अजमेर. कोरोना महामारी की वजह से पिछले डेढ़ साल से सभी रोजगार और उद्योग धंधे ठप पड़े हुए हैं. व्यापारी वर्ग इन परिस्थितियों की वजह से बेहद परेशान नजर आ रहा है. इसी वजह से अजमेर व्यापार महासंघ के सदस्य और पदाधिकारियों ने शनिवार को विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में उपस्थित होकर गरीब नवाज से इन परिस्थितियों को जल्द ही सुधारने की अरदास की है.
गरीब नवाज के दरबार में सरकार को सद्बुद्धि देने की अरदास
अजमेर व्यापार महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेंद्र बंसल और महासचिव रमेश लालवानी ने बताया कि पिछले डेढ़ साल से व्यापारियों की स्थिति बेहद चिंताजनक है. सरकार की ओर से लगाए गए लॉकडाउन की वजह से सभी के उद्योग धंधे और रोजगार ठप पड़ चुके हैं. सरकार व्यापारियों की खस्ता हालत की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. ऐसे में उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में सरकार को सद्बुद्धि देने की अर्जी लगाई है.
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से शराब की दुकानों को तो खुला रखा गया है लेकिन सभी धार्मिक स्थलों को खोलने पर पाबंदी लगा रखी है. अजमेर में विश्व प्रसिद्ध परमपिता ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर होने के साथ ही सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह भी स्थित है. यह दोनों धार्मिक स्थल पूरे विश्व में धार्मिक आस्था का केंद्र है. इसीलिए यहां साल भर श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन लॉकडाउन की वजह से पिछले डेढ़ साल से यह धार्मिक स्थल बंद पड़े हैं.
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अजमेर व्यापार महासंघ ने राज्य सरकार से मांग की है कि वे व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए रात्रि कालीन कर्फ्यू की अवधि को देर रात से शुरू करें. सभी व्यापारियों को रात 8 बजे तक दुकानें खोलने की अनुमति प्रदान की जाए, ताकि व्यापारी भी अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सके. क्योंकि गर्मी के मौसम में कोई भी ग्राहक दोपहर में खरीददारी के लिए नहीं निकलते हैं. इसीलिए व्यापारियों की मांग है कि उन्हें 8 बजे तक दुकान खोलने की अनुमति प्रदान की जाए.