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आनासागर झील की सुंदरता पर लगा जलकुंभी का ग्रहण - अजमेर लेटेस्ट न्यूज

अजमेर के बीच खूबसूरत आनासागर झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यही वजह है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत झील की सुंदरता निहारने और बढ़ाने के लिए पाथवे का निर्माण किया गया. मगर जिस झील के सौदर्यकरण के लिए पैसा खर्च किया गया उसके पानी पर जलकुंभी का ग्रहण लग गया है.

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आनासागर झील की सुंदरता पर लगा जलकुंभी का ग्रहण
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Published : Oct 15, 2020, 12:11 PM IST

अजमेर. शहर के बीच खूबसूरत आनासागर झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यही वजह है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत झील की सुंदरता निहारने और बढ़ाने के लिए पाथवे का निर्माण किया गया. मगर जिस झील के सौदर्यीकरण के लिए पैसा खर्च किया गया, उसके पानी पर जलकुंभी का ग्रहण लग गया है. जलकुंभी पानी झील के पानी में फैलती जा रही है.

आनासागर झील की सुंदरता पर लगा जलकुंभी का ग्रहण

ईटीवी भारत ने आनासागर में बरसाती पानी के मुख्य स्रोत बांडी नदी में जलकुंभी के फैलने और आनासागर पर जलकुंभी का संकट मंडराने को लेकर खबर के माध्यम से आगाह किया था. जिम्मेदारों की लापरवाही से हालात अब बेकाबू हो गए जगह जगह झील के पानी में जलकुंभी फैलती जा रही है. इस कारण झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है. जिससे मछलियां मरने लगी है. अब वह दिन भी दूर नहीं जब झील का पानी बदबू देने लगेगा.

यह भी पढ़ें. नगर निगम चुनाव: BJP 65 वर्ष से अधिक उम्र के उम्मीदवार को नहीं देगी टिकट, वार्ड बदलने की भी इजाजत नहीं

नगर निगम ने पिछले दिनों बांडी नदी से जलकुंभी हटाने के लिए उदयपुर से क्लीनिंग मशीन भी मंगाई है. मगर मशीन का उपयोग नही हो रहा है. आनासागर झील पाथवे पर सैर सपाटे के लिए आने वाले लोग झील की सुंदरता को निहारते है. लेकिन झील के पानी में जलकुंभी को देख उन्हें अच्छा नही लगता. स्थानीय पृथ्वीराज बताते है कि झील में पैर पसारती जा रही है.

प्रशासन जलकुंभी को रोकने में लापरवाही बरत रहा है. स्थानीय युवा राहुल बताते हैं कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आनासागर के चारों ओर सौंदर्य करण का काम हो रहा है, लेकिन झील के पानी को देखें तो सौंदर्य करण पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए पानी लग रहे हैं. झील की सुंदरता उसके पानी से है. प्रशासन को झील के पानी से जलकुंभी निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए .

अजमेर. शहर के बीच खूबसूरत आनासागर झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रही है. यही वजह है कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत झील की सुंदरता निहारने और बढ़ाने के लिए पाथवे का निर्माण किया गया. मगर जिस झील के सौदर्यीकरण के लिए पैसा खर्च किया गया, उसके पानी पर जलकुंभी का ग्रहण लग गया है. जलकुंभी पानी झील के पानी में फैलती जा रही है.

आनासागर झील की सुंदरता पर लगा जलकुंभी का ग्रहण

ईटीवी भारत ने आनासागर में बरसाती पानी के मुख्य स्रोत बांडी नदी में जलकुंभी के फैलने और आनासागर पर जलकुंभी का संकट मंडराने को लेकर खबर के माध्यम से आगाह किया था. जिम्मेदारों की लापरवाही से हालात अब बेकाबू हो गए जगह जगह झील के पानी में जलकुंभी फैलती जा रही है. इस कारण झील के पानी में ऑक्सीजन की कमी भी हो रही है. जिससे मछलियां मरने लगी है. अब वह दिन भी दूर नहीं जब झील का पानी बदबू देने लगेगा.

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नगर निगम ने पिछले दिनों बांडी नदी से जलकुंभी हटाने के लिए उदयपुर से क्लीनिंग मशीन भी मंगाई है. मगर मशीन का उपयोग नही हो रहा है. आनासागर झील पाथवे पर सैर सपाटे के लिए आने वाले लोग झील की सुंदरता को निहारते है. लेकिन झील के पानी में जलकुंभी को देख उन्हें अच्छा नही लगता. स्थानीय पृथ्वीराज बताते है कि झील में पैर पसारती जा रही है.

प्रशासन जलकुंभी को रोकने में लापरवाही बरत रहा है. स्थानीय युवा राहुल बताते हैं कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत आनासागर के चारों ओर सौंदर्य करण का काम हो रहा है, लेकिन झील के पानी को देखें तो सौंदर्य करण पर खर्च किए गए करोड़ों रुपए पानी लग रहे हैं. झील की सुंदरता उसके पानी से है. प्रशासन को झील के पानी से जलकुंभी निकालने की व्यवस्था करनी चाहिए .

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