अजमेर. पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के विजेताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया. राजस्थान से एक मात्र अजमेर की बेटी गौरी माहेश्वरी पीएम के संवाद कार्यक्रम में शामिल हुईं. एनआईसी कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में गौरी माहेश्वरी के शिक्षक, अभिभावक के साथ अजमेर कलेक्टर अंशदीप भी मौजूद रहे.
जानकारी के मुताबिक गौरी माहेश्वरी मेयो गर्ल्स कॉलेज की आठवीं कक्षा की छात्रा हैं. अजमेर में शास्त्री नगर की रहने वाली गौरी महेश्वरी शुरू से ही होनहार छात्र रही हैं. जिस उम्र में बच्चे ठीक से पेन का इस्तेमाल भी नहीं कर पाते थे, उस उम्र में गौरी ने कैलीग्राफी सीखना आरंभ कर दिया था.
गौरी महेश्वरी का नाम दुनिया की सबसे कम उम्र की कैलीग्राफी शिक्षक (Gauri Maheshwari the youngest calligraphy teachers) के रूप में शुमार है. कक्षा 2 में गौरी माहेश्वरी ने कैलीग्राफी सीखना शुरू किया था. आज 150 से अधिक कैलीग्राफी स्टाइल में गौरी ने महारत हासिल कर रखी है. अजमेर से गौरी महेश्वरी पहली बालिका हैं जिसने राष्ट्रीय बाल पुरस्कार प्राप्त किया है.
गौरी ने बताया कि पीएम का संवाद कार्यक्रम काफी प्रेरणादायक रहा है. गौरी ने कहा कि प्रतिभा को कभी छुपाना नहीं चाहिए बल्कि उसे सामने लाना चाहिए. आगे भविष्य में वह ऐसे ही प्रतिभावान बच्चों को आगे लाने का कार्य करेंगी. गौरी का मानना है कि सभी के अंदर कोई न कोई प्रतिभा होती है, जरूरत है सिर्फ उसे पहचानने की और उसे निखारने की. गौरी ने बताया कि समय की पाबंदी की वजह से पीएम से बातचीत नहीं हो पाई है. पीएम ने कुछ ही बच्चों से बातचीत की है लेकिन उन्होंने जो भी कहा वह उत्साहजनक रहा.
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता गौरी माहेश्वरी की माता मीनाक्षी माहेश्वरी ने बताया कि गौरी को दूसरी कक्षा में ही कैलीग्राफी सीखने की इच्छा हुई. उसे जब टीचर के पास लेकर गए तो शिक्षक ने सिखाने से मना कर दिया और कहा कि कक्षा 6 से तो बच्चों को पेन का इस्तेमाल करना सिखाया जाता है. इतनी छोटी सी उम्र में पेंसिल भी बच्चे ठीक से नहीं पकड़ सकते. ऐसे में कैलीग्राफी सीखना मुमकिन नहीं है, लेकिन गौरी की लगन देखकर टीचर से उसे सिखाने के लिए आग्रह किया गया.
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आखिरकार टीचर ने गौरी को कैलीग्राफी सिखाना शुरू कर दिया. गौरी की प्रतिभा निखरने लगी. कैलीग्राफी की क्लास में गौरी महेश्वरी से बड़े बच्चे कैलीग्राफी सीखते थे। उनके बीच गौरी की कॉपी को मॉडल के रूप में कक्षा में दिखाया जाता था. उन्होंने बताया कि गौरी के दादा-दादी और नाना-नानी अजमेर से हैं. गौरी का जन्म भी अजमेर में ही हुआ है. उन्होंने बताया कि गौरी महेश्वरी को कई पुरस्कार मिले हैं. आर्ट एंड क्राफ्ट में गौरी की रुचि है. राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के लिए उसे सम्मानित भी किया गया है.
अजमेर कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि गौरी ने सबसे कम उम्र में कैलीग्राफी के शिक्षक होने का सम्मान प्राप्त किया है. गौरी माहेश्वरी फिलहाल ऑनलाइन ही 15 सौ से अधिक लोगों को कैलीग्राफी सिखा रहीं हैं. अजमेर में यह पहला अवसर है जब यहां के किसी बच्चे को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया है. उन्होंने कहा कि संवाद कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने बच्चों को प्रेरणादायक उद्बोधन दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे भारत का भविष्य हैं. अगले 25 वर्षों में भारत के निर्माण में युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा.