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अजमेर दरगाह से बड़ा ऐलान: तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड ने राजस्थान सरकार से अभद्र भाषा निषेध अधिनियम 2021 पारित करने की मांग की - अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021

अजमेर दरगाह परिसर में अहाता-ए-नूर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड ने राजस्थान सरकार से अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 पारित करने की मांग की है.

prohibition of hate speech act 2021, rajasthan government
अजमेर दरगाह से बड़ा ऐलान: तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड ने राजस्थान सरकार से अभद्र भाषा निषेध अधिनियम 2021 पारित करने की मांग की
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Published : Jul 13, 2021, 5:00 PM IST

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से मंगलवार को एक बड़ा ऐलान किया गया है. दरगाह परिसर में अहाता-ए-नूर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड ने अहम निर्णय लिया गया है. इसके तहत अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 पारित करवाने की मांग राजस्थान सरकार के समक्ष रखी जाएगी. इस मांग को लेकर वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शालेह मोहम्मद से बुधवार को जयपुर में बोर्ड के सदस्य मुलाकात करेंगे.

पढे़ं: बढ़ती महंगाई के खिलाफ सेवादल का प्रदर्शन, कार्यकर्ताओं ने ऊंट गाड़ी पर निकाली गैस सिलेंडर की शव यात्रा

आल इंडिया काजी बोर्ड के महासचिव मौलाना फजले हक ने बताया कि देश और दुनिया में पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी के मामले बढ़े हैं. किसी को किसी के धर्म, महापुरुषों और ग्रंथों पर अभद्र टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. देश में भी ऐसे मामले बढ़ने लगे हैं. कुछ लोग अपनी शोहरत के लिए जब मजहबी रहनुमा और खासतौर से पैगंबर, इस्लाम के लिए ना काबिले बर्दाश्त बयान जारी कर रहे हैं.

राजस्थान सरकार से अभद्र भाषा निषेध अधिनियम 2021 पारित करने की मांग

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार को अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 पारित करने की मांग की जा चुकी है. वहां इसको लेकर कार्य भी शुरू हो चुका है. ऐसे ही मांग राज्य में की जा रही है कि वह इस प्रकार का बिल पारित करे. सुन्नी जमीयत उलेमा के सदर मौलाना सईद नूरी ने बताया कि अभद्र भाषा अधिनियम 2021 हर धर्म और मजहब के लिए है. वर्तमान में जो कानून हैं, इसके तहत किसी धर्म पर अभद्र टिप्पणी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है. वहीं थाने से ही जमानत मिल जाती है. इस कानून को कड़ा किया जाना चाहिए.

दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह देश और दुनिया में अमन और मोहब्बत की मिसाल है. हम सभी को हर मजहब की इज्जत करनी चाहिए. बोर्ड के बैनर तले देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविद और उलेमाओं ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया है कि राजस्थान सरकार के समक्ष बिल पारित करने की मांग रखी जाएगी.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह से मंगलवार को एक बड़ा ऐलान किया गया है. दरगाह परिसर में अहाता-ए-नूर में आयोजित कॉन्फ्रेंस में तहफ्फुजे नामूसे रिसालत बोर्ड ने अहम निर्णय लिया गया है. इसके तहत अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 पारित करवाने की मांग राजस्थान सरकार के समक्ष रखी जाएगी. इस मांग को लेकर वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शालेह मोहम्मद से बुधवार को जयपुर में बोर्ड के सदस्य मुलाकात करेंगे.

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आल इंडिया काजी बोर्ड के महासचिव मौलाना फजले हक ने बताया कि देश और दुनिया में पैगम्बर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी के मामले बढ़े हैं. किसी को किसी के धर्म, महापुरुषों और ग्रंथों पर अभद्र टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. देश में भी ऐसे मामले बढ़ने लगे हैं. कुछ लोग अपनी शोहरत के लिए जब मजहबी रहनुमा और खासतौर से पैगंबर, इस्लाम के लिए ना काबिले बर्दाश्त बयान जारी कर रहे हैं.

राजस्थान सरकार से अभद्र भाषा निषेध अधिनियम 2021 पारित करने की मांग

उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार को अभद्र भाषा (निषेध) अधिनियम 2021 पारित करने की मांग की जा चुकी है. वहां इसको लेकर कार्य भी शुरू हो चुका है. ऐसे ही मांग राज्य में की जा रही है कि वह इस प्रकार का बिल पारित करे. सुन्नी जमीयत उलेमा के सदर मौलाना सईद नूरी ने बताया कि अभद्र भाषा अधिनियम 2021 हर धर्म और मजहब के लिए है. वर्तमान में जो कानून हैं, इसके तहत किसी धर्म पर अभद्र टिप्पणी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ 3 वर्ष की सजा का प्रावधान है. वहीं थाने से ही जमानत मिल जाती है. इस कानून को कड़ा किया जाना चाहिए.

दरगाह अंजुमन कमेटी के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह देश और दुनिया में अमन और मोहब्बत की मिसाल है. हम सभी को हर मजहब की इज्जत करनी चाहिए. बोर्ड के बैनर तले देश के विभिन्न राज्यों से आए शिक्षाविद और उलेमाओं ने काफी विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया है कि राजस्थान सरकार के समक्ष बिल पारित करने की मांग रखी जाएगी.

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