अजमेर. शहर में लॉकडाउन 4.0 की वजह से 17 स्थान कर्फ्यू के दायरे में है. इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र दरगाह का है. जहां सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए है. लिहाजा जिले में सबसे बड़ा हॉटस्पॉट दरगाह क्षेत्र बना हुआ है.
इसी कड़ी में यूपी के बदायूं जिले से दिल्ली होते हुए एक युवक दरगाह के मुख्य द्वार तक पहुंच गया. युवक की मौजूदगी से क्षेत्र में खलबली मच गई. आनन-फानन में पुलिस ने युवक को दरगाह के मुख्य दरवाजे निजाम गेट के बाहर ही रोक लिया, वहीं मेडिकल टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर युवक के सैंपल के लिए 108 एंबुलेंस की सहायता से जेएलएन अस्पताल ले गई है.
थर्मल गन से मापा गया तापमान
बता दें, कि मेडिकल टीम ने मौके पर पहुंचकर युवक के शरीर का तापमान थर्मल गन से नापा जिसमें उसे बुखार की शिकायत सामने आई है. बताया जा रहा है, कि युवक यूपी के बदायूं जिले का मूल निवासी यूनुस है और वह दिल्ली होता हुआ 6 दिन में अजमेर ख्वाजा गरीब नवाज की चौखठ तक पहुंच गया. खास बात यह है, कि इस पूरे सफर में रास्ते में किसी जिम्मेदार ने उसे नहीं रोका. बल्कि वह कोरोना हॉटस्पॉट कर्फ्यु क्षेत्र में भी आसानी से घुस गया.
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यूनुस ने मेडिकल टीम को बताया, कि वह पहले से ही बीमार है और वह कई तरह की बीमारियों की जांच भी करवा चुका है. उसने यह भी बताया, कि उसे सपना आया था कि दरगाह जियारत के बाद वह ठीक हो जाएगा, इसलिए वह पैदल ही घर से निकल पड़ा. रास्ते में किसी ने खाने को दे दिया तो ठीक नहीं तो अजमेर दरगाह पहुंचने के जुनून में वह पैदल चलता रहा.
पुलिसकर्मियों ने खिलाया खाना
मौके पर डॉ. रजनी मीणा के नेतृत्व में पहुंची मेडिकल ने उससे सहजता से बातचीत की. वहीं, दरगाह के मुख्य दरवाजे पर ड्यूटी दे रहे पुलिसकर्मियों ने उस युवक को खाना भी खिलाया. जिसके बाद 108 एंबुलेंस आने पर यूनुस स्वयं ही ख्वाजा की चौखठ को चूमकर एम्बुलेंस में जा बैठा.
ईटीवी भारत से बातचीत में डॉ. रजनी मीणा ने बताया, कि यूपी के बदायूं निवासी यूनुस पैदल अजमेर पहुंचा है. मौके पर उसकी स्क्रीनिंग की गई साथ ही उसके शरीर का टेंपरेचर भी नापा गया है, जिसमें उसे बुखार होना प्रतीत लग रहा है. इस कारण उसे जेएलएन अस्पताल में कोरोना जांच के लिए ले जाया जा रहा है.
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बता दें, कि अजमेर का दरगाह क्षेत्र करोना संक्रमित मामलों में हॉटस्पॉट बन चुका है. करीब 180 संक्रमित मरीज अभी तक सामने आ चुके हैं. ऐसे में कर्फ्युग्रस्त क्षेत्र में बाहर से किसी का आना क्षेत्र में बड़ी चूक है. बदायूं से दिल्ली होते हुए अजमेर पैदल पहुंचे यूनुस की इस हिमाकत को श्रद्धा नहीं सनक ही कहा जा सकता है.