अजमेर. देश में दुनिया के सबसे बड़े कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत शनिवार से हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने टीकाकरण की शुरुआत की है. इस मौके पर अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज में टीकाकरण का कार्यक्रम हुआ. सबसे पहले सभी ने पीएम नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन संबोधन को सुना. इसके बाद अजमेर संभाग में पहला टीका जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीबी सिंह को लगा.
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पहला टीका लगने के बाद प्राचार्य डॉ. वीके सिंह ने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के भव्य कार्यक्रम के बाद सौभाग्य से अजमेर संभाग में पहला टीका मुझे लगा है. लोगों में किसी प्रकार की भ्रांति ना रहे, इसलिए सबसे पहले टीका मैंने लगवाया है. टीका लगवाने के बाद किसी तरह के साइड इफेक्ट मुझमें प्रतीत नहीं हो रहे हैं.
प्राचार्य डॉ. वीके सिंह ने कहा कि कोरोना से अगर जंग जीत ली है तो मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और बार-बार हाथ धोना जरूरी है. इसके इलाज के लिए आवश्यक है कि सभी को टीका लगे. टीके के कोई साइड इफेक्ट नहीं है. ये मैंने खुद ने अनुभव किया है. डॉ. सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद है कि उन्होंने सबसे पहले हेल्थ वर्कर्स को टीकाकरण के लिए चुना. प्राचार्य डॉ. वीके सिंह ने बताया कि टीकाकरण के लिए जो निर्धारित प्रोटोकॉल है, उन्हें निभाना होता है. मुझे टीका लगा है.
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बता दें कि जेएलएन मेडिकल कॉलेज के यूरोलॉजी विभाग में कोविड-19 के स्थाई टीकाकरण भवन में पीएम नरेंद्र मोदी के ऑनलाइन संबोधन को सुनने की व्यवस्था की गई थी. टीकाकरण के प्रथम चरण में पंजीकृत हेल्थ वर्कर्स, जेएलन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, विभिन्न विभागों के आचार्य, सहआचार्य, नर्सिंग स्टाफ मौजूद रहे. टीकाकरण के पहले दिन जिले में 7 स्थानों पर टीका लगाने की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक सेंटर पर 300 डोज कोविशील्ड की भेजी गई है. इसमें जेएलएन मेडिकल कॉलेज, जनाना अस्पताल, सेटेलाइट अस्पताल, मित्तल अस्पताल, जिला अस्पताल केकड़ी, ब्यावर और किशनगढ़ अस्पताल में वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यहां 700 पंजीकृत हेल्थ वर्कर को टीके लगाए जा रहे हैं.