अजमेर. जिला प्राइवेट बस मालिक एसोसिएशन के बैनर तले निजी बस संचालकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और न्याय की मांग की. निजी बस संचालकों ने कहा कि कोरोना काल में बसों का संचालन बंद है, कहीं से कोई कमाई का साधन नहीं है. इसके बावजूद भी परिवहन अधिकारियों द्वारा निजी बस संचलकों को परेशान किया जा रहा है.
जिला प्राइवेट बस मालिक एसोसिएशन के बैनर तले जिला मुख्यालय को ज्ञापन सौंपा गया जहां लगातार पूर्णा महामारी के बीच बस संचालकों की स्थिति अब स्तिथि हो चुकी है बसों का संचालन पूर्णता बंद है जिसको लेकर लगातार परिवहन अधिकारियों द्वारा बस संचालकों को परेशान किया जा रहा है जिसके विरोध में बुधवार को जिला मुख्यालय के बाहर निजी बस संचालक अपने वाहनों के साथ विरोध प्रदर्शन करेंगे.
प्राइवेट बस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष नवीन सोगानी ने बताया कि COVID-19 के दौरान भी परिवहन अधिकारियों द्वारा भारत सरकार की गाइडलाइन और मोटर वाहन अधिनियम की अनदेखी लगातार की जा रही है.
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उन्होंने बताया कि जहां कोरोना महामारी के चलते मार्च से बसों का संचालन बंद है, एमवी एक्ट में नॉन यूज के तहत छूट का प्रावधान दिया गया था. इसके बावजूद भी टैक्स में किसी प्रकार की छूट नहीं दी जा रही है. ऐसे में निजी बस संचालकों में सरकार के खिलाफ रोष व्याप्त है.
निजी बस संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो वो बुधवार को प्रदेश के परिवहन मुख्यालय के बाहर भौतिक रूप से वाहन को ले जाकर धरना प्रदर्शन करेंगे.
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इस दौरान ज्ञापन देने वालों में प्राइवेट बस जिलाध्यक्ष नीवन सोगानी के साथ मनीष अरोड़ा और राजेश गुप्ता शामिल रहे. उन्होंने बताया कि निजी बस संचालक पर कोरोना की मार सबसे अधिक पड़ी है. मांगलिक कार्यों के बंद होने के चलते बसों का संचालन नहीं हो पा रहा है. अब ऐसे में टैक्स में भी अगर छूट नहीं दी जाएगी तो फिर बस व्यापारियों की हालत खस्ता हो जाएगी.