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अजमेर: सफाई कर्मियों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़, बिना मास्क और ग्लव्स के कर रहे नालों की सफाई

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Published : Jun 16, 2020, 11:30 AM IST

देश भर में कोरोना माहमारी का खतरा अभी पूरी तरह से कम नहीं हुआ है, उसके बावजूद खतरों के बीच सफाईकर्मी बिना मास्क, ग्लव्स लगाए काम करने को मजबूर हैं.

Scavengers working without safety, अजमेर न्यूज
सफाईकर्मी बिना सुरक्षा के काम कर रहें

अजमेर. मानसून से पहले अजमेर नगर निगम शहर के नालों की सफाई करवाने में जुट गया है. जिससे मानसून में जल जमाव की स्थिति पैदा नहीं हो लेकिन साफ-सफाई में जुटे सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य और जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

सफाईकर्मी बिना सुरक्षा के काम कर रहें

सफाई में लगे लगभग 70 से 80 सफाई कर्मचारी नालों में उतर कर बगैर मास्क, गलव्स, गमबूट पहने नालों की सफाई कार्य में जुटे दिखें. एक तरफ इन सफाई कर्मचारियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. दूसरी ओर नालों से निकलनेवाले जहरीले गैस इनकी जान ले सकते हैं. फिर भी नालों की सफाई में लगे ये सफाई कर्मचारी बिना पूरी सुरक्षा के साथ नालों की सफाई कर रहे हैं. इन सफाईकर्मियों को मास्क और ग्लव्स देने का दावा किया जा रहा है पर ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो ये सफाई कर्मचारी बिना पूरी सुरक्षा के सफाई कार्य में लगे दिखें. वहीं कुछ सफाई कर्मियों ने सिर्फ मास्क पहन रखा था तो एक-दो लोगों ने सिर्फ गलव्स पहना था.

यह भी पढ़ें. सूफी और भजन गायक जॉन अजमेरी पर पत्नी ने लगाया दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप

नगर निगम की ओर से प्रतिवर्ष मानसून से पहले नालों की सफाई करवाई जाती है. जिससे बारिश के पानी की निकासी आसानी से हो सके. निगम स्तर और ठेकेदार के माध्यम से शहर भर के अलग-अलग नालों की सफाई की जाती है. जिसमें बड़े नालों की सफाई जेसीबी और पोकलेन मशीन के जरिए होती है तो छोटे नाले जो लगभग 2 फीट के नाले हैं, उनकी सफाई कर्मचारियों द्वारा करवाई जाती है.

यह भी पढ़ें. अजमेर में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर बैठक

बिना सुरक्षा के सफाई करवाना सफाई करने वालों के जान के साथ खिलवाड़ है. वहीं अगर नगर निगम ने सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए हैं तो उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सफाइकर्मी पूरी सुरक्षा के साथ काम कर भी रहे हैं या नहीं.

सफाई कर्मचारी अध्यक्ष ने जताया विरोध

अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष अनिल गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि सीधे तौर पर ठेकेदारों की लापरवाही है. सफाई कर्मचारियों से बिना सुरक्षा के साथ कार्य करवाया जा रहा है. जिससे कहीं ना कहीं उनमें संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है.

यह भी पढ़ें. अजमेरः केंद्रीय कारागृह के 111 कैदियों का हुआ कोविड-19 टेस्ट

अब ऐसे में जिस तरह से महामारी का दौर चल रहा है और अजमेर में भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. उसके बावजूद बिना मास्क और ग्लव्स के सफाई करवाना सफाई कर्मचारियों की जिंदगी के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ करना है.

यह होती है परेशानी

कुछ सफाईकर्मियों का कहना है कि मास्क और ग्लव्स पहनकर सफाई करने में दिक्कत होती है. वहीं नाले ढके होने से नालों के अंदर घुसकर सफाई करना पड़ता है. नालों पर पक्का निर्माण कर कब्जे करने के कारण दो तीन फीट के नालों की मशीन से सफाई नहीं की जाती है.

अजमेर. मानसून से पहले अजमेर नगर निगम शहर के नालों की सफाई करवाने में जुट गया है. जिससे मानसून में जल जमाव की स्थिति पैदा नहीं हो लेकिन साफ-सफाई में जुटे सफाई कर्मचारियों के स्वास्थ्य और जान के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

सफाईकर्मी बिना सुरक्षा के काम कर रहें

सफाई में लगे लगभग 70 से 80 सफाई कर्मचारी नालों में उतर कर बगैर मास्क, गलव्स, गमबूट पहने नालों की सफाई कार्य में जुटे दिखें. एक तरफ इन सफाई कर्मचारियों पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है. दूसरी ओर नालों से निकलनेवाले जहरीले गैस इनकी जान ले सकते हैं. फिर भी नालों की सफाई में लगे ये सफाई कर्मचारी बिना पूरी सुरक्षा के साथ नालों की सफाई कर रहे हैं. इन सफाईकर्मियों को मास्क और ग्लव्स देने का दावा किया जा रहा है पर ईटीवी भारत ने पड़ताल की तो ये सफाई कर्मचारी बिना पूरी सुरक्षा के सफाई कार्य में लगे दिखें. वहीं कुछ सफाई कर्मियों ने सिर्फ मास्क पहन रखा था तो एक-दो लोगों ने सिर्फ गलव्स पहना था.

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नगर निगम की ओर से प्रतिवर्ष मानसून से पहले नालों की सफाई करवाई जाती है. जिससे बारिश के पानी की निकासी आसानी से हो सके. निगम स्तर और ठेकेदार के माध्यम से शहर भर के अलग-अलग नालों की सफाई की जाती है. जिसमें बड़े नालों की सफाई जेसीबी और पोकलेन मशीन के जरिए होती है तो छोटे नाले जो लगभग 2 फीट के नाले हैं, उनकी सफाई कर्मचारियों द्वारा करवाई जाती है.

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बिना सुरक्षा के सफाई करवाना सफाई करने वालों के जान के साथ खिलवाड़ है. वहीं अगर नगर निगम ने सुरक्षा उपकरण मुहैया करवाए हैं तो उन्हें ये सुनिश्चित करना चाहिए कि ये सफाइकर्मी पूरी सुरक्षा के साथ काम कर भी रहे हैं या नहीं.

सफाई कर्मचारी अध्यक्ष ने जताया विरोध

अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष अनिल गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि सीधे तौर पर ठेकेदारों की लापरवाही है. सफाई कर्मचारियों से बिना सुरक्षा के साथ कार्य करवाया जा रहा है. जिससे कहीं ना कहीं उनमें संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है.

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अब ऐसे में जिस तरह से महामारी का दौर चल रहा है और अजमेर में भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. उसके बावजूद बिना मास्क और ग्लव्स के सफाई करवाना सफाई कर्मचारियों की जिंदगी के साथ सीधे तौर पर खिलवाड़ करना है.

यह होती है परेशानी

कुछ सफाईकर्मियों का कहना है कि मास्क और ग्लव्स पहनकर सफाई करने में दिक्कत होती है. वहीं नाले ढके होने से नालों के अंदर घुसकर सफाई करना पड़ता है. नालों पर पक्का निर्माण कर कब्जे करने के कारण दो तीन फीट के नालों की मशीन से सफाई नहीं की जाती है.

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