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Gehlot Government: राज्यकर्मियों ने खोला गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा, 1 से 3 दिसंबर तक प्रशासन शहर एवं गांव के संग अभियान का करेंगे बहिष्कार

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Published : Nov 22, 2021, 3:49 PM IST

Updated : Nov 22, 2021, 4:27 PM IST

अजमेर में राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने लंबित मांगों को लेकर गहलोत सरकार (Gehlot Government) का विरोध शुरू कर दिया है. कर्मचारियों (State employees) ने 1 से 3 दिसंबर तक प्रशासन शहर एवं गांव के संग अभियान (Prashasan shehron and gaon ke sang campaign) का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.

राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ, State employees protest,   Prashasan shehron and gaon ke sang campaign
प्रशासन शहर एवं गांव के संग अभियान का करेंगे बहिष्कार

अजमेर. राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ (Rajasthan State Subordinate Joint Employees Federation) ने लंबित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर गहलोत सरकार (Gehlot Government) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अजमेर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन की राह पकड़ ली है.

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान कविया ने अजमेर में कर्मचारी संगठनों के विभिन्न घटकों के पदाधिकारियों के साथ मिलकर प्रेस वार्ता की. 4 दिसंबर को निर्णायक बैठक का निर्णय लिया गया है जिसमें महासभा अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लेगी.

प्रशासन शहर एवं गांव के संग अभियान का करेंगे बहिष्कार

पढ़ें. Jaipur: 23 नवंबर को जयपुर से रवाना होंगे बेरोजगार युवा, UP में प्रियंका गांधी की सभाओं में करेंगे विरोध-प्रदर्शन

प्रेसवर्त्ता में राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान कविया ने गहलोत सरकार पर संवाद हीनता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार संवाद हीन हो चुकी है.

वह कर्मचारियों से उनकी मांगों को लेकर कोई बात नहीं करना चाहती है. पिछले 3 सालों में सरकार ने कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली जबकि सत्ता में आने से पहले ही कर्मचारियों से जो वादे किए गए थे. उस पर विश्वास करके कर्मचारियों ने प्रदेश की 17 सीटों पर कांग्रेस डाक मतपत्रों से जीती है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने सत्ता संभालते ही सामंत कमेटी का समय बढ़ाया. ऐसे लग रहा था कि सरकार कर्मचारियों के हितों में सकारात्मक कदम उठाएगी.

पढ़ें. राजस्थान में सियासी घमासान के पहले अध्याय पर विराम..अगले पड़ाव में और मुश्किल से गुजरेगी प्रदेश कांग्रेस

सामंत कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार ने खेमराज कमेटी बना दी. महासभा ने हेमराज कमेटी का पुरजोर विरोध किया और मांग की कि पहले वाली सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. सरकार के खिलाफ कर्मचारी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. प्रदेश में गहलोत सरकार का काउंट डाउन शुरू हो चुका है.

पशुपालन कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय सैनी ने बताया कि 8 नवंबर से कर्मचारी आंदोलनरत हैं. विभिन्न माध्यमों से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आगामी 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक सरकार के प्रशासन गांव के संग और प्रशासन शहर के संग अभियान का कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. इसके बाद 4 दिसंबर को संयुक्त संघर्ष समिति की निर्णायक बैठक होगी जिसमें कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार जो कर्मचारियों की अनदेखी करती है तो उसका पतन हुआ है.

अजमेर. राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ (Rajasthan State Subordinate Joint Employees Federation) ने लंबित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर गहलोत सरकार (Gehlot Government) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अजमेर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी संगठनों ने संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन की राह पकड़ ली है.

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान कविया ने अजमेर में कर्मचारी संगठनों के विभिन्न घटकों के पदाधिकारियों के साथ मिलकर प्रेस वार्ता की. 4 दिसंबर को निर्णायक बैठक का निर्णय लिया गया है जिसमें महासभा अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लेगी.

प्रशासन शहर एवं गांव के संग अभियान का करेंगे बहिष्कार

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प्रेसवर्त्ता में राजस्थान राज्य अधीनस्थ संयुक्त कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष आयुदान कविया ने गहलोत सरकार पर संवाद हीनता का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों से किए गए वादों को पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि सरकार संवाद हीन हो चुकी है.

वह कर्मचारियों से उनकी मांगों को लेकर कोई बात नहीं करना चाहती है. पिछले 3 सालों में सरकार ने कर्मचारियों की कोई सुध नहीं ली जबकि सत्ता में आने से पहले ही कर्मचारियों से जो वादे किए गए थे. उस पर विश्वास करके कर्मचारियों ने प्रदेश की 17 सीटों पर कांग्रेस डाक मतपत्रों से जीती है. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने सत्ता संभालते ही सामंत कमेटी का समय बढ़ाया. ऐसे लग रहा था कि सरकार कर्मचारियों के हितों में सकारात्मक कदम उठाएगी.

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सामंत कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार ने खेमराज कमेटी बना दी. महासभा ने हेमराज कमेटी का पुरजोर विरोध किया और मांग की कि पहले वाली सामंत कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए. सरकार के खिलाफ कर्मचारी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे. प्रदेश में गहलोत सरकार का काउंट डाउन शुरू हो चुका है.

पशुपालन कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय सैनी ने बताया कि 8 नवंबर से कर्मचारी आंदोलनरत हैं. विभिन्न माध्यमों से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि आगामी 1 दिसंबर से 3 दिसंबर तक सरकार के प्रशासन गांव के संग और प्रशासन शहर के संग अभियान का कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. इसके बाद 4 दिसंबर को संयुक्त संघर्ष समिति की निर्णायक बैठक होगी जिसमें कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार जो कर्मचारियों की अनदेखी करती है तो उसका पतन हुआ है.

Last Updated : Nov 22, 2021, 4:27 PM IST
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