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Budget 2021 Reaction: केंद्रीय बजट को लेकर अजमेर संभाग के व्यापारियों की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार के बजट को लेकर अजमेर संभाग के व्यापारियों की अलग अलग राय है. कुछ व्यापारियों को बजट राहत देने वाला लगा तो कुछ व्यापारियों की राय है कि बजट से उनकी उम्मीदे पूरी नहीं हुईं. केंद्र सरकार के बजट से व्यापारी वर्ग को भी बड़ी उम्मीद थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाईं. हालांकि बजट से मन्द पड़े रियल स्टेट कारोबार को गति मिलेगी.

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केंद्र बजट को लेकर अजमेर संभाग के व्यापारियों की प्रतिक्रिया
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Published : Feb 2, 2021, 1:59 AM IST

Updated : Feb 2, 2021, 2:28 AM IST

अजमेर. केंद्र सरकार के बजट से अजमेर संभाग के व्यापारी जगत की अलग अलग राय है. कुछ व्यापारियों को बजट राहत देने वाला लगा तो कुछ व्यापारियों की राय है कि बजट से उनकी उम्मीदे पूरी नहीं हुईं.

केंद्र बजट को लेकर अजमेर संभाग के व्यापारियों की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार के बजट से व्यापारी वर्ग को भी बड़ी उम्मीद थी. खासकर जीएसटी स्लैब 28 प्रतिशत से 12 प्रतिशत करने की व्यापारियों की मांग थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई. हालांकि बजट से मन्द पड़े रियल स्टेट कारोबार को गति मिलेगी. नया घर खरीदे से लेकर घर बेचने तक बजट में कई राहत दी गईं हैं. वहीं कीमती धातु सोने पर से एक्ससाइज डयूटी कम करने, आयकर की सीमा 5 लाख तक करने जैसे प्रवधान व्यापार के लिए हितकारी माने जा रहे हैं.

व्यापारी अनीष कुमार ने बताया कि केंद्र का बजट व्यापार और व्यापारी के लिए फायदेमंद बजट है. बजट में मध्यम एवं निम्न वर्ग के व्यापारी का भी पूरा ध्यान रखा गया है. व्यापारी प्रवीण जैन ने बताया कि घर खरीदने और बेचने मैं कैपिटल गेन को लेकर जो टैक्स में चोरी हुआ करती थी, वह खत्म हो जाएगी. व्यापारी उस पैसे का उपयोग व्यापार में कर सकेगा. कैपिटल गेन्स पर टैक्स बाध्यता खत्म करके बड़ी राहत दी गई है. सोने चांदी और लोहे पर एक्साइज ड्यूटी घटाई है. बजट से व्यापारियों को फायदा मिलेगा और व्यापार सुचारू रूप से चलेगा.

पढ़ें- Budget 2021 Reaction: बजट से देश के आर्थिक विकास को दिशा मिलेगी: गुलाबचंद कटारिया

एक अन्य व्यापारी कमल गंगवाल ने बताया कि सरकार ने जीएसटी के स्लैब को 28 फीसदी ही रहने दिया, जबकि व्यापारियों की मांग थी कि जीएसटी स्लैब 12 प्रतिशत होता कि रोजमर्रा के काम आने वाली चीजों के भाव कम हो. जिससे आमजन को राहत मिले. गंगवाल ने कहा कि कोरोना काल से व्यापार को हुए नुकसान से व्यापारी अभी तक उभरा नहीं है. गंगवाल ने कहा कि सरकार ने कॉर्पोरेट जगत का बजट में ख्याल रखा है. मध्यम और निम्न वर्ग के व्यापारियों का ख्याल बजट में नहीं रखा गया है.

अजमेर सर्राफा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बिंदल ने कहा कि आयकर में 5 लाख तक की छूट पहले भी थी. बिंदल ने कहा कि बजट में कीमती धातु सोने पर दो परसेंट ड्यूटी कम की है, जबकि 6 परसेंट ड्यूटी कम करने की मांग थी. मांग अनुसार ड्यूटी कम की जाती तो सोने की तस्करी भी कम होती. जिससे सरकार को भी फायदा मिलता और आम आदमी को भी.

