अजमेर. आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने बीजीपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बयान पर पलटवार (Dharmendra Singh Rathod comment on Satish Poonia) करते हुए कहा कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को उनकी पार्टी के लोग ही गंभीरता से नहीं लेते. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता गहलोत के निर्णय से खुश है. यह बजट ऐतिहासिक है.
आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ रविवार को अजमेर में थे. यहां कई जगह उनके स्वागत सम्मान का कार्यक्रम रखा गया था. कुंदन नगर स्थित राजपूत छात्रावास में आयोजित अभिनंदन समारोह में भी राठौड़ शिरकत करने पहुंचे. राठौड़ ने कहा कि सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए उनकी पार्टी सारे उपचुनाव हारी है. रीट को लेकर आंदोलन किरोड़ी लाल मीणा करते हैं और पूनिया दुखी हो जाते हैं. वसुंधरा राजे घूमती हैं तो भी वे दुखी हो जाते हैं. बीजेपी में मुख्यमंत्री के 7-8 चेहरे बने हुए हैं.
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उन्होंने कहा कि पूनिया की पार्टी में अंतर्कलह है. उन्हें डर है कि हाई कमान कहीं उन्हें पद से न हटा दे इसलिए उन्हें कुछ बोलना पड़ता है. इसलिए विरोध में बयान देना पूनिया की गलती नहीं है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता गहलोत के निर्णय से खुश है और यह बजट ऐतिहासिक है. बजट में ऐसा कोई वर्ग नहीं है जिसका ध्यान नहीं रखा गया है. बजट में जो मास्टरस्ट्रोक था वह कर्मचारियों की पेंशन लागू करना था. ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होने से बीजेपी के नेताओं को चिंता है कि राजस्थान एक मॉडल बन गया है.
अब इसका दबाव मोदी और भाजपा शासित जितने भी राज्य हैं उन पर भी पड़ेगा. वह भी राजस्थान की तरह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करें. राठौड़ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी के लोगों की कथनी और करनी में फर्क है. बीजेपी एंटी किसान, मजदूर, कर्मचारी है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में 2023 में गहलोत के नेतृत्व में फिर से सरकार बनेगी. राठौड़ ने कहा कि बीजेपी का यही हाल रहा तो 2024 में मोदी को भी पता चल जाएगा कि सच्चाई परेशान हो सकती है, हार नहीं सकती.
राठौड़ ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार को 7 वर्ष हो चुके हैं. इस कार्यकाल में किसानों की हालत क्या हो गई है. कृषि कानून को लेकर किसान आंदोलनरत रहे. आखिरकार केंद्र सरकार को तीनों कृषि कानून वापस लेने पड़े. रेलवे, हवाई जहाज का निजीकरण कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जिस गुजरात मॉडल की यह लोग बात करते हैं वहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर स्टेट सर्विस तक के कर्मचारियों के हालात भी जाकर पूछें, ऑल इंडिया सर्विसेज को ही देख लें.
राठौड़ ने कहा कि केंद्र सरकार को युवाओं को रोजगार देना ही पड़ेगा और अब यह झांसे बाजी नहीं चलेगी. गहलोत सरकार पहली बार कृषि का अलग से बजट लेकर आई है. बजट में हर वर्ग का ख्याल रखा गया है. इसका भी बीजेपी के नेता विरोध जरूर करेंगे क्योंकि असल में उनके पास कुछ और करने को भी नहीं है.