अजमेर. शादी की रस्में की जा रही थी, जब दूल्हे के पिता ने उठकर भारी-भरकम दहेज को ना बोल दिया. ये नजारा किसी फिल्म का नहीं है बल्कि अजमेर में आयोजित हुई एक शादी का है. जहां दूल्हे ने शगुन के 101 रुपये लेकर शादी की रस्म को संपन्न कर दिया. अजमेर निवासी रामसुख गुर्जर रावतभाटा में एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं और उनके बेटे मयंक की शादी झुंझुन की रहने वाली मुक्ता से तय हुई है. जिसकी आज तिलक की रस्म निभाई गई.
तिलक की रस्म में वधु पक्ष की ओर से दहेज में 11 लाख कैश और 21 लाख रुपये कार के दिये गए. लेकिन, दूल्हे के पिता ने ये सभी लौटाते हुये शगुन के मात्र 101 रुपये की मांग की.
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रामसुख गुर्जर ने बताया कि उसके बेटे मयंक राज गुर्जर की शादी में तिलक के दौरान 11 लाख रुपए और एक कार सम्बधी द्वारा भेंट की गई. लेकिन, उन्होंने हाथ जोड़कर सारा दहेज वापस लौटा दिया. उन्होंने कहा कि दहेज रूपी दानव इन दिनों अधिक रूप से सक्रिय हैं. इन दानवों से व्यथित होकर ही कई बहन बेटियां अपनी जान देने को मजबूर हो रही हैं. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे का दहेज लौटाने का निर्णय लिया.
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बता दें कि दूल्हे मयंक ने आरएएस की मुख्य परीक्षा दी है. मयंक राज इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी पूरी कर चुके है. जहां उन्होंने अपने पिता के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि सभी को इसी प्रण को लेना चाहिए और दहेज लेने से साफ तौर पर इंकार कर देना चाहिए. बहरहाल, उनका ये कदम प्रशंसा योग्य है और हर कोई उनके इस फैसले की खुले कंठ से प्रशंसा कर रहे हैं.