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...और हाईवे पर दौड़ पड़े राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, पीछे-पीछे भागे पुलिस के अधिकारी...कड़ी निगरानी में लाए गए - rajasthan hindi news

उदयपुर पुलिस की निगरानी में अजमेर पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद अपनी गाड़ी से उतरकर पैदल की हाइवे की ओर से रवाना हो गए. कुछ दूर पैदल चलने के बाद वे (Kirori lal Meena started running on the highway in Ajmer) दौड़ पड़े. उन्हें दौड़ता देख पुलिस के आलाधिकारी और सिपाहियों ने भी दौड़ लगा दी.

Kirori lal Meena started running on the highway in Ajmer
हाईवे पर दौड़े किरोड़ी
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Published : May 12, 2022, 10:07 PM IST

Updated : May 13, 2022, 7:32 AM IST

अजमेर. उदयपुर से पुलिस की निगरानी में अजमेर पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस ने अजमेर शहर में प्रवेश करने से रोक लिया. इस पर किरोड़ी लाल मीणा अपनी गाड़ी से पैदल ही हाइवे की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे पुलिस के आला अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता भी चल पड़ा. कुछ दूर पैदल चलने के बाद डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Kirori lal Meena started running on the highway in Ajmer) दौड़ पड़े और उनके पीछे पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को भी दौड़कर पसीना बहाना पड़ा.

बातचीत में डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वह पुष्कर में शंकराचार्य के चिंतन शिविर में जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें वहां जाने से रोक रही है. ब्यावर रोड पर पैदल चल रहे डॉ किरोड़ी लाल मीणा से पदयात्रा करने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पुष्कर में जगद्गुरु शंकराचार्य आए हुए हैं यहां उनका साधना शिविर है. शिविर का मुझे निमंत्रण है, मैं वहां जाना चाहता था. उदयपुर में पुलिस ने मुझे पत्रकार वार्ता नहीं करने दी. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर शुरू हुआ है. कांग्रेस इस बात की चिंता करें कि यहां के आदिवासियों की बदहाली है, भूख से लोग मर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनमें कुपोषण है वह पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर पत्रकार वार्ता करना चाहता था.

हाईवे पर दौड़े किरोड़ी

पढ़ें. सांसद किरोड़ी लाल मीणा पहुंचे उदयपुर, पुलिस ने होटल में घेरा तो हुई नोकझोंक...सांसद को भेजा गया शहर से बाहर

डॉ किरोड़ी मीणा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का चिंतन शिविर जिस होटल में चल रहा है, उस होटल का निर्माण भी अवैध रूप से हुआ है. उनका आरोप है कि होटल मालिक से गहलोत परिवार के आर्थिक संबंध हैं. यह मैं पत्रकार वार्ता में उजागर करना चाहता था कि होटल नदी के मार्ग पर बनाई गई है. वहां से बहाव क्षेत्र पिछोला झील में जाता है. उस बहाव और देवास योजना के टर्नल को रोक दिया. किरोड़ी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि होटल बनाने के लिए वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर पहाड़ काट लिया. ऐसे होटल में कांग्रेस का चिंतन शिविर न हो यह बात में पत्रकार वार्ता में कहना चाहता था. उन्होंने कहा कि उदयपुर से 2:30 बजे पुलिस उठा कर लाई है. मीणा ने कहा कि मैंने बताया कि वह श्रीनाथजी के दर्शन करना चाहते थे तो पुलिस ने दर्शन नहीं करने दिए. मैंने पुलिस को कहा कि यह उदयपुर जिला में छोड़कर प्रतापगढ़ चला जाता हूं, लेकिन मुझे वहां भी नहीं जाने दिया.

पढ़ें. पीएफआई का प्रदेश में इलाज अब हम करेंगे: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा

प्रतापगढ़ के धारियावाद में 3 दिन का आदिवासी शिविर था. 13, 14 और 15 मई को देश भर के आदिवासी शिविर में आ रहे थे. मुझे वहां जाने से रोका गया. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पुलिस मुझे अजमेर ले आई. यहां मैं कुछ कर जाना चाहता था. उन्होंने कहा कि अजमेर में पदयात्रा जहां तक जाएगी वहां तक करूंगा, पुलिस मुझे गिरफ्तार भी तो नहीं कर रही है. कहा कि पुलिस सिर्फ एक बात कह रही है कि ऊपर से आदेश है, मेरी गाड़ी में एडिशनल एसपी और एक सीआई है. वहीं आगे पीछे पुलिस का जाप्ता लगा हुआ है.

