अजमेर. ब्यावर शहर में एसीबी जोधपुर ग्रामीण की टीम ने रिश्वत के काले खेल का पर्दाफाश करते हुए दो दलालों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस खेल का मुख्य आरोपी पार्षद फरार होने में कामयाब रहा.
एसीबी जोधपुर ग्रामीण के एडिशनल एसपी भोपाल सिंह लखावत ने बताया, ब्यावर निवासी सीताराम साहू की मालियों की चौपड़ के पास एक मिठाई की दुकान है. सीताराम ने मकान के ग्राउंड फ्लोर पर बने हॉल को रिनोवेट करवाकर इससे मिठाई की दुकान में तब्दील किया था. दुकान के संबंध में ब्यावर नगर परिषद के वार्ड नंबर- 56 के पार्षद अनिल चौधरी और वार्ड- 57 के पार्षद कुलदीप बोहरा ने नगर परिषद में शिकायत दर्ज करवाई कि परिवादी सीताराम साहू ने इस दुकान का निर्माण बिना स्वीकृति के करवाया है. इस पर नगर परिषद ने परिवादी सीताराम साहू को अवैध अतिक्रमण हटाने का नोटिस जारी कर दिया.
इस नोटिस के निस्तारण के संबंध में आरोपियों ने परिवादी से रिश्वत की रकम मांगी थी. इसके लिए आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा के दलाल भरत मंगल ने परिवादी सीताराम को फोन कर उससे तीन लाख रुपए देने की बात कही. भरत मंगल ने कहा, यह रकम तीन पार्षदों अनिल चौधरी कुलदीप बोहरा और सुरेंद्र सोनी तक पहुंचाई जाएगी. यदि सीताराम यह रकम दे देता है तो उसे इस नोटिस के निस्तारण के लिए किसी भी सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.
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परिवादी सीताराम ने होशियारी से काम लेते हुए इसकी शिकायत एसीबी जोधपुर ग्रामीण टीम को दर्ज करवाई. एसीबी की टीम ने परिवादी की शिकायत का वेरिफिकेशन कर इसे सच पाया. इसके बाद एसीबी ने परिवादी को ढाई लाख रुपए के रंग लगे हुए नोट देकर आरोपियों को दुकान पर बुलाने के लिए कहा, परिवादी सीताराम ने बिल्कुल वैसा ही किया. सीताराम के कहने पर आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा और दलाल भरत मंगल उसकी दुकान पर पहुंचे. लेकिन उन्होंने रिश्वत की राशि नहीं ली. उन्होंने कहा, थोड़ी देर बाद सुनील लखारा नाम का व्यक्ति दुकान पर आएगा, उसे वह राशि दे देना. ऐसा कहकर कुलदीप और भरत मंगल उसकी दुकान से चले गए.
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थोड़ी देर बाद सुनील नाम का शख्स सीताराम की दुकान पर पहुंचा और उसने खुद को कुलदीप और भरत का साथी बताते हुए उसे रुपए देने की बात कही. परिवादी ने रंग लगे हुए नोट सुनील को सौंप दिए, तभी एसीबी की टीम ने सुनील को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ करने पर सुनील ने बताया, वह पार्षद कुलदीप बोहरा और भरत मंगल के लिए काम करता है.
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एसीबी ने उससे दोनों आरोपियों की लोकेशन पूछी, जिस पर सुनील उन्हें कुलदीप और भरत के ठिकाने पर ले गया. कुलदीप और भरत जय मंदिर पर उसका इंतजार कर रहे थे. एसीबी की टीम को देखते ही दोनों आरोपी भागने लगे, सुनील के शिनाख्त करने पर पुलिस ने आरोपी भरत मंगल को लोहारों की गली जय मंदिर से गिरफ्तार कर लिया. लेकिन आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा भागने में कामयाब रहा.
पार्षद ने दी थी धमकी
परिवादी सीताराम साहू ने बताया, पार्षद कुलदीप बोहरा उनके वार्ड का पार्षद नहीं है. लेकिन फिर भी उसने उनसे रिश्वत की मांग की थी. कुलदीप ने उन्हें धमकी दी थी कि यदि उन्होंने रिश्वत नहीं दी तो वह उनकी दुकान को सीज करवा देगा. सीताराम ने अन्य कई लोगों के उदाहरण भी दिए, जो कुलदीप की वजह से परेशान थे. सीताराम ने कहा, सरकार को पार्षदों के लिए भी सख्त नियम कानून बनाने चाहिए, ताकि इनकी वजह से आम जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.
आरोपी पार्षद की तलाश जारी
एसीपी जोधपुर ग्रामीण के एडिशनल एसपी भोपाल सिंह लखावत ने बताया, एसीबी ने दोनों दलालों भरत मंगल और सुनील लखारा को गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं एसीबी की टीम आरोपी पार्षद कुलदीप बोहरा के साथ ही अन्य संदिग्ध आरोपियों की भी तलाश कर रही है. मामले में कार्रवाई करने वाली एसीबी की टीम में निरीक्षक अमराराम बिश्नोई सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे.