्वीकार किया उन्होंने कहा कि दहेज रूपी दानव इन दिनों अधिक रूप से सक्रिय हैं इन दानवों से व्यथित होकर ही कई बहन बेटियां अपनी जान देने को मजबूर हो रही है या कुछ इन दानवो के हाथों मृत्यु को प्राप्त कर रही है



इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे ने दहेज लौटाने का निर्णय लिया उनके इस फैसले की हर और खुले कंठ से प्रशंसा की जा रही है जहां आपको बता दें कि हम रामसुख गुर्जर के बेटे और दूल्हा बनने वाले मयंक ने आरएएस की मुख्य परीक्षा दी है मयंक राज इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी कर चुके हैं जहां उन्होंने अपने पिता के इस फैसले का स्वागत किया है और उन्होंने कहा कि सभी को इसी प्रण को लेना चाहिए और दहेज लेने से साफ तौर पर इंकार करना चाहिए



बाईट-रामसुख गुर्जर-आरएएस अधिकारी

बाईट-मयंक-दूल्हा


Body:अजमेर


Conclusion:अजमेर
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