क्यों मेरे साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है?: डॉ मीणा का आरोप है कि पुलिस ज्यादती कर रही है. मैंने कोई आंदोलन और हिंसा नहीं की है. मैं हिंसा करता या कानून को तोड़ता तो पुलिस कानून के दायरे में कार्रवाई करती. मैं शांति पूर्वक अजमेर की सड़कों पर चल रहा हूं और मेरी मांग है कि मुझे शंकराचार्य के साधना शिविर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पुष्कर जाने दिया जाए. गाड़ी में बैठने के बाद उन्होंने कहा कि मैं पुष्कर जाऊंगा, मैं अपनी कोशिश करूंगा पुलिस अपनी कोशिश करे.

अजमेर. उदयपुर से पुलिस की निगरानी में अजमेर पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस ने अजमेर शहर में प्रवेश करने से रोक लिया. इस पर किरोड़ी लाल मीणा अपनी गाड़ी से पैदल ही हाइवे की ओर रवाना हो गए. उनके पीछे पुलिस के आला अधिकारी और बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता भी चल पड़ा. कुछ दूर पैदल चलने के बाद डॉ किरोड़ी लाल मीणा (Kirori lal Meena started running on the highway in Ajmer) दौड़ पड़े और उनके पीछे पुलिस अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को भी दौड़कर पसीना बहाना पड़ा.

बातचीत में डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि वह पुष्कर में शंकराचार्य के चिंतन शिविर में जाना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें वहां जाने से रोक रही है. ब्यावर रोड पर पैदल चल रहे डॉ किरोड़ी लाल मीणा से पदयात्रा करने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि पुष्कर में जगद्गुरु शंकराचार्य आए हुए हैं यहां उनका साधना शिविर है. शिविर का मुझे निमंत्रण है, मैं वहां जाना चाहता था. उदयपुर में पुलिस ने मुझे पत्रकार वार्ता नहीं करने दी. उन्होंने कहा कि उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर शुरू हुआ है. कांग्रेस इस बात की चिंता करें कि यहां के आदिवासियों की बदहाली है, भूख से लोग मर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उनमें कुपोषण है वह पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को लेकर पत्रकार वार्ता करना चाहता था.

हाईवे पर दौड़े किरोड़ी

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डॉ किरोड़ी मीणा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का चिंतन शिविर जिस होटल में चल रहा है, उस होटल का निर्माण भी अवैध रूप से हुआ है. उनका आरोप है कि होटल मालिक से गहलोत परिवार के आर्थिक संबंध हैं. यह मैं पत्रकार वार्ता में उजागर करना चाहता था कि होटल नदी के मार्ग पर बनाई गई है. वहां से बहाव क्षेत्र पिछोला झील में जाता है. उस बहाव और देवास योजना के टर्नल को रोक दिया. किरोड़ी ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि होटल बनाने के लिए वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर पहाड़ काट लिया. ऐसे होटल में कांग्रेस का चिंतन शिविर न हो यह बात में पत्रकार वार्ता में कहना चाहता था. उन्होंने कहा कि उदयपुर से 2:30 बजे पुलिस उठा कर लाई है. मीणा ने कहा कि मैंने बताया कि वह श्रीनाथजी के दर्शन करना चाहते थे तो पुलिस ने दर्शन नहीं करने दिए. मैंने पुलिस को कहा कि यह उदयपुर जिला में छोड़कर प्रतापगढ़ चला जाता हूं, लेकिन मुझे वहां भी नहीं जाने दिया.

पढ़ें. पीएफआई का प्रदेश में इलाज अब हम करेंगे: डॉ. किरोड़ी लाल मीणा

प्रतापगढ़ के धारियावाद में 3 दिन का आदिवासी शिविर था. 13, 14 और 15 मई को देश भर के आदिवासी शिविर में आ रहे थे. मुझे वहां जाने से रोका गया. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि पुलिस मुझे अजमेर ले आई. यहां मैं कुछ कर जाना चाहता था. उन्होंने कहा कि अजमेर में पदयात्रा जहां तक जाएगी वहां तक करूंगा, पुलिस मुझे गिरफ्तार भी तो नहीं कर रही है. कहा कि पुलिस सिर्फ एक बात कह रही है कि ऊपर से आदेश है, मेरी गाड़ी में एडिशनल एसपी और एक सीआई है. वहीं आगे पीछे पुलिस का जाप्ता लगा हुआ है.

क्यों मेरे साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है?: डॉ मीणा का आरोप है कि पुलिस ज्यादती कर रही है. मैंने कोई आंदोलन और हिंसा नहीं की है. मैं हिंसा करता या कानून को तोड़ता तो पुलिस कानून के दायरे में कार्रवाई करती. मैं शांति पूर्वक अजमेर की सड़कों पर चल रहा हूं और मेरी मांग है कि मुझे शंकराचार्य के साधना शिविर कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पुष्कर जाने दिया जाए. गाड़ी में बैठने के बाद उन्होंने कहा कि मैं पुष्कर जाऊंगा, मैं अपनी कोशिश करूंगा पुलिस अपनी कोशिश करे.

Last Updated : May 13, 2022, 7:32 AM IST
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