अजमेर. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के सुप्रीमो रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के तहत हुई गुर्जर (Shoes thrown at minister in Bainsla bone immersion) सभा ने सियासी रंग ले लिया. कार्यक्रम के दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाने से रोका गया था, जिसको लेकर समर्थकों में नाराजगी थी. वहीं मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना को भी पायलट के समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा. पायलट समर्थकों ने नेताओं को जूते दिखाने के साथ ही काले कपड़े दिखाकर भी विरोध जताया.
पुष्कर में आयोजित गुर्जर सभा में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला को समाज के बीच साफा (Ruckus in Bainsla bone immersion Program) पहनाकर विरासत सौंपी गई. इस दौरान पायलट के समर्थन में नारे लगाए गए. जब उन्हें ऐसा करने से रोका गया तो समर्थक भड़क गए. हालांकि पुलिस की गहमागहमी के बाद वे शांत हो गए. लेकिन मामला उस वक्त और गर्म हो गया जब मंच पर पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत और राज्य मंत्री अशोक चांदना पहुंचे.
चांदना को दिखाए जूते: पायलट समर्थकों ने काले कपड़े दिखाकर मंत्री शकुंतला रावत और राज्यमंत्री अशोक चांदना का विरोध किया. इतना ही नहीं पायलट समर्थकों ने इन नेताओं को जूते भी दिखाए. वहीं पानी की खाली बोतलें भी फेंकी गईं. मंच पर संबोधन करने गए राज्यमंत्री अशोक चांदना को (Shoes shown to Minister Chandna) पायलट समर्थकों ने बोलने ही नहीं दिया. हालांकि विरोध के बीच भी राजस्थान की पर्यटन मंत्री शकुंतला रावत ने अपना संबोधन जारी रखा. मंत्री रावत ने कर्नल बैंसला के संघर्ष को याद किया. वहीं गुर्जर आंदोलन के दौरान तत्कालीन बीजेपी सरकार में पुलिस की गोली से मारे गए 70 लोगों का जिक्र भी किया.
रावत ने करौली सरकारी कॉलेज का नाम कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नाम से करने की घोषणा भी की है. उन्होंने (Shoes thrown at Chandna and Shakuntla Rawat) कहा कि यह सामाजिक सभा है जो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के अस्थि विसर्जन के लिए रखी गई है. इसको सियासत का रंग नहीं देना चाहिए. जो लोग हंगामा और नारेबाजी कर रहे हैं, उन्हें चैलेंज करती हूं कि वह पार्टी की मीटिंग में आएं. इस दौरान सभा में आरसीए चेयरमैन वैभव गहलोत भी सभा में आए लेकिन लोगों का विरोध देख धर्मेंद्र राठौड़ के साथ लौट गए.
अस्थियों को किया गया प्रवाहित: हंगामे के बीच कार्यक्रम संपन्न होने के बाद गुर्जर भवन में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की मूर्ति का अनावरण किया गया. सभा में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शिरकत की. बाद में पुष्कर के पवित्र सरोवर के गुर्जर घाट पर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थियों को प्रवाहित किया गया. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम के दौरान भी सभा में गुर्जर समाज के लोगों में बीच हुए दो धड़ों का असर दिखा. अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में जितने लोगों की उम्मीद की जा रही थी उससे बहुत कम लोग ही पुष्कर सरोवर के घाट पर पहुंचे.
चांदना के ट्वीट पर राठौड़ का जवाब
किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थि विसर्जन से पहले तीर्थ नगरी पुष्कर के मेला ग्राउंड पर हुई गुर्जर सभा में कांग्रेसी नेताओं को पायलट समर्थकों का विरोध झेलना पड़ा. पायलट समर्थकों ने विरोध स्वरूप नेताओं को जूते-चप्पल दिखाने के साथ मंच पर पानी की बोतलें भी फेंकी. इसको लेकर राज्य मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट भी किया है. वहीं पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने भी चांदना के ट्वीट का जवाब दिया है. राज्यमंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करके लिखा कि आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला. 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्री मंडल सदस्य) राजेंद्र राठौड़ के मंच पर आने पर तालियां बजीं और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए.
चांदना ने ट्वीट पर पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौड़ पर करारा हमला बोला है. इसके जवाब में राजेंद्र राठौड़ ने री ट्वीट करते हुए लिखा कि दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी? दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत में ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे. अभी तो आगे-आगे देखो होता है क्या...