उन्होंने कहा कि जीएसटी में कोई छूट नहीं दी गई है. सोना चांदी पर तीन पर्सेंट जीएसटी है. तीन परसेंट की जगह एक परसेंट जीएसटी सोने पर होती तो भी व्यापार होता. जिससे गवर्नमेंट को 3 परसेंट से ज्यादा रेवेन्यू एक परसेंट करने पर मिलता और व्यापार अच्छा चलता.

अजमेर. केंद्र सरकार के बजट से अजमेर संभाग के व्यापारी जगत की अलग अलग राय है. कुछ व्यापारियों को बजट राहत देने वाला लगा तो कुछ व्यापारियों की राय है कि बजट से उनकी उम्मीदे पूरी नहीं हुईं.

केंद्र बजट को लेकर अजमेर संभाग के व्यापारियों की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार के बजट से व्यापारी वर्ग को भी बड़ी उम्मीद थी. खासकर जीएसटी स्लैब 28 प्रतिशत से 12 प्रतिशत करने की व्यापारियों की मांग थी, लेकिन वह पूरी नहीं हो पाई. हालांकि बजट से मन्द पड़े रियल स्टेट कारोबार को गति मिलेगी. नया घर खरीदे से लेकर घर बेचने तक बजट में कई राहत दी गईं हैं. वहीं कीमती धातु सोने पर से एक्ससाइज डयूटी कम करने, आयकर की सीमा 5 लाख तक करने जैसे प्रवधान व्यापार के लिए हितकारी माने जा रहे हैं.

व्यापारी अनीष कुमार ने बताया कि केंद्र का बजट व्यापार और व्यापारी के लिए फायदेमंद बजट है. बजट में मध्यम एवं निम्न वर्ग के व्यापारी का भी पूरा ध्यान रखा गया है. व्यापारी प्रवीण जैन ने बताया कि घर खरीदने और बेचने मैं कैपिटल गेन को लेकर जो टैक्स में चोरी हुआ करती थी, वह खत्म हो जाएगी. व्यापारी उस पैसे का उपयोग व्यापार में कर सकेगा. कैपिटल गेन्स पर टैक्स बाध्यता खत्म करके बड़ी राहत दी गई है. सोने चांदी और लोहे पर एक्साइज ड्यूटी घटाई है. बजट से व्यापारियों को फायदा मिलेगा और व्यापार सुचारू रूप से चलेगा.

पढ़ें- Budget 2021 Reaction: बजट से देश के आर्थिक विकास को दिशा मिलेगी: गुलाबचंद कटारिया

एक अन्य व्यापारी कमल गंगवाल ने बताया कि सरकार ने जीएसटी के स्लैब को 28 फीसदी ही रहने दिया, जबकि व्यापारियों की मांग थी कि जीएसटी स्लैब 12 प्रतिशत होता कि रोजमर्रा के काम आने वाली चीजों के भाव कम हो. जिससे आमजन को राहत मिले. गंगवाल ने कहा कि कोरोना काल से व्यापार को हुए नुकसान से व्यापारी अभी तक उभरा नहीं है. गंगवाल ने कहा कि सरकार ने कॉर्पोरेट जगत का बजट में ख्याल रखा है. मध्यम और निम्न वर्ग के व्यापारियों का ख्याल बजट में नहीं रखा गया है.

अजमेर सर्राफा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक बिंदल ने कहा कि आयकर में 5 लाख तक की छूट पहले भी थी. बिंदल ने कहा कि बजट में कीमती धातु सोने पर दो परसेंट ड्यूटी कम की है, जबकि 6 परसेंट ड्यूटी कम करने की मांग थी. मांग अनुसार ड्यूटी कम की जाती तो सोने की तस्करी भी कम होती. जिससे सरकार को भी फायदा मिलता और आम आदमी को भी.

उन्होंने कहा कि जीएसटी में कोई छूट नहीं दी गई है. सोना चांदी पर तीन पर्सेंट जीएसटी है. तीन परसेंट की जगह एक परसेंट जीएसटी सोने पर होती तो भी व्यापार होता. जिससे गवर्नमेंट को 3 परसेंट से ज्यादा रेवेन्यू एक परसेंट करने पर मिलता और व्यापार अच्छा चलता.

Last Updated : Feb 2, 2021, 2:28 AM IST
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